चुनाव आयोग का सख्त एक्शन, योगी और मायावती के प्रचार करने पर लगाया प्रतिबंध
आपत्तिजनक बयान देने और आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मायावती के चुनाव प्रचार करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। आयोग ने योगी पर 72 घंटे और मायावती पर 48 घंटे का प्रतिबंध लगाया है। आदेश 16 अप्रैल सुबह 6 बजे से प्रभावी होगा। इस चुनावी दौर में चुनाव आयोग ने पहली बार आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए इस तरीके का फैसला लिया है।
चुनाव आयोग का योगी और मायावती पर सख्त एक्शन
ये कार्य नहीं कर पाएंगे दोनों नेता
प्रतिबंध के दौरान योगी और मायावती किसी रैली को संबोधित नहीं कर सकते हैं। उनके सोशल मीडिया का प्रयोग करने और इंटरव्यू देने पर भी पाबंदी होगी। इस प्रतिबंध के चुनाव पर कोई खसर पड़ने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं।
इन बयानों के कारण हुई कार्रवाई
मायावती ने यूपी के देवबंद में अपनी एक रैली में मुस्लिम वोटरों से गठबंधन को वोट देने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि मुस्लिम समुदाय अपना वोट बंटने ना दें और सिर्फ महागठबंधन के लिए वोट दें। इसके जवाब में योगी आदित्यनाथ ने 9 अप्रैल को दिए अपने भाषण में हिंदू-मुस्लिम के बीच 'अली-बजरंगी बली' की लड़ाई होने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि अगर विपक्ष को अली पसंद है, तो हमें बजरंग बली पसंद हैं।
धर्म के आधार पर वोट मांगना आचार संहिता के खिलाफ
चुनाव आयोग ने दोनों के इन बयानों को संज्ञान लेते हुए इसे आचार संहिता का उल्लंघन माना था। बता दें कि आचार संहिता के अनुसार, कोई भी नेता धर्म या जाति के आधार पर लोगों से वोट नहीं मांग सकता।
सुप्रीम कोर्ट ने सुबह लगाई थी आयोग को फटकार
आज सुबह सुप्रीम कोर्ट ने योगी और मायावती के बयानों का संज्ञान लेते हुए चुनाव आयोग को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने आयोग से पूछा था कि वह मामले में क्या कार्रवाई कर रहा है। कोर्ट ने कहा था कि आयोग अभी तक सिर्फ नोटिस ही जारी कर रहा है, उसने कोई सख्त एक्शन क्यों नहीं लिया। कोर्ट की फटकार के बाद अब आयोग ने दोनों नेताओं पर कार्रवाई करते हुए अन्य नेताओं को भी एक चेतावनी दे दी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने भी किया था चुनाव आयोग के आदेश का उल्लंघन
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी चुनाव आयोग के आदेश का उल्लंघन करने का आरोप है। आयोग ने पार्टियों और नेताओं को प्रचार में पुलवामा आतंकी हमले और बालाकोट एयर स्ट्राइक का इस्तेमाल न करने की हिदायत दी थी। इसका उल्लंघन करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने 9 अप्रैल को महाराष्ट्र के लातूर में पहली बार वोट डाल रहे मतदाताओं से बालाकोट एयर स्ट्राइक और पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों के नाम पर वोट मांगे थे।