
गूगल ने क्रोम में जोड़ा जेमिनी नैनो AI, फर्जी साइटों और नोटिफिकेशन से करेगा बचाव
क्या है खबर?
टेक दिग्गज कंपनी गूगल साइबर अपराध को रोकने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग कर रही है।
कंपनी ने अपने ब्राउजर क्रोम में 'जेमिनी नैनो' नाम का नया AI टूल जोड़ा है, जो यूजर्स को ऑनलाइन घोटालों से बचाता है।
यह टूल पहले डेस्कटॉप पर और अब धीरे-धीरे एंड्रॉयड डिवाइस पर भी लाया जा रहा है। इसका उद्देश्य यूजर्स को धोखाधड़ी वाली वेबसाइटों और फेक नोटिफिकेशन से सुरक्षित रखना है।
काम
कैसे काम करता है जेमिनी नैनो?
यह टूल क्रोम ब्राउजर में पहले से मौजूद 'एन्हांस्ड प्रोटेक्शन' सिस्टम का हिस्सा है, जो सामान्य सेटिंग से ज्यादा मजबूत सुरक्षा देता है।
जैसे ही कोई यूजर किसी संदिग्ध या फर्जी वेबसाइट पर जाता है, यह टूल तुरंत खतरे को पहचानता है और चेतावनी देता है।
जेमिनी नैनो AI टूल सब कुछ डिवाइस पर ही प्रोसेस करता है। यह नोटिफिकेशन के जरिए भी बताता है कि कोई साइट या सूचना असली है या घोटाले वाली।
खासियत
टूल की खासियत और फायदे?
जेमिनी नैनो की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह यूजर का डाटा कहीं बाहर नहीं भेजता, बल्कि मोबाइल या कंप्यूटर पर ही स्कैन करके नतीजा देता है।
यह तकनीक फिशिंग साइट, फेक टेक सपोर्ट नंबर और स्पैमी अलर्ट जैसी चीजों को पहचानती है। यह यूजर को 'संभावित घोटाला' जैसे टैग दिखाकर सावधान करता है।
यूजर चाहें तो उस साइट को बंद कर सकते हैं या अगर सही लगे तो उसे चालू भी रख सकते हैं।
गिरावट
घोटालों में आई बड़ी गिरावट
गूगल ने कहा कि उसके AI सिस्टम ने अब तक सर्च में 80 प्रतिशत से ज्यादा घोटालों को रोका है।
एयरलाइन हेल्पलाइन जैसे फर्जी नंबर अब कम दिखते हैं, जिसका असर यह हुआ है कि लोग नकली साइटों से कम धोखा खा रहे हैं। कंपनी आगे भी इस तकनीक को अपडेट करती रहेगी।
गूगल का मानना है कि AI के जरिए असली और नकली जानकारी को अलग करना अब पहले से कहीं ज्यादा आसान हो गया है।