चंद्रयान-3 का रोवर लैंडर से बाहर आया, पहली तस्वीर भी सामने आई
क्या है खबर?
चंद्रयान-3 चांद की सतह पर सफलतापूर्वक और सुरक्षित तरीके से लैंड कर गया है। चंद्रयान-3 के लैंडर और उसके भीतर रखा रोवर दोनों चांद की सतह पर पहुंच गए हैं और इसके साथ ही भारत ने इतिहास रच दिया है।
अब लैंडर के भीतर से निकलकर रोवर प्रज्ञान भी चांद की सतह पर आ गया है। इसकी पहली तस्वीर भी सामने आ गई है। चांद की सतह पर रोवर अब वैज्ञानिक परिक्षण करेगा।
ट्विटर पोस्ट
यहां देखिए तस्वीर
First photo of Rover coming out of the lander on the ramp. pic.twitter.com/0ouhMk8MbR
— Pawan K Goenka (@GoenkaPk) August 23, 2023
रोवर का काम
यह काम करेगा रोवर
रोवर चांद पर मौजूद केमिकल्स और खनिजों की खोज करेगा। ये काम रोवर अपने पेलोड अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (APXS) और लेजर इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप (LIBS) के जरिए करेगा।
चंद्रयान-3 का लैंडर चांद की सतह पर रोवर से डाटा लेगा और इसे बेंगलुरू स्थित इंडियन डीप स्पेस नेटवर्क (IDNS) को भेजेगा। इस डाटा के प्रयोग वैज्ञानिक चांद से जुड़े खोजों के लिए करेंगे और चांद से जुड़ी और जानकारी हासिल करेंगे।
लैंडर का काम
लैंडर करेगा ये काम
लैंडर का काम चांद की सतह पर सूरज से आने वाले प्लाजमा कणों के घनत्व, उनकी मात्रा की जांच करना है। यह चांद की सतह के तापमान की जांच करेगा।
इसके अलावा लैंडर लैंडिंग साइट के आसपास भूकंपीय गतिविधियों की जांच करेगा और चांद के डायनेमिक्स को समझने का प्रयास करेगा।
लैंडर के काम करने की अवधि 1 लूनर डे (चांद का एक दिन) है, जो धरती के 14 दिन के बराबर होता है।
ट्विटर पोस्ट
लैंडिंग के बाद सामने आई चांद की तस्वीरें
Chandrayaan-3 Mission:
— ISRO (@isro) August 23, 2023
The image captured by the
Landing Imager Camera
after the landing.
It shows a portion of Chandrayaan-3's landing site. Seen also is a leg and its accompanying shadow.
Chandrayaan-3 chose a relatively flat region on the lunar surface 🙂… pic.twitter.com/xi7RVz5UvW
जानकारी
चांद पर होंगे भारत के निशान
प्रज्ञान के पहियों पर ISRO का लोगो और तिरंगा बना हुआ है। ऐसे में रोवर चांद की सतह पर जहां-जहां जाएगा, वहां ISRO का लोगो और तिरंगा बनता चला जाएगा। इस तरह भारत चांद पर अपने निशान छोड़ सकेगा।
समय
इस मामले में पहला देश बना भारत
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का चांद मिशन चंद्रयान-3 आज 23 अगस्त, 2023 को शाम 6:04 बजे चांद की सतह दक्षिणी ध्रुव के पास लैंड किया।
इसकी लैंडिंग से अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत चौथा ऐसा देश बन गया, जिसके पास चांद की सतह पर उतरने और घूमने की क्षमता है।
इस मिशन की सफलता ने भारत को विश्व में पहला ऐसा देश बना दिया है, जिसने चांद के दक्षिणी ध्रुव के पास लैंडिंग की है।
मिशन
चांद की सतह तक पहुंचने में लैंडर को लगे 40 दिन
चंद्रयान-3 मिशन को 14 जुलाई, 2023 को लॉन्च किया गया था। लॉन्चिंग के बाद चांद की सतह तक पहुंचने में इसे लगभग 40 दिन लगे।
चंद्रयान-3 के बाद यानी 11 अगस्त, 2023 को लॉन्च किया गया रूस का चांद मिशन लूना-25 इससे पहले ही चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करने के प्रयास में था, लेकिन प्री-लैंडिंग मैन्युवर के दौरान एक चांद पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया और उसका लैंडर नष्ट हो गया।
हासिल
मिशन से उम्मीदें
भारत के इस चांद मिशन से चांद से जुड़ी काफी जानकारी मिलने की उम्मीद है।
इस मिशन की लैंडिंग इसीलिए चांद के दक्षिणी ध्रुव के पास कराई गई है क्योंकि वहां से काफी जानकारी मिलने की उम्मीद है।
चांद के दक्षिणी ध्रुव में पानी मिलने की संभावना है। अगर पानी मिलता है तो यह एक बड़ी उपलब्धि होगी और इससे अंतरिक्ष में मानवों को बसाने के विचार में तेजी आएगी।