प्रधानमंत्री मोदी से मिलना चाहते थे चीनी विदेश मंत्री, भारत ने किया मना
चीन के विदेश मंत्री वांग यी शुक्रवार को अपना भारत दौरा संपन्न कर नेपाल रवाना हुए थे। अपनी यात्रा के दौरान वो अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल से मिले थे। अब खबरें आ रही हैं कि चीन चाहता था कि वांग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करें, लेकिन भारत ने विनम्रतापूर्वक इस मांग को ठुकरा दिया। भारत की तरफ से कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी पहले से तय कार्यक्रमों में व्यस्त रहेंगे।
शुक्रवार को भारत पहुंचे थे वांग यी
लद्दाख में सीमा पर जारी तनाव के बीच चीनी विदेश मंत्री के इस दौरे को काफी लो-प्रोफाइल रखा गया था। वांग गुरुवार शाम करीब 7:45 मिनट पर दिल्ली पहुंचे और शुक्रवार को 3 बजे नेपाल के लिए रवाना हो गए। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, इस दौरान वो प्रधानमंत्री से मिलना चाहते थे, लेकिन दिल्ली की तरफ से कहा गया कि मोदी लखनऊ में होने वाले योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण समारोह में व्यस्त रहेंगे।
चीन ने NSA डोभाल को किया दौरे के लिए आमंत्रित
सूत्रों के मुताबिक, चीन ने विशेष प्रतिनिधि के तौर पर अजित डोभाल को यात्रा के लिए निमंत्रित किया है। डोभाल ने इसका सकारात्मक जवाब देते हुए कहा कि कुछ मुद्दों के सफलतापूर्वक समाधान के बाद वो चीन आने को तैयार हैं।
चीन ने किया जल्द सेना पीछे हटाने का वादा- रिपोर्ट
न्यूज18 ने रिपोर्ट किया है डोभाल और वांग यी के बीच शुक्रवार को करीब एक घंटे बैठक चली थी, जिसमें चीन ने विवादित क्षेत्रों से 'जल्द और सभी सैनिक' हटाने का वादा किया है। सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि डोभाल ने सेना वापसी की मांग उठाई, जिस पर चीन ने कहा कि इस प्रक्रिया को जल्द पूरा किया जाएगा क्योंकि मौजूदा स्थित दोनों ही देशों के हित में नहीं है।
रिश्ते सुधारने की पहल कर रहा है चीन
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर जारी सैन्य तनाव के बीच चीन ने दो सालों में पहली बार भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने की पहल की है। बीजिंग ने नई दिल्ली को बातचीत शुरू करने के लिए कई तरह के प्रस्ताव भेजे हैं, जिनमें दोनों देशों के शीर्ष नेताओं की यात्राएं भी शामिल हैं। इसके अलावा भी चीन ने कई अन्य कार्यक्रम आयोजित करने का सुझाव दिया है।
मोदी की मेजबानी करना चाहता है चीन
इन प्रस्तावों और कोशिशों के बीच चीन का खास मकसद BRICS सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेजबानी करना है। इस साल चीन में होने वाले इस सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी हिस्सा लेंगे। बता दें कि BRICS ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका का एक संगठन है, जिसका मकसद इन देशों में आर्थिक और अन्य तरह का सहयोग बढ़ाना है। इसका गठन 2006 में किया गया था और इसका मुख्यालय शंघाई में है।