
आदित्य-L1 ने ली सेल्फी, चांद और धरती की भी तस्वीर लेकर भेजी
क्या है खबर?
भारत के सूर्य मिशन आदित्य-L1 ने सेल्फी ली, जिसमें पृथ्वी और चांद की तस्वीरें खींची। ये जानकारी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक्स पर एक पोस्ट के जरिए दी। ISRO ने एक वीडियो भी साझा किया है।
आदित्य-L1 ISRO का पहला अंतरिक्ष आधारित सौर मिशन है। इस मिशन को 2 सितंबर को लॉन्च व्हीकल PSLV-C57 से लॉन्च किया गया था।
आदित्य-L1 सूर्य का अध्ययन करने के लिए है और इसे अपने ठिकाने तक पहुंचने में 125 दिन लगेंगे।
ट्विटर पोस्ट
यहां देखिये वीडियो
Aditya-L1 Mission:
— ISRO (@isro) September 7, 2023
👀Onlooker!
Aditya-L1,
destined for the Sun-Earth L1 point,
takes a selfie and
images of the Earth and the Moon.#AdityaL1 pic.twitter.com/54KxrfYSwy
फायरिंग
10 सितंबर को की जाएगी अगली अर्थ-बाउंड फायरिंग
लॉन्चिंग के अगले दिन 3 सितंबर को आदित्य-L1 ने पहली अर्थ-बाउंड फायरिंग (धरती का एक चक्कर) पूरी की थी और इसे 245 किमी × 22,459 किमी की नई ऑर्बिट प्राप्त हुई थी।
अंतरिक्ष यान को सूर्य के L1 पॉइंट की तरफ भेजने के लिए अगली अर्थ-बाउंड फायरिंग 5 सितंबर को सफलतापूर्वक पूरी की जहां इसे 282 किमी × 40,225 किमी की ऑर्बिट प्राप्त हुई है।
आदित्य-L1 को और आगे भेजने के लिए अगली अर्थ-बाउंड फायरिंग 10 सितंबर को की जाएगी।
ठिकाना
L1 बिंदु पर स्थापित होगा आदित्य-L1
आदित्य-L1 पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर पृथ्वी-सूर्य सिस्टम के लाग्रेंज बिंदु 1 या L1 बिंदु पर स्थापित होगा।
L1 बिंदु पृथ्वी से ऊपर और सूरज से काफी पहले एक ऐसा बिंदु है जहां सूरज के ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता। इसी L1 बिंदु के हेलो ऑर्बिट में आदित्य-L1 सैटेलाइट को रखा जाएगा।
यहां से बिना ग्रहण के प्रभाव के लगातार सूरज की मॉनिटरिंग की जा सकेगी और रियल टाइम में सौर गतिविधियों की जानकारी मिलती रहेगी।
पेलोड
आदित्य-L1 में भेजे गए हैं 7 पेलोड
भारत के इस सौर मिशन में 7 पेलोड भेजे गए हैं। इनमें से 4 पेलोड रिमोट सोलर सेंसिंग यानी सूर्य को मॉनिटर करने का काम करेंगे और 3 पेलोड इन-सीटू प्रयोग के लिए हैं।
पेलोड द्वारा भेजे गए डाटा से सूर्य के रहस्यों को समझने, रियल टाइम में सौर गतिविधियों और अंतरिक्ष मौसम पर इसके प्रभाव को मॉनिटर करने में मदद मिलेगी।
इसके अलावा कोरोनल हीटिंग, सूर्य के सतह पर होने वाले विस्फोटों आदि के बारे में भी जानकारियां मिलेंगी।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
आदित्य-L1 मिशन का बजट 1,000 करोड़ रुपये का है और इस मिशन का कार्यकाल कम से कम 5 साल का है।
5 वर्ष की अवधि तक यह अंतरिक्ष के मौसम की घटनाओं और वहां के बदलावों से पृथ्वी के जलवायु पैटर्न पर पड़ने वाले प्रभावों आदि के बारे में जानकारी देता रहेगा।
छोटे फ्रिज के साइज के आकार वाला आदित्य-L1 पृथ्वी पर रोजाना लगभग 1,440 तस्वीरें भेजेगा।
अब तक सबसे ज्यादा सूर्य मिशन अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने भेजे हैं।