
ट्विटर हैकिंग के पीछे था 17 वर्षीय मास्टमाइंड, कंपनी का कर्मचारी बन चुराई जानकारी
क्या है खबर?
अमेरिकी जांच एजेंसी फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI) ने ट्विटर पर हुई हैकिंग के मामले में 17 वर्षीय ग्राहम क्लार्क समेत तीन युवकों को गिरफ्तार किया है।
फ्लोरिडा के रहने वाले क्लार्क पर कई बड़ी हस्तियों के अकाउंट हैक करने का आरोप है। उन्हें इस पूरी हैकिंग का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है।
क्लार्क पर इस अपराध की गंभीरता देखते हुए व्यस्क मानकर मामला चलाया जा रहा है। उन पर पहले से हैकिंग और फ्रॉड समेत 30 मामले दर्ज हैं।
हैकिंग
क्या था ट्विटर हैकिंग का मामला?
15 जुलाई को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा, माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स, टेस्ला के CEO एलन मस्क और अमेजन प्रमुख जेफ बेजोस समेत कई बड़ी हस्तियों के 130 ट्विटर अकाउंट हैक कर लिए गए थे।
इनमें से 45 अकाउंट से ट्वीट करते हुए फॉलोअर्स को एक बिटकॉइन अकाउंट पर पैसे भेजने को कहा गया था।
ये ट्वीट लगभग चार घंटे तक लाइव रहे और इस दौरान इस बिटकॉइन अकाउंट में एक लाख डॉलर इकट्ठे हो गए।
आरोपी
हाल में ग्रेजुएट हुए हैं क्लार्क
क्लार्क ने हाल ही में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की है। गिरफ्तारी के समय वो फ्लोरिडा में अपने घर पर मौजूद थे।
उनके साथ गिरफ्तार किए गए दो अन्य युवकों का नाम मेसन जॉन शेपर्ड और निमा फजेली है। 19 वर्षीय जॉन इंग्लैंड के नागरिक हैं और 22 वर्षीय फाजिल औरलैंडों में रहते हैं। दोनों को पुलिस हिरासत में रखा गया है।
फ्लोरिडा के सरकारी वकील ने कहा कि क्लार्क कोई साधारण 17 वर्षीय युवक नहीं है।
मामला
खुद को ट्विटर का कर्मचारी बताते थे क्लार्क
जानकारी के मुताबिक, क्लार्क खुद को ट्विटर का कर्मचारी बताते थे। वह दूसरे कर्मचारियों से कहते कि वो कंपनी के IT विभाग में काम करते हैं।
बातों के जाल में फंसाकर उन्होंने कंपनी के कर्मचारियों से पासवर्ड समेत महत्वपूर्ण जानकारी जुटा ली।
इसका इस्तेमाल करते हुए उन्होंने बराक ओबामा, जो बिडेन, एलन मस्क और कान्ये वेस्ट जैसी बड़ी हस्तियों के अकाउंट में सेंधमारी की। इन युवकों ने इन अकाउंट से ट्वीट कर बिटकॉइन की मांग की थी।
धोखाधड़ी
क्लार्क के खाते में आए 88 लाख रुपये
क्लार्क ने हैकिंग के दौरान कुल 136 अकाउंट में सेंधमारी की थी और इनमें से 45 पर बिटकॉइन को दोगुने करने वाले ट्वीट किए।
जानकारी के मुताबिक, इन ट्वीट के बाद क्लार्क के खाते में लगभग 88 लाख रुपये जमा हो गए थे। क्लार्क ने यह पैसे अपने दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर कर लिए और रिफंड नहीं किए।
जानकारों का कहना था कि हैकिंग के दौरान इन तीनों ने सबूत छोड़ दिए थे, जिनसे इन तक पहुंचना आसान हो गया।
जांच
इन सबूतों के सहारे आरोपियों तक पहूंची जांच एजेंसियां
दरअसल, 19 वर्षीय शेपर्ड ने बाइनेंस और कॉइनबेस क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंज पर खुद को सत्यापित करने के लिए अपने ड्राइवर के लाइसेंस का इस्तेमाल किया था।
उनके अकाउंट से हैकिंग के बाद आए कुछ बिटकॉइन का ट्रांसफर किया गया था। इसी तरह फजेली ने भी कॉइनबेस पर खुद को सत्यापित करने के लिए ड्राइवर के लाइसेंस का इस्तेमाल किया।
इनके सहारे जांच एजेंसियों एक महीने से भी कम समय में दोनों के पास पहुंचने में कामयाब हो गई।
हैकिंग
हैकिंग ने ट्विटर के छुड़ा दिये थे पसीने
ये ट्विटर के इतिहास में सबसे बड़ी हैकिंग थी और इसने कंपनी के पसीने छुड़ा दिए थे। हैकिंग के बाद कंपनी ने बयान जारी करते हुए कहा था कि हैकर्स किसी तरह उसके सिस्टम में घुसने में कामयाब रहे और इसके जरिए वे चर्चित हस्तियों के अकाउंट तक पहुंचे।
विशेषज्ञों ने कहा था कि बेहद अच्छा हुआ कि हैकर्स केवल धन संबंधी फायदा उठाना चाहते थे और अगर उनकी राजनीतिक मंशाएं होतीॆ तो इसके बेहद बुरे परिणाम हो सकते थे।