AI से आयुर्वेद ग्रंथों को समझने में मिलेगी मदद, आयुर्वेद मंत्रालय बना रहा यह योजना
क्या है खबर?
आयुष मंत्रालय सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन आयुर्वेदिक साइंसेज (CCRAS) के माध्यम से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)-सहायता प्राप्त चैटबॉट पर काम कर रहा है।
इसकी मदद से प्राचीन आयुर्वेद ग्रंथों को समझने में मदद मिलेगी। इस टूल का उपयोग पारंपरिक आयुर्वेदिक दवाओं पर प्राचीन पांडुलिपियों की व्याख्या और सरलीकरण के लिए किया जाएगा।
इसे आयुर्वेद दवाओं के बारे में जागरूकता पैदा करने और ChatGPT के समान प्रश्नों के उत्तर देने के लिए जनता के लिए उपलब्ध कराए जाने की संभावना है।
उपयोग
ChatGPT जैसे काम करेगा टूल
आयुष मंत्रालय के विशेष कर्तव्य अधिकारी (OSD) नमन गोयल ने News18 को बताया, "परियोजना विकासाधीन है। इसका उद्देश्य एक ChatGPT जैसा प्लेटफाॅर्म मंच बनाना है।"
उन्होंने आगे कहा, "इसकी मदद से विश्व स्तर पर लोगों को प्राचीन पांडुलिपियों और पुस्तकों को समझ, व्याख्या और दूसरों को समझा सके।"
उन्होंने बताया कि यूजर्स इस इंटरफेस से ChatGPT की तरह पांडुलिपियों के बारे में सवाल पूछ सकते हैं और बदले में सिस्टम सरल भाषा में उत्तर देगा।
योजना
अन्य क्षेत्रों में भी होगा AI का इस्तेमाल
आयुष ग्रिड परियोजना के प्रमुख गोयल ने कहा, "उदाहरण के लिए: यूजर चरक संहिता के अनुसार 'बुखार के कारण' के बारे में बात कर सकते हैं और हमारा बॉट प्राचीन चिकित्सा विज्ञान की पाठ्यपुस्तक को समझाते हुए आसान भाषा में कारण बताएगा।"
इस परियोजना की तरह आयुष मंत्रालय ने अनुसंधान, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और नागरिक-केंद्रित एप्लिकेशंस सहित पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों में AI का उपयोग करने के लिए कई अन्य परियोजनाएं शुरू की हैं।