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    आंध्र प्रदेश स्थित स्टार्टअ ने ISRO के POEM-4 पर किया अल्ट्रा-हाई-फ्रीक्वेंसी संचार प्रणाली का सफल परीक्षण
    अल्ट्रा-हाई-फ्रीक्वेंसी संचार प्रणाली का हुआ सफल परीक्षण (प्रतीकात्मक तस्वीर: नासा)

    आंध्र प्रदेश स्थित स्टार्टअ ने ISRO के POEM-4 पर किया अल्ट्रा-हाई-फ्रीक्वेंसी संचार प्रणाली का सफल परीक्षण

    लेखन बिश्वजीत कुमार
    Jan 03, 2025
    05:58 pm

    क्या है खबर?

    आंध्र प्रदेश स्थित अंतरिक्ष स्टार्ट-अप N स्पेस टेक ने अपने पेलोड स्वेत्चासैट पर स्वदेशी रूप से विकसित अल्ट्रा-हाई-फ्रीक्वेंसी संचार प्रणाली का सफल परीक्षण किया है।

    यह परीक्षण N स्पेस टेक ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के PSLV ऑर्बिटल एक्सपेरिमेंटल मॉड्यूल-4 (POEM-4) प्लेटफॉर्म पर किया गया है।

    1 जनवरी को रात 09:20 बजे बेंगलुरु में स्थित ISRO के ISTRAC ग्राउंड स्टेशन पर स्वेत्चासैट-V0 द्वारा भेजे गए डाटा पैकेजों का पहला सेट प्राप्त हुआ था।

     सफलता 

    N स्पेस टेक की सफलता से संचार प्रौद्योगिकी में प्रगति

    PTI के अनुसार, N स्पेस टेक की सह-संस्थापक दिव्या कोथामासु ने इस सफलता को अल्ट्रा-हाई-फ्रीक्वेंसी संचार में उनकी कंपनी की क्षमता को प्रमाणित करने वाला बताया है।

    उन्होंने कहा है कि यह तकनीकी सफलता उनकी टीम के लिए मील का पत्थर है और भारत की संचार प्रौद्योगिकी को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद करेगी।

    इस परीक्षण ने भारतीय अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की क्षमता को और मजबूती दी है। यह भविष्य में नए विकास की दिशा तय कर सकता है।

     डिजाइन 

    स्वेत्चासैट पेलोड के स्वदेशी डिजाइन की सराहना

    स्वेत्चासैट पेलोड के संचार, पावर, कंप्यूटिंग और सेंसर मॉड्यूल को N स्पेस टेक द्वारा पूरी तरह से स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है।

    ISRO के पूर्व निदेशक सुधीर कुमार एन ने इसे एक क्रांतिकारी कदम बताया, जो सैटेलाइट्स के लिए तेज और अधिक विश्वसनीय संचार सुनिश्चित करने में काफी मदद करेगा।

    यह संचार तकनीक भविष्य में कई सैटेलाइट अनुप्रयोगों के लिए एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है।

    POEM-4

    POEM-4 प्लेटफॉर्म क्या है?

    POEM-4 प्लेटफॉर्म, जिसे ISRO द्वारा PSLV रॉकेट के चौथे चरण से विकसित किया गया, विभिन्न प्रयोगों और तकनीकी परीक्षणों के लिए एक स्थिर कक्षीय वातावरण प्रदान करता है।

    इस प्लेटफॉर्म पर कुल 24 पेलोड्स हैं, जिनमें विभिन्न ISRO प्रयोगशालाओं, निजी स्टार्ट-अप फर्मों और शैक्षणिक संस्थानों द्वारा विकसित तकनीकें शामिल हैं।

    N स्पेस टेक द्वारा किए गए इस सफल परीक्षण से भारत के अंतरिक्ष उद्योग को एक नई दिशा मिली है।

    अल्ट्रा-हाई-फ्रीक्वेंसी संचार प्रणाली क्या है?

    अल्ट्रा-हाई-फ्रीक्वेंसी संचार प्रणाली क्या है?

    अल्ट्रा-हाई-फ्रीक्वेंसी संचार प्रणाली एक हाई फ्रीक्वेंसी वाली संचार तकनीक है, जो डाटा को तेजी से और प्रभावी तरीके से ट्रांसमिट करती है।

    यह प्रणाली सैटेलाइट्स, अंतरिक्ष यानों और अन्य दूरस्थ स्थानों के बीच संचार में इस्तेमाल होती है। UHF संचार प्रणाली में कम देरी और उच्च विश्वसनीयता होती है, जिससे यह महत्वपूर्ण मिशनों के लिए सही है।

    इसका फायदा यह है कि यह लंबी दूरी पर भी मजबूत और लगातार संचार प्रदान करता है, जो सैटेलाइट-संचार को बेहतर बनाता है।

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