ISRO के सबसे महंगे अंतरिक्ष मिशन कौन से हैं? जानिए यहां
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) लगातार बड़े-बड़े अंतरिक्ष मिशन लॉन्च कर रही है। मंगलयान और चंद्रयान जैसे बड़े सफल मिशनों को लॉन्च करने के बाद ISRO शुक्रयान मिशन लॉन्च करने की योजना बना रही है। इन बड़े अंतरिक्ष मिशनों को सफल बनाने के लिए ISRO को अच्छा खासा पैसा खर्च करना पड़ता है। आइए जानते हैं ISRO द्वारा लॉन्च किए गए अब तक के कुछ सबसे महंगे अंतरिक्ष मिशन कौन से हैं।
चंद्रयान-2 है अब तक का सबसे महंगा मिशन
चंद्रयान-2 मिशन: इसे 22 जुलाई, 2019 को 978 करोड़ रुपये की लागत से लॉन्च किया गया। इसमें ऑर्बिटर, लैंडर (विक्रम), और रोवर (प्रज्ञान) शामिल थे। इसका उद्देश्य चंद्र सतह का अध्ययन और पानी की खोज करना था। ऑर्बिटर अब भी डाटा भेज रहा है। चंद्रयान-3 मिशन: यह 14 जुलाई, 2023 को 615 करोड़ रुपये की लागत से लॉन्च हुआ और 23 अगस्त, 2023 को चंद्र दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की, जो भारत की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
ये सैटेलाइट मिशन भी रहे महंगे
GSAT-10 सैटेलाइट: यह 29 सितंबर, 2016 को 600 करोड़ रुपये की लागत से लॉन्च हुआ था, जिसका उद्देश्य भारत के संचार नेटवर्क को मजबूत करना था। इसने विभिन्न संचार सेवाएं प्रदान कीं। GSAT-15 सैटेलाइट: इसे 10 नवंबर, 2015 को 800 करोड़ रुपये की लागत पर लॉन्च किया गया था, जिसका लक्ष्य दूरसंचार सेवाओं में सुधार करना था। यह सैटेलाइट कई संचार प्रणालियों को सपोर्ट करता था और इससे भारत में संचार सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ी।
मंगलयान मिशन पर कितना हुआ खर्च?
मंगलयान मिशन: देश का पहला मंगल मिशन, 5 नवंबर, 2013 को 450 करोड़ रुपये की लागत से लॉन्च हुआ। इसका उद्देश्य मंगल ग्रह की सतह और वातावरण का अध्ययन करना था, जिससे ISRO ने अंतरिक्ष अनुसंधान में अपनी क्षमता प्रदर्शित की। चंद्रयान-1 मिशन: यह भारत का पहला चंद्र मिशन, 22 अक्टूबर, 2008 को 386 करोड़ रुपये की लागत से लॉन्च हुआ। इसने चंद्र सतह पर पानी की खोज की और महत्वपूर्ण डाटा प्रदान किया। यह मिशन 2009 में समाप्त हुआ।