दिल्ली: भाषण दे रहे थे अमित शाह, ये 20 साल का लड़का चिल्लाया- 'CAA वापस लो'
भीड़ से खचाखच भरा मैदान और नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के फायदे बताने के लिए गूंजती एक आवाज, लेकिन इसी बीच भीड़ से एक 20 वर्षीय युवक की आवाज शोर को चीरते हुए आती है और संदेश देती है, 'CAA वापस लो'! यह मामला था शनिवार को दिल्ली के बाबरपुर में हुई गृहमंत्री अमित शाह की चुनावी रैली का। युवक की आवाज गृहमंत्री के समर्थकों के कानों को चुभ गई और उन्होंने युवक को अपने गुस्से का शिकार बना लिया।
CAA को लेकर लोगों का संशय दूर कर रहे थे गृहमंत्री
गृहमंत्री अमित शाह सभा में बोल रहे थे कि सरकार ने उत्पीड़न के कारण देश छोड़कर भारत आए लोगों को नागरिकता देने के लिए CAA लागू किया है, लेकिन कुछ लोग विरोध कर अपनी रोटियां सेक रहे हैं। लोगों को चुनाव में कमल के निशान पर इतनी जोर से बटन दबाना चाहिए कि उसकी आवाज शाहीन बाग तक सुनाई दें। इसी दौरान 20 साल के युवक हरजीत सिंह ने 'CAA वापस लो' का नारा लगाकर रंग में भंग डाल दिया।
समर्थकों ने युवक से की मारपीट
हरजीत सिंह के रैली में CAA विरोधी नारा लगाते ही गृहमंत्री के समर्थकों का गुस्सा आसमान पर पहुंच गया और उन्होंने युवक को पकड़कर धक्का-मुक्की करने के साथ मारपीट शुरू कर दी। बाद में रैली में हंगामा देखकर गृहमंत्री ने मंच से लोगों से शांत रहने की अपील की और पुलिसकर्मियों को युवक को बचाने के निर्देश दिए। इस दौरान गृहमंत्री ने लोगों से 'भारत माता की जय' के नारे लगवाकर ध्यान बांटने का भी प्रयास किया।
युवक ने पुलिस पर लगाया जबरन 'मैं पागल हूं' लिखवाने का आरोप
युवक हरजीत सिंह ने बताया कि वह सीलमपुर में प्रदर्शन में शामिल होने गया था, लेकिन बाबरपुर में गृहमंत्री के आने की सूचना पर वहां पहुंच गया और सोचा कि विरोध जताने का यह सही मौका है। उसके CAA वापस लेने की बात कहते ही समर्थक उस पर टूट पड़े। उसने आरोप लगाया कि भीड़ से बचाने के बाद पुलिस उसे अस्पताल की जगह सीधे थाने ले गई और जबरन 'मैं पागल हूं' लिखवा लिया। इसके बाद उसे छोड़ा गया।
युवक ने कही विरोध जताने का हक होने की बात
दिल्ली विश्वविद्यालय BA द्वितीय वर्ष के छात्र हरजीत ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है और वह भी विरोध जताने गया था। वह भगतसिंह की विचारधारा को मानते हैं और मानवता के आधार पर वह कानून का विरोध करने गया था। उन्होंने कहा कि उसने क्या गलत किया, लोगों ने टी-शर्ट तक फाड़ दी और पुलिस उसकी चोटों का इलाज कराने की जगह पहले थाने ले गई। यह अमानवीयता नहीं तो क्या है।
पुलिस उपायुक्त ने किया युवक के आरोपों का खंडन
पुलिस उपायुक्त (उत्तर पूर्व) वेद प्रकाश सूर्या ने युवक के सभी आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने कहा कि युवक से पुलिस थाने में लिखित में कुछ भी नहीं लिया गया है। पुलिस ने पहले उसे भीड़ से बचाया और सीधे अस्पताल ले गई थी। उसकी मेडिकल रिपोर्ट बनवाने के बाद उसका सत्यापन किया गया और फिर उसके परिजनों को सूचना दी गई। परिजनों के आने के बाद उसे उनको सुपुर्द कर दिया गया। युवक के आरोप बेबुनियाद हैं।
इस कारण देश में हो रहे प्रदर्शन
12 दिसंबर को राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद नागरिक संशोधन कानून बन गया था। इसके तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से उत्पीड़न के कारण आए हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्ध धर्म के लोगों को भारत की नागरिकता दी जाएगी। विरोधियों का कहना है कि सरकार को कानून में धर्म का उल्लेख नहीं करना चाहिए था। इससे समुदाय विशेष में डर बढ़ गया है। इस पर देशभर में विरोध किया जा रहा है।