चांद के समृद्ध क्षेत्रों पर कब्जे का दावा कर सकता है चीन- रिपोर्ट
धरती पर दबदबे की लड़ाई के साथ ही चांद पर भी एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ जारी है। अमेरिका और चीन इस दौड़ में सबसे आगे हैं। इंडो-पैसिफिक सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक कम्युनिकेशंस (IPCSC) ने बताया कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने चेतावनी दी है कि चीन जल्द ही चांद के समृद्ध क्षेत्रों पर अपना दावा कर सकता है, क्योंकि यह देश अंतरिक्ष खोज के जरिए आर्थिक लाभ प्राप्त करना चाहता है।
नासा प्रशासक ने चीन के इस प्लान पर जताई चिंता
IPCSC की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम के जरिये खुद को सैन्य, आर्थिक और तकनीकी के क्षेत्र में मजबूत कर विश्व व्यवस्था में नई शक्ति बनना चाहता है। 2020 में चीन ने 10 लाख करोड़ डॉलर उत्पादन मूल्य के साथ इकोनॉमिक जोन स्थापित करने की अपनी योजना की घोषणा की थी। नासा प्रशासक ने पोलिटिको के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि चीन चांद पर वांछित क्षेत्र में कई सुविधाओं का निर्माण कर अपनी संप्रभुता का दावा करेगा।
आर्थिक लाभ और रणनीतिक मजबूती चाहता है चीन
चीन ने पिछले साल एक स्पेस स्टेशन बनाया था, जो पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा है। स्पेस स्टेशन के जरिए सैंपल निकालने के लिए चीन ने चंद्रमा के चारों ओर कई मिशन लॉन्च किए हैं। IPCSC ने बताया कि चीन चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास एक ऑटोनॉमस लूनर रिसर्च स्टेशन बनाने की भी योजना बना रहा है, जिसके 2025 में शुरू होने की उम्मीद है। अंतरिक्ष में अपनी उपस्थिति से चीन आर्थिक लाभ और रणनीतिक मजबूती चाहता है।
सैन्य अंतरिक्ष टेक्नोलॉजी विकसित कर रहा है चीन
पिछले साल अमेरिका के अंतरिक्ष बल के चीफ ऑफ स्टाफ नीना आरमाग्नो ने ऑस्ट्रेलियाई स्ट्रैटेजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट को बताया कि उन्हें चिंता थी कि चीन, अमेरिका को पीछे छोड़ देगा और संभवत: सैन्य क्षेत्र में आगे निकल जाएगा। अरमाग्नो के अनुसार, चीन, सैटेलाइट कम्युनिकेशन, फिर से इस्तेमाल किए जा सकने वाले स्पेसक्राफ्ट जैसे लॉन्ग मार्च 8R, लॉन्ग मार्च 9 के साथ ही सबऑर्बिटल और ऑर्बिटल स्पेसक्राफ्ट आदि सैन्य अंतरिक्ष टेक्नोलॉजी विकसित कर रहा है।
CASC के अध्यक्ष ने चीन के अंतरिक्ष विकास लक्ष्यों को रेखांकित किया
IPCSC के अनुसार, चाइना एयरोस्पेस साइंस एंड टेक्नोलाजी कारपोरेशन (CASC) के अध्यक्ष वू यानशेंग ने 20 दिसंबर को चीन के अंतरिक्ष विकास लक्ष्यों को रेखांकित किया था, जिसमें मानवयुक्त चंद्रमा लैंडिंग, अंतरिक्ष परिवहन के बुनियादी ढांचे की स्थापना आदि शामिल है। उन्होंने अंतरिक्ष प्रबंधन, अंतरिक्ष कानून और अंतरिक्ष डोमेन के लिए बीजिंग के विजन का भी खुलासा किया। 2023 में CASC व्यापक तौर पर लूनर को एक्सप्लोर करने और ग्रहों की खोज के चौथे चरण को आगे बढ़ाएगा।
दूर की कौड़ी है चंद्रमा और मंगल का उपनिवेशीकरण
CASC ब्लू पेपर के अनुसार, 2023 में चीन 60 से अधिक अंतरिक्ष अभियानों के साथ 200 से अधिक अंतरिक्ष यान लॉन्च करने की योजना बना रहा है। पेपर में कहा गया है कि तियानझोउ-6 कार्गो क्राफ्ट, शेनझोउ-16 और शेनझोउ-17 उड़ान मिशन एक साल के भीतर अंतरिक्ष की खोज करने की चीन की क्षमता में सुधार करेंगे। रिपोर्ट में कहा गया है कि चंद्रमा और मंगल का उपनिवेशिकरण दूर की कौड़ी है।
चीन को रोकने के लिए ट्रंप ने बनाई थी स्पेस फोर्स
चीन और रूस के पास पहले से ही "खतरनाक उपग्रह" हैं जो अमेरिकी उपग्रहों को नष्ट कर सकते हैं और कहर बरपा सकते हैं। चीन की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं पर अंकुश लगाने के लिए अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2019 में अमेरिकी सेना की छठी शाखा के रूप में स्पेस फोर्स की स्थापना की थी। अमेरिका और चीन के चंद्रमा पर अपनी पहुंच स्थापित करने के लिए प्रतिस्पर्धा तेज हो रही है।
नासा का डर, चीन की सफाई
नासा को डर है कि चीन चंद्रमा पर कब्जा न जमा ले। नासा प्रमुख नेल्सन ने कुछ समय पहले ही कहा था कि चीन वैज्ञानिक अनुसंधान की आड़ में कहीं चंद्रमा पर कब्जा न जमा ले और अन्य देशों की लैंडिग रोक दे। इस पर वाशिंगटन में चीनी दूतावास के प्रवक्ता लियू पेंग्यू ने कहा था कि अमेरिका के दावे झूठे और गैर-जिम्मेदाराना हैं। चीन अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग की वकालत करता है और अंतरिक्ष में शस्त्रीकरण का विरोधी है।