इंसानों से बेहतर सूंघने की क्षमता वाला रोबोट तैयार
रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डों सहित कई संवेदनशील जगहों पर आपने देखा होगा कि जब वहां बम, विस्फोटक आदि के रखे जाने की खबर आती है तो कुत्ते सूंघकर उस ठिकाने का पता लगाते हैं, क्योंकि कुत्तों की सूंघने की क्षमता इंसानों से ज्यादा होती है। अब जल्द ही आपको कुत्ते की जगह सूंघने का काम करता हुआ रोबोट देखने को मिल सकता है। शोधकर्ताओं ने पहली बार सूंघने की क्षमता वाला रोबोट तैयार किया है।
विस्फोटकों को सूंघने के लिए किया जा सकता है रोबोट का इस्तेमाल
सूंघने की क्षमता से लैस ये रोबोट हो सकता है कि आपको न दिखे, लेकिन इसकी आंख और नाक आपके सामान पर हो सकती है। इस रोबोट का इस्तेमाल भविष्य में ड्रग्स, विस्फोटकों और वर्जित वस्तुओं को सूंघने के लिए किया जा सकता है। इस रोबोट को इजरायल के तेल अवीव विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने तैयार किया है। गंध की पहचान करने के लिए रोबोट में बॉयोलॉजिकल सेंसर और मशीन लर्निंग एल्गोरिदम का इस्तेमाल किया गया है।
सूंघने की क्षमता में जानवरों से पीछे है इंसान
सगोल स्कूल ऑफ न्यूरोसाइंस के प्रोफेसरों बेन मौज और आमिर अयाली ने एक बयान में कहा, "मानव निर्मित टेक्नोलॉजी अभी भी लाखों वर्षों के विकास का मुकाबला नहीं कर सकी हैं। इनमें से गंध को पहचानने के मामले में भी मानव अभी जानवरों की दुनिया से काफी पीछे हैं। हवाई अड्डों आदि पर ड्रग्स तस्करों की पहचान करने लिए जांच अधिकारियों को आज भी कुत्ते की मदद लेनी पड़ती है।"
CO2 के स्तर में 0.01 प्रतिशत के अंतर का पता लगा लेता है मच्छर
शोधकर्ताओं ने कहा कि एक मच्छर का भी उदाहरण लें तो वह हवा में कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) के स्तर में 0.01 प्रतिशत के अंतर का भी पता लगा सकता है। उन्होंने कहा, "हम ऐसे सेंसर बनाने से अभी भी बहुत दूर हैं जिनकी सूंघने, सुनने, पहचान करने की क्षमता कीड़ों के करीब हो। ये रोबोट आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण की तुलना में 10,000 गुना अधिक संवेदनशील गंध की भी पहचान करने में सक्षम है।"
विभिन्न प्रकार के गंधों की पहचान जारी
इस रोबोट से जुड़े अध्ययन के नतीजे बायोसेंसर एंड बायोइलेक्ट्रॉनिक्स नाम के प्रतिष्ठित जर्नल में प्रकाशित हुए थे। अध्ययन में शोधकर्ता जेरेनियम, नींबू और मर्जिपन जैसी आठ गंधों को इस तरह से चिन्हित करने में सक्षम थे, जिससे उन्हें यह पता चल सके कि कब नींबू की और कब मार्जिपन की गंध रोबोट को दी गई थी। शोधकर्ताओं ने कहा, "हम विभिन्न प्रकार की असामान्य गंधों की पहचान करना जारी रखे हुए हैं, जैसे विभिन्न प्रकार की स्कॉच व्हिस्की आदि।"
रोबोट में मशीन लर्निंग का किया गया इस्तेमाल
इस रोबोट को कई तरह की गंध सूंघने को दी गई और शोधकर्ताओं ने प्रत्येक गंध से प्रेरित विद्युत गतिविधि को मापा। प्रोफेसर योवेल ने समझाया, "दूसरे चरण में हमने गंध से जुड़ी 'लाइब्रेरी' बनाने के लिए मशीन लर्निंग का इस्तेमाल किया।" शोधकर्ता अब रोबोटो को नेविगेशन क्षमता प्रदान करने की योजना पर काम कर रहे हैं, जिससे कि वो स्थानीय स्तर पर गंध और उसके स्त्रोत का पता लगा सके।