1984 दंगों पर राहुल के राजनीतिक मार्गदर्शक सैम पित्रोदा ने कहा, 'हुआ तो हुआ, अब क्या'
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी अपनी मौत के 18 साल बाद अचानक से भारतीय राजनीति में लौट आए हैं। हर रोज उनको लेकर उठ रहे विवादों से ऐसा लग रहा है कि लोकसभा चुनाव मौजूदा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी नहीं बल्कि उनके पिता राजीव गांधी लड़ रहे हैं। अब ताजा विवाद राहुल के राजनीतिक मार्गदर्शक रहे सैम पित्रोदा के एक बयान को लेकर उठा है, जिसमें उन्होंने 1984 के दंगों पर कहा कि '1984 में हुआ तो हुआ'।
भाजपा ने ट्वीट किया था राजीव का सिख दंगों पर पुराना बयान
दरअसल, भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली में चुनाव से 2 दिन पहले 1984 के सिख दंगों में राजीव गांधी की भूमिका पर सवाल उठाए थे। पार्टी ने राजीव का वो वीडियो भी ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए सिख विरोधी दंगों पर कहा था कि जब भी कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है। उनके इस बेहद चर्चित और विवादित बयान को दंगों को उचित ठहराने की कोशिश माना गया था।
जवाब में पित्रोदा बोले, "हुआ तो हुआ"
ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पित्रोदा ने भाजपा के इस आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए समाचार एजेंसी ANI से कहा, "क्या है 84 का, बात तो कीजिए कि आपने क्या किया है 5 साल में, उसकी बात कीजिए। 84 में हुआ तो हुआ, आपने क्या किया?" उन्होंने कहा कि भाजपा को नौकरी पैदा करने और 200 स्मार्ट सिटी बनाने के लिए वोट मिले थे, लेकिन उसने पिछले 5 सालों में कुछ भी नहीं किया है, इसलिए वो यहां-वहां गप्प लगाते हैं।
कांग्रेस के लिए फिर मुसीबत बना सैम पित्रोदा का बयान
मोदी ने याद दिलाया राजीव का बयान
पित्रोदा का यह बयान कांग्रेस के लिए मुसीबत खड़ी करने के लिए काफी था और भाजपा ने इसे मुद्दा बनाने में बिल्कुल देर नहीं लगाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पित्रोदा के बयान को अकेले मामले के तौर पर नहीं देखना चाहिए। उन्होंने कहा, "वो सालों से ऐसा कर रहे हैं। राजीव गांधी ने कहा था कि जब एक बड़ा पेड़ गिरता है तो जमीन हिलती है। इसलिए इसे एक व्यक्ति के बयान के तौर पर मत लीजिए।"
मोदी ने कमल नाथ पर भी उठाए सवाल
इस बीच प्रधानमंत्री मोदी ने कमल नाथ को पहले पंजाब का प्रभारी और फिर मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाए जाने पर भी सवाल खड़े किए। बता दें कि 1984 दंगों में भूमिका को लेकर कमल नाथ पर अक्सर सवाल उठते रहते हैं।
पित्रोदा की सफाई, बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रही है भाजपा
अपने बयान पर चारों ओर से घिरने के बाद पित्रोदा ने ट्वीट कर सफाई पेश की। उन्होंने कहा, "मैंने देखा है कि भाजपा हमें विभाजित करने और अपनी असफलता छुपाने के लिए फिर से मेरे इंटरव्यू के तीन शब्दों को तोड़-मरोड़ रही है।" उन्होंने कहा कि वह 1984 में उनके सिख भाई-बहनों को हुए दर्ज को पहचानते हैं और उन पर हुए अत्याचारों को भलीभांति महसूस करते हैं। इस दौरान उन्होंने भाजपा सरकार की असफलताओं को गिनाया।
अपने काम के बारे में बात नहीं कर सकती भाजपा- पित्रोदा
कांग्रेस की सफाई, पित्रोदा के बयान से पार्टी को कोई संबंध नहीं
कांग्रेस ने बयान जारी करते हुए कहा है कि पित्रोदा के बयान का पार्टी से कोई संबंध नहीं है। बयान में लिखा है कि कांग्रेस 1984 दंगों में न्याय की लड़ाई का समर्थन करती है और इसके विपरीत कोई भी विचार पार्टी का नहीं है।
पित्रोदा के बयान पर कांग्रेस की सफाई
पहले भी कांग्रेस के लिए मुसीबत बन चुके हैं पित्रोदा
पित्रोदा ने बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद भी अपने बयान से पार्टी के लिए मुसीबत खड़ी की थी। तब उन्होंने कहा था कि पुलवामा और मुंबई हमले के लिए पूरे पाकिस्तान को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने कहा था, "8 आतंकवादी आकर कुछ करते हैं तो आप पूरे पाकिस्तान पर नहीं कूद सकते। कुछ लोगों के काम के लिए पूरे देश को दोषी ठहराना गलत है।" उन्होंने एयर स्ट्राइक में मरे आतंकियों की संख्या पर भी सवाल उठाए थे।