फेसबुक पर खबरें शेयर या पोस्ट नहीं कर सकते ऑस्ट्रेलिया के यूजर्स, यह है वजह
सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने ऑस्ट्रेलिया के नए मीडिया कोड के जवाब में वहां के नागरिकों पर पाबंदी लगा दी है। ऑस्ट्रेलिया के यूजर्स अब फेसबुक पर खबरें पढ़ नहीं सकते है और शेयर नहीं कर सकते। दरअसल, ऑस्ट्रेलिया ऐसा कानून लाना चाहती है, जिसके बाद टेक कंपनियों को न्यूज कंटेंट के बदले अपने कमाई का हिस्सा वहां के न्यूज और ब्रॉडकास्टिंग आउटलेट्स को देना होगा। फेसबुक ने नए कानून को लेकर नाराजगी जताते हुए यह फैसला किया है।
ऑस्ट्रेलिया के बाहर भी लगी रहेगी पाबंदी
फेसबुक ने ऑस्ट्रेलिया के यूजर्स पर खबरें पोस्ट या शेयर करने से जुड़ी पाबंदी तो लगाई ही है, इसका असर ऑस्ट्रेलिया के बाहर रहने वाले यूजर्स पर भी पड़ेगा। दरअसल, ऑस्ट्रेलिया के मीडिया आउटलेट्स से जुड़ी खबरें बाकी यूजर्स भी प्लेटफॉर्म पर शेयर नहीं कर सकते। ऑस्ट्रेलिया के संचार मंत्री पॉल फ्लेचर ने कहा है कि फेसबुक की ओर से लगाई गई पाबंदी का देश के फैसले पर असर नहीं पड़ेगा।
ऑस्ट्रेलिया का नया कानून जिम्मेदार
ऑस्ट्रेलिया मीडिया कोड के तौर पर नया कानून लाना चाहता है, जो बात कई टेक कंपनियों को पसंद नहीं आ रही। नए कानून में कहा गया है कि न्यूज कंटेंट दिखाने के बदले बड़ी टेक कंपनियों को पब्लिशर्स के साथ डील करनी होगी और उन्हें अपनी कमाई का हिस्सा देना होगा। फेसबुक अपनी कमाई का शेयर न्यूज इंडस्ट्री को नहीं देना चाहती। दरअसल, ऑस्ट्रेलिया में न्यूज इंडस्ट्री की हालत खराब है और कई न्यूज ऑर्गनाइजेशंस बंद करने पड़े हैं।
खबरों की विश्वसनीयता पर उठे सवाल
संचार मंत्री फ्लेचर ने फेसबुक पर दिखने वाली खबरों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं। ऑस्ट्रेलियन पब्लिकेशंस को ब्लॉक किए जाने को लेकर वह नाराज हैं क्योंकि उनके हिसाब से ऑस्ट्रेलियन प्रेस कड़ी एडिटोरियल पॉलिसी और फैक्ट-चेकिंग प्रोसेस का पालन करती है। संभव है कि आने वाले वक्त में ऑस्ट्रेलिया फेसबुक के खिलाफ कोई कार्रवाई करे। मेसेजेस की विश्वसनीयता पर उठते सवालों और कॉन्सपिरेसी थ्योरीज को आधार बनाते हुए पहले भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पार्लर पर बैन लग चुका है।
खास कानून बनाने वाला पहला देश
ऑस्ट्रेलिया नए कानून के साथ पहला ऐसा देश बन जाएगा, जहां टेक कंपनियों को न्यूज पब्लिशर्स के साथ अपना फायदा शेयर करना होगा। बाद में दूसरे देश भी ऐसा कानून ला सकते हैं, जिस बात को लेकर गूगल और फेसबुक नाराज हैं।
सर्च इंजन कंपनी ने दी थी चेतावनी
गूगल ने ऑस्ट्रेलिया के नए कानून को लेकर चेतावनी दी थी कि उसका सर्च इंजन ऑस्ट्रेलिया से पूरी तरह हटा दिया जाएगा। ऑस्ट्रेलिया में गूगल के मैनेजिंग डायरेक्टर मिल सिल्वा का साफ किया था कि नए कानून से ऑस्ट्रेलिया के यूजर्स को नुकसान होगा। हालांकि, बाद में गूगल ने न्यू शोकेस सेवा ऑस्ट्रेलिया में लॉन्च की है और देश के मीडिया आउटलेट्स की खबरें शेयर करने के बदले उन्हें भुगतान करने पर राजी हो गई है।
कानून के पीछे यह तर्क
ऑस्ट्रेलिया की सरकार का कहना है कि यूजर्स खबरें पढ़ने अब सोशल मीडिया और सर्च इंजन पर जाते हैं। इसके बदले कंपनियों को पत्रकारिता करने वाले न्यूजरूम्स को सही रकम देनी चाहिए, जिससे वे स्वतंत्र पत्रकारिता जारी रखें और लोकतंत्र को मजबूती देते रहें।