दिल्ली विधानसभा चुनाव: प्रदूषण के मुद्दे पर क्या कह रही हैं तीनों पार्टियां?
क्या है खबर?
दिवाली के बाद दिल्ली पर फैली जहरीले धुएं की चादर ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया था। लोग घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे थे। हालात इतने खराब थे कि घरों के अंदर भी लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही थी।
अगले महीने दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने हैं। इन चुनावों में लोग प्रदूषण को एक बड़ा मुद्दा मान रहे हैं।
ऐसे में तीनों पार्टियां भी इसे नियंत्रित करने के लिए बड़े-बड़े वादे कर रही है।
जानकारी
दिल्ली में 8 फरवरी को डाले जाएंगे वोट
दिल्ली में 8 फरवरी को वोट डाले जाएंगे। अभी तक आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस में से किसी ने भी घोषणा-पत्र जारी नहीं किया है, लेकिन प्रदूषण को लेकर तीनों ने अपनी स्थिति जरूर स्पष्ट कर दी है।
AAP
आम आदमी पार्टी ने प्रदूषण के मुद्दे पर क्या कहा?
दिल्ली में सरकार चला रही आम आदमी पार्टी ने 10 बिंदुओं वाला गारंटी कार्ड जारी किया है।
इसमें पार्टी ने शहर का प्रदूषण तीन गुना तक कम करने, दो करोड़ पेड़ लगाने की बात कही है। साथ ही दिल्ली में 11,000 नई बसें उतारने और दिल्ली मेट्रो के नेटवर्क के विस्तार करने का दावा किया गया है।
माना जा रहा है कि पार्टी अपने घोषणा पत्र में भी इससे जुड़ी कई और बातें शामिल कर सकती हैं।
जानकारी
प्रदूषण पर अलग घोषणा-पत्र ला सकती है कांग्रेस
कांग्रेस प्रदूषण के मुद्दे पर अलग घोषणा-पत्र के साथ चुनावों में उतर सकती है। पार्टी की घोषणा-पत्र समिति की सदस्या पूजा बाहरी ने बताया, "हमने प्रदूषण के मुद्दे पर विशेषज्ञों से सलाह-मशविरा किया है और उनसे सलाह ली है।"
भाजपा
प्रदूषण के मुद्दे को प्राथमिकता में शामिल करेगी भाजपा
वहीं भारतीय जनता पार्टी अपने घोषणा-पत्र में प्रदूषण से निपटने को अपनी पांच प्राथमिकताओं में शामिल करेगी।
भाजपा प्रवक्ता ने प्रदूषण से निपटने का तरीका बताते हुए कहा, "हम सार्वजनिक परिवहन की सुविधा दुरुस्त करेंगे, स्मॉग टॉवर लगाएंगे, इलेक्ट्रिक और DTC बसों की संख्या बढ़ाएंगे, मेट्रो नेटवर्क में विस्तार करेंगे और ज्यादा पेड़ लगाएंगे। हमने इसे लेकर विशेषज्ञों से बात की है।"
अब नजरें पार्टी के घोषणा पत्र पर टिकी हुई है।
प्रदूषण
सुप्रीम कोर्ट लगा चुकी है फटकार
दिल्ली में प्रदूषण के मुद्दे से जुड़ी याचिकाओं की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट सरकारों को कड़ी फटकार लगा चुकी है।
पिछले साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों की नाकामी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा था कि लोगों को गैस चेंबर में रहने को मजबूर करने से अच्छा है कि 15 बैग विस्फोटक लाकर उन्हें एक साथ मार दिया जाए।
कोर्ट ने कहा था कि सरकार लोगों को मरने के लिए छोड़ रहे हैं।
प्रदूषण
पिछले सालों में बेहतर हुई है हवा की गुणवत्ता
सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, 2016 से हर साल हवा की गुणवत्ता में सुधार आ रहा है।
2016 में 108 दिनों पर हवा की गुणवत्ता 'अच्छी, संतोषजनक और सामान्य' रही। 2017 में इन दिनों की संख्या बढ़कर 152 और 2018 में 159 रही।
पिछले साल यह संख्या बढ़कर 182 हो गई। वहीं 2016 में 246, 2017 में 213, 2018 में 206 और 2019 में 183 दिन हवा की गुणवत्ता 'खराब, बहुत खराब और गंभीर' श्रेणी में रही।
उपाय
दिल्ली में लगेंगे दो स्मॉग टॉवर
CPCB के अधिकारियों ने बताया कि हवा की गुणवत्ता अब भी खराब है, लेकिन दिल्ली के चारों तरफ पेरिफेरल एक्सप्रेस वे खुलने, बदरपुर थर्मल पॉवर स्टेशन बंद होने और उद्योगों के लिए नैचुलर गैस के इस्तेमाल से दिल्ली में वायु प्रदूषण में कमी आई है।
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली और केंद्र सरकार कनॉट प्लेस और आनंद विहार में स्मॉग टॉवर लगा रही है। इसके लिए जानी-मानी यूनिवर्सिटी की मदद ली जा रही है।
स्मॉग टॉवर
लाजपत नगर मार्केट में लगा है एक स्मॉग टॉवर
दिल्ली की लाजपत नगर मार्केट में इसी महीने की शुरुआत में एक स्मॉग टॉवर लगाया गया था।
यह टॉवर लाजपत नगर की ट्रेडर एसोसिएशन ने भाजपा सांसद गौतम गंभीर की मदद से लगवाया है।
इस टॉवर को बनाने में सात लाख रुपये की लागत आई है, जिसका वहन गौतम गंभीर फाउंडेशन ने किया है। इसके संचालन पर हर महीने 30,000 रुपये का खर्च आएगा, जो ट्रेडर एसोसिएशन उठाएगी।