अलविदा 2019: पर्रिकर और जेटली समेत इन नेताओं ने इस साल छोड़ा हमारा साथ
साल 2019 के अब कुछ ही लम्हें बाकी हैं। यह साल अपने पीछे कुछ कड़वी यादें भी छोड़े जा रहा है। इस साल देश ने कुछ ऐसे नेता खोए हैं, जिन्होंने अपने कामों से देश को नई दिशा दी। ये नेता देश में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में अपनी विशेष पहचान रखते थे। इन्होंने अहम पदों पर रहते हुए अपनी जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन किया। आइये, एक नजर डालते हैं ऐसे नेताओं पर जो अब हमारे बीच नहीं हैं।
जेल में रहते हुए रिकॉर्ड वोटों से जीते थे जॉर्ज
29 जनवरी, 2019 को देश के पूर्व रक्षामंत्री और समता पार्टी के संस्थापक जॉर्ज फर्नांडीस का लंबी बीमारी के बाद 88 साल की उम्र में निधन हो गया था। उनकी मां किंग जॉर्ज-V की प्रशंसक थी। इसलिए उन्होंने उनका नाम जॉर्ज रखा। जॉर्ज हिंदी, अंग्रेजी, मराठी, कन्नड़, उर्दू समेत 10 भाषाओं के जानकार थे। वे अपने जीवनकाल में नौ बार लोकसभा सांसद रहे। फर्नांडिस ने 1977 में जेल में रहते हुए मुजफ्फरपुर लोकसभा चुनाव रिकॉर्ड वोटों से जीता था।
फरवरी में हुई मनोहर पर्रिकर की मौत
17 मार्च, 2019 को पूर्व रक्षा मंत्री और गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर 63 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था। वे फरवरी 2018 से ही कैंसर से पीड़ित थे। उनका दिल्ली, मुंबई और अमेरिका में इलाज चला था, लेकिन उनकी सेहत में सुधार नहीं हुआ। IIT से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले पर्रिकर ने राम जन्मभूमि आंदोलन के आयोजक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसने भाजपा को राष्ट्रीय राजनीति में पहचान दिलाने में मदद की।
शीला दीक्षित का दिल का दौरा पड़ने से हुआ था निधन
20 जुलाई, 2019 को दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का दिल का दौरा पड़ने से 81 साल की उम्र में निधन हो गया। 3 मार्च, 1938 के पंजाब में पैदा हुईं शीला ने अपनी स्कूली पढ़ाई दिल्ली से पूरी की थी। कन्नौज से लोकसभा सांसद रहीं शीला दीक्षित 15 सालों तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रही थीं। उन्होंने दिल्ली में फ्लाईओवर्स का जाल बिछाना शुरू किया था। साथ ही उन्होंने दिल्ली मेट्रो के काम को भी तेजी से आगे बढ़ाया।
लंबी बीमारी के बाद हुआ था जेटली का निधन
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में कई मंत्रालयों का प्रभार संभालने वाले जेटली का लंबी बीमारी के बाद 24 अगस्त को 66 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था। उनका जन्म 28 दिसंबर, 1952 को दिल्ली में हुआ था। पेशे से वकील जेटली 1991 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए। 9 अगस्त को सांस लेने में हो रही तकलीफ के बाद उन्हें AIIMS में भर्ती कराया गया था, लेकिन उनकी सेहत में कोई सुधार नहीं आया।
दिल का दौरा पड़ने से हुई थी सुषमा स्वराज की मौत
वरिष्ठ नेत्री और मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में विदेश मंत्री रहीं सुषमा स्वराज का 6 अगस्त को 67 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। 14 फरवरी, 1953 को जन्मीं सुषमा ने पंजाब यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई की थी। विदेश मंत्री रहते हुए उन्होंने ट्विटर के जरिए विदेशों में मुश्किलों में फंसे हुए लोगों की मदद कर सुर्खियां बटोरी थीं। सुषमा के नाम दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड है।