क्रोम यूजर्स को प्रत्येक टैब के मेमोरी खपत की मिलेगी जानकारी, ऐसे करेगा काम
गूगल का क्रोम ब्राउजर काफी ज्यादा रैम की खपत करता है। बीते कुछ वर्षों में गूगल ने इसमें सुधार के काफी प्रयास किए हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, अब गूगल क्रोम ब्राउजर में एक नया मेमोरी टैब फीचर पेश किया गया है, जो यूजर्स को प्रत्येक खुले टैब में इस्तेमाल हो रही मेमोरी को मॉनिटर करने की सुविधा प्रदान करता है। यह फीचर एक साथ कई टैब को मैनेज करने के लिए उपयोगी है।
ऐसे काम करेगा मेमोरी टैब फीचर
गूगल के नए फीचर से खासतौर से ऐसी वेबसाइटों को मैनेज करना आसान होगा, जो ज्यादा रैम लेती हैं। किसी टैब के मेमोरी की खपत को देखने के लिए यूजर्स को बस अपने माउस कर्सर को टैब पर घुमाना होगा। इसके बाद एक पॉप-अप विंडो मेगाबाइट में टैब के रैम खपत को प्रदर्शित करेगी। उदाहरण के लिए यदि आपके पास गूगल होमपेज खुला है तो आप यह पता कर पाएंगे कि यह कितनी मेमोरी की खपत कर रहा है।
ब्राउजर के परफॉर्मेंस को मैनेज करेगा फीचर
इसके अलावा पॉप-अप यह भी दिखाएगा कि क्या क्रोम का मेमोरी सेवर फीचर उस विशेष टैब के लिए एक्टिवेट किया गया है या नहीं। यह नया टैब मेमोरी फीचर दुनिया भर में क्रोम यूजर्स के लिए धीरे-धीरे उपलब्ध हो रहा है। अगले कुछ हफ्तों में यह सभी यूजर्स के लिए उपलब्ध हो जाएगा। इस फीचर से मिलने वाली जानकारी ब्राउजर के परफॉर्मेंस को मैनेज करने और धीमा या क्रैश होने से रोकने में सहायक हो सकती है।
इन फीचर्स पर भी काम कर रही है गूगल
गूगल नए टैब मेमोरी फीचर के अलावा यूजर्स को कुछ अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने पर भी काम कर रही है। इसमें एनर्जी सेवर जैसे फीचर हैं, जो डिवाइस के बैटरी पावर को बचाने के लिए बैकग्राउंड एक्टिविटी और विजुअल इफेक्ट को सीमित करते हैं। इसमें एक ऐसा फीचर भी है, जो एक्टिव टैब को रिसोर्स उपलब्ध कराने को प्राथमिकता देता है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि एक्टिव टैब को ठीक तरह से परफॉर्म करने के लिए जरूरी संसाधन हों।
क्रोम यूजर्स के लिए IP प्रोटेक्शन का परीक्षण शुरू करेगी गूगल
क्रोम यूजर्स के लिए गूगल IP प्रोटेक्शन का परीक्षण शुरू करने की तैयारी में भी है। इससे यूजर्स को प्राइवेसी पर अधिक नियंत्रण मिलेगा। यह वेबसाइटों को प्रॉक्सी सर्वर के जरिए अपना IP एड्रेस छिपाकर यूजर्स को ट्रैक करने से रोकेगा। IP एड्रेस के जरिए विज्ञापनदाता यूजर्स की ब्राउजिंग आदतों को ट्रैक करने के साथ ही यह पता भी लगाते हैं कि वे किन वेबसाइटों पर जाते हैं। इसका इस्तेमाल व्यक्तिगत विज्ञापन प्रदान करने के लिए भी किया जाता है।