
बेल्जियम के युवक ने AI बॉट से लंबी बातचीत के बाद की आत्महत्या, जानिए पूरा मामला
क्या है खबर?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की लोकप्रियता को देखते हुए कई टेक कंपनियों ने चैटबॉट लॉन्च किया। इससे इंसानों को कई कामों में काफी मदद भी मिली। हालांकि, हाल ही में यूरोप से इससे बिल्कुल विपरीत खबर सामने आई है।
वहां कई हफ्तों तक चैटबॉट से बात करने के बाद एक व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली। इसके कारण वहां नागरिक सुरक्षा को लेकर मांग शुरू हो गई।
आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
चैटबॉट
6 हफ्तों की लंबी बातचीत के बाद युवक ने की आत्महत्या
बेल्जियम में रहने वाले एक युवक ने 6 हफ्तों तक एलीजा नामक चैटबॉट से पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन के बारे में लंबी बातचीत के बाद आत्महत्या कर ली।
दरअसल, 2 साल पहले से युवक पर्यावरण के बारे में बेहद चिंतित हो गया था। इसके लिए उसने एलीजा नामक चैटबॉट की मदद ली थी।
इस चैटबॉट को एलुथेरए AI द्वारा निर्मित किया गया है और यह GPT-J नामक ओपन-सोर्स AI लैंग्वेज मॉडल पर आधारित है।
मुलाकात
चैटबॉट से बात न करते तो जिंदा होते पति- पत्नी
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस घटना से युवक का परिवार काफी परेशान है और उन्होंने पिछले हफ्ते प्रशासनिक गोपनीयता और भवन विनियमन के नियंत्रण में डिजिटलीकरण के राज्य सचिव मैथ्यू मिशेल से मुलाकात की।
युवक की पत्नी ने कहा कि अगर उनके पति चैटबॉट के साथ बातचीत न करते तो वह अभी जिंदा होते।
वहीं मैथ्यू का कहना है कि यह एक गंभीर मामला है, जिसे बहुत गंभीरता से लेने की जरूरत है।
बयान
AI के दुरुपयोग के जोखिम को देखना महत्वपूर्ण है- मैथ्यू
मैथ्यू ने बताया, "ChatGPT के विस्तार से लोग अपनी जिंदगियों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की क्षमता के बारे में अधिक जागरूक हो गए हैं, लेकिन इसके दुरुपयोग के जोखिम को भी देखा जाना चाहिए। हालांकि, किसी भी तकनीक के इस्तेमाल से प्रकाशकों को अपनी जिम्मेदारियों से बचने के लिए कभी भी भागना नहीं चाहिए।"
उन्होंने आगे जोर देकर कहा कि ऐसी घटना में योगदान देने वाली जिम्मेदारियों की प्रकृति को निर्धारित करना महत्वपूर्ण है।
बयान
एल्गोरिदम के प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ाने की है आवश्यकता- मैथ्यू
रिपोर्ट्स के मुताबिक, घटना के बाद ऑपन AI ने स्वीकार किया है कि ChatGPT हानिकारक और पक्षपाती परिणाम दिखा सकता है, लेकिन यह यूजर इनपुट एकत्र करके समस्या को कम करने की उम्मीद करता है।
वहीं मैथ्यू का मानना है कि लोगों के जीवन पर एल्गोरिदम के प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ाना जरूरी है।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि लोगों को जोखिम पैदा करने वाले कुछ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ऐप से सुरक्षित किया जाना चाहिए।
जानकारी
AI अधिनियम की जांच के लिए कार्य समिति का हुआ गठन
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल को नियंत्रित करने के लिए यूरोपीय संघ पिछले 2 सालों से AI अधिनियम पर काम कर रहा है। वर्तमान में मेथ्यू ने यूरोपीय संघ द्वारा तैयार किए जा रहे पाठ की जांच करने के लिए कार्य समिति का गठन किया है।