महाराष्ट्र: सत्ता बंटवारे का फॉर्मूला तैयार, NCP ने कहा- शिवसेना से होगा मुख्यमंत्री
क्या है खबर?
महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और कांग्रेस में बात लगभग पक्की हो गई है।
समझौते के अनुसार मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा।
अभी ये तय नहीं है कि कांग्रेस सरकार में शामिल होगी या उसे बाहर से समर्थन देगी।
अगर कांग्रेस सरकार में शामिल होती है तो 14-14-12 के फॉर्मूले के तहत मंत्रालयों का बंटवारा हो सकता है।
तीनों पार्टियों ने ड्राफ्ट कॉमन मिनिमम प्रोगाम (CMP) भी तैयार कर लिया है।
बातचीत
राष्ट्रपति शासन लगने के पहले से चल रही बातचीत
बता दें कि मंगलवार को महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगने के पहले से ही शिवसेना, कांग्रेस और NCP में साथ सरकार बनाने को लेकर बातचीत चल रही है।
राष्ट्रपति शासन लगने से पहले तीनों पार्टियों में सत्ता के बंटवारे और CMP को लेकर कोई समझौता नहीं हुआ था, इसलिए सरकार बनाने का दावा नहीं किया जा सका।
अब दो-तीन दिन की लंबी बातचीत के बाद तीनों पार्टियां के बीच सभी मुद्दों को लेकर बात लगभग तय हो गई है।
बयान
NCP ने कहा- शिवसेना का आत्म-सम्मान बनाए रखने की जिम्मेदारी हमारी
सत्ता के बंटवारे पर तय समझौते के अनुसार, राज्य में पूरे पांच साल के लिए शिवसेना का मुख्यमंत्री होगा।
NCP नेता नवाब मलिक ने इस बारे में बयान देते हुए कहा, "अगर मुख्यमंत्री शिवसेना से होगा क्योंकि अपने पुराने गठबंधन को छोड़ने वाली शिवसेना का आत्म-सम्मान बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है।"
कांग्रेस पर मलिक ने कहा कि कांग्रेस सरकार में शामिल होगी या बाहर से समर्थन देगी, इस पर जल्द ही फैसला लिया जाएगा।
प्रस्ताव
बिना प्रभार के मुख्यमंत्री बन सकते हैं उद्धव
खबरों के अनुसार, अगर कांग्रेस समझौते में शामिल होती है तो 14-14-12 के फॉर्मूले के तहत शिवसेना, NCP और कांग्रेस में मंत्री पदों का बंटवारा हो सकता है।
मुख्यमंत्री पद छोड़ने के लिए NCP को गृह और राजस्व जैसे अहम विभाग दिए जा सकते हैं।
वहीं कांग्रेस-NCP ने मुख्यमंत्री पद पर दावा छोड़ने के लिए ये सुझाव भी दिया है कि खुद उद्धव मुख्यमंत्री बनें और बिना कोई प्रभार लिए अरविंद केजरीवाल की तरह सरकार का कामकाज देखें।
जानकारी
हो सकते हैं दो उप मुख्यमंत्री
प्रस्तावित समझौते के अनुसार, अगर शिवसेना का मुख्यमंत्री होने पर कांग्रेस और NCP दोनों का एक-एक यानि कुल दो उप मुख्यमंत्री हो सकते हैं। अगर कांग्रेस सरकार में शामिल नहीं होती तो उसे स्पीकर का पद दिया जा सकता है।
कॉमन मिनिमम प्रोग्राम
कॉमन मिनिमम प्रोग्राम भी तैयार
वहीं अगर CMP की बात करें तो इसका भी ड्राफ्ट तैयार हो चुका है, जिसे तीनों पार्टियों के शीर्ष नेतृत्व से अंतिम मंजूरी मिलना बाकी है।
बुधवार को कांग्रेस और NCP नेताओं ने पहले आपस में बैठक कर CMP तैयार किया, जिसे लेकर गुरूवार को शिवसेना नेताओं के साथ बैठक करके अंतिम रूप दिया गया।
कांग्रेस और NCP के राज्य प्रमुखों ने इसे लेकर बांद्रा के एक होटल में उद्धव से भी मुलाकात की।
मुद्दे
किसानों का मुद्दा CMP के केंद्र में, हिंदुत्व से जुड़े मुद्दे बाहर
खबरों के अनुसार, CMP को लेकर हुई बातचीत में तीनों पार्टियों ने अपने-अपने चुनावी घोषणापत्रों को आगे रखा और किसानों के मुद्दे के इसके केंद्र में रखा गया है।
इसमें कृषि कर्ज माफ करने के अलावा किसानों को प्रति महीने कैश सब्सिडी देने का प्रावधान भी है।
इसके अलावा बेरोजगारी भत्ता, 10 रुपये में खाने की थाली जैसे बिंदु भी इसमें शामिल हैं।
हिंदुत्व से जुड़े मुद्दे को CMP से बाहर रखा गया है।
जानकारी
रविवार को सोनिया गांधी से मिलेंगे शरद पवार
रविवार को NCP प्रमुख शरद पवार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने दिल्ली जाएंगे। इसके बाद दोनों नेताओं के एक साथ उद्धव से मिलने की संभावना है। इस मुलाकात में सरकार गठन पर अंतिम मुहर लग सकती है।