क्या है नासा का 'PUNCH' मिशन, जो अगले साल होगा लॉन्च?
अंतरिक्ष एजेंसी नासा, स्पेस-X के साथ मिलकर फरवरी, 2025 में अपने पोलारिमीटर टू यूनिफाई द कोरोना एंड हीलियोस्फीयर (PUNCH) मिशन को लॉन्च करने वाली है। इस विशेष अंतरिक्ष मिशन से सूर्य के बाहरी वातावरण (कोरोना) और सूर्य से निकलने वाली सौर हवा के प्रभावों को समझने का उद्देश्य है। इसका मुख्य लक्ष्य सूर्य के वातावरण के जटिल और गतिशील व्यवहार को समझना है। सूर्य की हवा पृथ्वी के ऊपर प्रभाव डालती है, इसलिए इसका अध्ययन करना और महत्वपूर्ण है।
मिशन में शामिल होंगे 4 सैटेलाइट
PUNCH मिशन में कुल 4 सैटेलाइट शामिल होंगे। इन सैटेलाइट्स में से 3 में वाइड-फील्ड इमेजिंग तकनीक होगी, जिससे सूर्य के बाहरी वातावरण की विस्तृत तस्वीरें प्राप्त की जा सकेंगी। चौथा सैटेलाइट एक नैरो-फील्ड इमेजर के साथ होगा, जो सूर्य के नजदीकी क्षेत्रों का अध्ययन करेगा। यह मिशन सूर्य के कोरोना और सूर्य की हवा के विभिन्न पहलुओं को एकसाथ देखने के लिए एक क्षमता प्रदान करेगा, जो पहले के मिशनों में संभव नहीं था।
सूर्य के वातावरण की मिलेगी 360 डिग्री जानकारी
इन सैटेलाइट्स के द्वारा प्राप्त डाटा सूर्य के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों से संबंधित होगा, जिससे हमें सूर्य के वातावरण की 360 डिग्री जानकारी प्राप्त होगी। इससे वैज्ञानिकों को सूर्य के कोरोना के विकास और उसकी हवा के फैलाव को समझने में मदद मिलेगी। इस डाटा से हम कोरनल मास इजेक्शंस (CMEs) जैसे सूर्य के विस्फोट की भविष्यवाणी करने में सक्षम हो सकते हैं, जो कि पृथ्वी पर संचार प्रणालियों को प्रभावित कर सकते हैं।
PUNCH मिशन का उद्देश्य
PUNCH मिशन का मुख्य उद्देश्य सूर्य के कोरोना और सौर हवा के बीच के संबंधों को समझना है। बता दें कि सूर्य की कोरोना परत से निकलने वाली सौर हवा पूरी सौरमंडल में फैलती है, जिसका पृथ्वी पर प्रभाव पड़ता है। इस मिशन के तहत चारों सैटेलाइट्स को सूर्य के आसपास भेजा जाएगा, ताकि वे सूर्य के कोरोना की संरचना, हवा की गति और दिशा को समझ सकें और इसके प्रभावों का अध्ययन कर सकें।
PUNCH मिशन से लाभ
PUNCH मिशन से वैज्ञानिकों को सूर्य के बाहरी वातावरण के बारे में गहरी जानकारी मिलेगी, जिससे वे सौर लहरों के पृथ्वी पर होने वाले प्रभावों को बेहतर तरीके से समझ सकेंगे। इसमें सबसे विशेष सोलर फ्लेयर और CME जैसी घटनाओं का अध्ययन करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये घटनाएं पृथ्वी के सैटेलाइट्स और संचार प्रणालियों पर गंभीर असर डाल सकती हैं। इस जानकारी से अंतरिक्ष मौसम का पूर्वानुमान भी बेहतर हो सकेगा।
अन्य मिशनों का होगा विस्तार
PUNCH मिशन नासा के पार्कर सोलर प्रोब और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा लॉन्च किए गए यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के प्रोबा-3 जैसे मिशनों द्वारा एकत्र किए गए डाटा को और अधिक विस्तृत करेगा। इन सभी अंतरिक्ष मिशनों की सफलता से वैज्ञानिकों को सूर्य के बारे में अधिक गहरी जानकारी प्राप्त होगी, जिससे न केवल अंतरिक्ष मौसम का अध्ययन आसान होगा, बल्कि यह भविष्य में सूर्य से जुड़ी अन्य अनसुलझी रहस्यों को भी उजागर करने में मदद करेगा।