महाराष्ट्र: कर्नाटक के 'ऑपरेशन कमल' की तर्ज पर सरकार बनाने की कोशिश कर सकती है भाजपा
क्या है खबर?
महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद भाजपा ने कर्नाटक के 'ऑपरेशन कमल' की तर्ज पर राज्य में सरकार बनाने के संकेत दिए हैं।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा है कि भाजपा सरकार बनाने के लिए जो भी हो सकेगा, वो करेगी।
इस बीच महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं ने सोनिया गांधी को चेताया है कि अगर उन्होंने सरकार नहीं बनाई तो पार्टी राज्य में खत्म हो जाएगी।
इसके बाद NCP के साथ आधिकारिक बातचीत शुरू की गई है।
राष्ट्रपति शासन
कल लगाया गया था राज्य में राष्ट्रपति शासन
दरअसल, किसी भी पार्टी के राज्य में सरकार बनाने में नाकाम रहने के बाद कल मंगलवार को महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाया गया था।
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करने से पहले भाजपा, शिवसेना और NCP को सरकार बनाने का न्योता दिया था।
जहां भाजपा ने सरकार बनाने से इनकार कर दिया, वहीं शिवसेना और NCP ने अतिरिक्त समय की मांग की।
राज्यपाल ने इससे इनकार कर दिया और राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया।
बयान
भाजपा के वरिष्ठ नेता बोले, सरकार बनाने के लिए कुछ भी करेंगे
अब राष्ट्रपति शासन लगने के बाद सभी पार्टियां सरकार बनाने के लिए बहुमत जुटाने की कोशिश में लगी हुई है।
इसी कोशिश में लगी भाजपा ने वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे ने कहा, "मैं देवेंद्र फडणवीस से मिला और उन्होंने मुझसे कहा कि हमें सरकार बनाने की कोशिश करनी चाहिए। हम सरकार बनाने के लिए जो भी संभव होगा, वो करेंगे। मैं इसमें पार्टी की मदद करूंगा।"
ऑपरेशन कमल
क्या था ऑपरेशन कमल?
राणे के इस बयान से साफ संकेत मिलता है कि भाजपा महाराष्ट्र में कर्नाटक के 'ऑपरेशन कमल' जैसा कुछ कर सकती है।
'ऑपरेशन कमल' के तहत भाजपा ने कर्नाटक में विरोधी कांग्रेस-JD(S) के 17 विधायकों को तोड़ दिया था, जो बागी बन गए और गठबंधन की सरकार बन गई।
बागी विधायकों की सदस्यता रद्द होने पर विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा भी कम हो गया और भाजपा ने अपनी सरकार बना ली। कर्नाटक में भी भाजपा सबसे बड़ी पार्टी थी।
रणनीति
शिवसेना और कांग्रेस के विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर सकती है भाजपा
महाराष्ट्र में भाजपा के पास 105 सीटें हैं जो बहुमत के आंकड़े 145 से 40 सीटें कम है।
सरकार बनाने के लिए भाजपा 29 निर्दलीय विधायकों के अलावा दूसरी पार्टियों, विशेषकर कांग्रेस और शिवसेना, के विधायकों को तोड़ने की कोशिश भी कर सकती है।
भाजपा के उनके विधायकों की तोड़ने की कोशिश करने के इसी खतरे के कारण शिवसेना और कांग्रेस ने अपने-अपने विधायकों की होटलों में रखा हुआ है।
कांग्रेस
महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता बोले, विधायकों में सरकार बनाने को लेकर बेचैनी
महाराष्ट्र के कांग्रेस नेताओं के पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे गए संदेश में भी इस खतरे की झलक मिलती है।
राज्य नेताओं ने सोनिया को चेताया है कि अगर पार्टी राज्य में सरकार बनाने में असफल रहती है तो वो राज्य में खत्म हो जाएगी।
उनका कहना है कि विधायकों में सरकार बनाने को लेकर बेचैनी है और ये सभी अपने दम पर चुनाव जीते हैं इसलिए भी उनमें इसे लेकर आक्रामकता है।
रुख में बदलाव
चेतावनी के बाद बदला सोनिया गांधी का रुख
महाराष्ट्र नेताओं की इसी चेतावनी के बाद पहले शिवसेना के साथ सरकार बनाने को लेकर अनिच्छुक सोनिया ने इस संबंध में NCP प्रमुख शरद पवार के साथ फोन पर बातचीत की।
खबरों के मुताबिक, पवार ने सोनिया से कहा कि मामले में थोड़ा इंतजार किया जाना चाहिए क्योंकि गठबंधन और सत्ता के बंटवारे को लेकर विस्तार से बातचीत होना अभी बाकी है।
इसके बाद सोनिया ने तीन शीर्ष नेताओं की टीम को NCP के साथ बातचीत के लिए मुंबई भेजा।
मांग
शिवसेना से ढाई साल के मुख्यमंत्री पद मांग सकती है NCP
मंगलवार को शिवसेना के साथ सरकार बनाने को लेकर दोनों पार्टियों में आधिकारिक बातचीत भी शुरू हो गई और जल्द ही शिवसेना के साथ सत्ता के बंटवारे का फॉर्मूला और कॉमन मिनिमम प्रोग्राम तैयार किया जाएगा।
खबरों के अनुसार, NCP ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद चाहती है और तीनों पार्टियों के बीच समझौते में ये मांग एक बड़ा अवरोध साबित हो सकती है।
तीनों पार्टियों में मंत्री पद बराबर-बराबर बांटने पर भी बातचीत हो रही है।
जानकारी
स्पीकर पद मांग सकती है कांग्रेस
कांग्रेस ने मुख्यमंत्री पद या किसी मंत्रालय को लेकर अभी तक कोई विशेष मांग नहीं की है। हालांकि कांग्रेस के विधानसभा स्पीकर का पद मांगने की उम्मीद की जा रही है, जो उसे मिल भी सकता है।