आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की जंग में पीछे छूट गया मेटावर्स?
OpenAI के ChatGPT की सफलता के बाद आज दुनियाभर की दिग्गज टेक कंपनियां और टेक जगत की हस्तियां या तो इस तरह के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर काम कर रही हैं या फिर अपने प्रोडक्ट्स और बिजनेस में इसे इंटीग्रेट करने के तरीके तलाश रही हैं। AI की तरह लगभग 2 साल पहले 'मेटावर्स' शब्द लोगों की जुबान पर छाया था। कंपनियां मेटावर्स को सपोर्ट करने वाले प्रोडक्ट्स बना रही थीं। फिलहाल, मेटावर्स कठिन दौर से गुजर रही है।
जुकरबर्ग का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर जोर
वॉलस्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक वॉल्ट डिज्नी कंपनी ने मेटावर्स से जुड़े अपने डिवीजन को बंद कर दिया है। माइक्रोसॉफ्ट ने भी हाल ही में 2017 में अधिग्रहित एक सोशल वर्चुअल रियलिटी प्लेटफॉर्म को बंद कर दिया। दूसरी तरफ फेसबुक का नाम बदलकर मेटा रखने वाले मेटा CEO मार्क जुकरबर्ग ने पिछले महीने एक अर्निंग कॉल के दौरान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर ज्यादा जोर दिया। माइक्रोसॉफ्ट ने भी ChatGPT बनाने वाली कंपनी OpenAI में काफी पैसा निवेश किया है।
महंगे उपकरण और वैश्विक मंदी से मेटावर्स पर फिरा पानी
मेटा CEO और माइक्रोसॉफ्ट के AI झुकाव को देखते हुए लगता है कि अब टेक कंपनियां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। अक्टूबर 2021 में मेटा का नाम बदलकर मेटावर्स करने से शुरुआत में तो उत्साह दिखा, लेकिन यूजर्स ने उस तेजी से इसे अपनाया नहीं। माना गया कि मेटावर्स के लिए इस्तेमाल होने वाले हार्डवेयर और अन्य उपकरण महंगे थे और इसकी टेक्नोलॉजी में गड़बड़ी और वैश्विक मंदी के चलते मेटावर्स की उम्मीदों पर पानी फिर गया।
AI से कम समय में रिटर्न का वादा
मेटावर्स के बारे में एक किताब लिखने वाले वेंचर कैप्टलिस्ट और लेखक मैथ्यू बॉल ने कहा, लोगों को मेटावर्स से होने वाला परिवर्तन अभी बहुत दूर दिख रहा है। कंपनियों को मेटावर्स के जरिए राजस्व पैदा करना कठिन हो रहा है। रिसर्च फर्म थर्ड ब्रिज ग्रुप के टेक-सेक्टर विश्लेषक स्कॉट केसलर ने कहा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में निवेश कम समय में रिटर्न का वादा करता है। मेटावर्स के बारे में कोई नहीं जानता कि यह कब तक अधिक लोगों तक पहुंचेगी।
मेटावर्स का हॉरिजॉन ऐप यूजर्स तक नहीं बना पाया पहुंच
मेटा ने अपना नाम बदलकर मेटावर्स को बनने के प्रयास में अरबों रुपये खर्च किए हैं, लेकिन वॉलस्ट्रीट जर्नल द्वारा देखे गए आंतरिक दस्तावेजों के मुताबिक, इसका मुख्य ऐप हॉरिजॉन वर्ल्ड्स शुरुआती साल में ही यूजर्स तक अपनी पहुंच नहीं बना पाया। हॉरिजॉन वर्ल्ड और अन्य वर्चुअल-रियलिटी ऐप्स तक पहुंचने के लिए उपयोग किए जाने वाले मेटा का क्वेस्ट 2 वर्चुअल-रियलिटी हेडसेट्स की बिक्री भी गिरी है। कंपनी ने हाल ही में इसका दाम भी घटाया है।
कंपनियां रोक रही हैं मेटावर्स से जुड़े प्रोजोक्ट्स
रिपोर्ट में कहा गया कि मार्क जुकरबर्ग मेटावर्स पर नजर रखे हैं और AI के बाद कंपनी में लंबी-अवधि के प्रोडक्ट के तौर पर जगह बनाए हुए है। हालांकि, यह कहा गया कि एक मिटिंग के दौरान जुकरबर्ग ने AI का 28 बार जिक्र किया जबकि मेटावर्स शब्द का इस्तेमाल अब तक 7 मौकों पर किया गया है। कहा जा रहा है कि बिगड़ते आर्थिक हालातों से कंपनियां छंटनी कर रही हैं और मेटावर्स से जुड़े प्रोजेक्ट्स रोक रही हैं।
मेटावर्स पर गिरा जमीन का दाम
माइक्रोसॉफ्ट ने अब मेटावर्स आधारित होलोलेन्स टीम का पुनर्गठन किया है, लेकिन अपना बजट कम कर दिया है। मेटावर्स आधारित डीसेंट्रालेंड और सैंडबॉक्स जैसी छोटी कंपनियां जहां यूजर्स आभासी जमीन खरीदने और अपनी दुनिया बनाने में सक्षम हैं। इनकी जमीन बिक्री में कमी आई है। बिक्री पर नजर ऱखने वाली फर्म वीमेटा के अनुसार, डीसेंट्रालैंड में जमीन की कीमत 3,500 रुपये से गिरकर 400 रुपये प्रति वर्ग मीटर तक हो गई है।
6 महीनों में बिक्री के लिए रखी गई सभी जमीनें बिक गईं
डेसेंटरलैंड के एक प्रवक्ता ने कहा कि जमीन की बिक्री को यूजर्स की वृद्धि का संकेत नहीं माना जा सकता है। ऐसे देखें तो पिछले 6 महीनों में बिक्री के लिए रखी गई सभी नई जमीनें बिक गई हैं।
AI से और बेहतर होगा मेटावर्स
वेंचर कैपिटलिस्ट मिस्टर बॉल कहा कि मेटावर्स की चर्चा भले कम हुई है, लेकिन इसकी प्रगति में कमी समझने की भूल नहीं करनी चाहिए। हालांकि, इसकी प्रगति की स्पीड उतनी तेज नहीं है। DCL मेट्रिक्स के अनुसार, इस सप्ताह मेटावर्स फैशन वीक में वृद्धि देखी जा रही है। इसमें डोल्से एंड गब्बाना और टॉमी हिलफिगर जैसे ब्रांड हिस्सा ले रहे हैं। जानकारों का यह भी कहना है कि AI के जरिए तो मेटावर्स और बेहतर होगा।