महाराष्ट्र में लगा राष्ट्रपति शासन, रामनाथ कोविंद ने मंजूर की राज्यपाल और केंद्रीय कैबिनेट की सिफारिश
क्या है खबर?
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी के बाद महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लग गया है।
आज दिन में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और केंद्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रपति शासन लगाने जाने की सिफारिश की थी।
राष्ट्रपति शासन लगाने से पहले राज्यपाल ने भाजपा, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) को सरकार बनाने का न्योता दिया था।
भाजपा ने सरकार बनाने से इनकार कर दिया, वहीं शिवसेना और NCP तय समय के अंदर दावा नहीं कर पाईं।
बयान
राजभवन ने जारी किया था बयान
इससे पहले राष्ट्रपति भवन ने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश पर बयान जारी करते हुए कहा, "संविधान के दायरे में रहते हुए महाराष्ट्र में सरकार नहीं बन सकती, इस बात पर पूरी तरह संतुष्ट होने के बाद महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने आज संविधान के अनुच्छेद 356 (राष्ट्रपति शासन) के तहत रिपोर्ट सौंपी है।"
इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में भी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की गई थी।
पृष्ठभूमि
कैसे राष्ट्रपति शासन की ओर बढ़ा महाराष्ट्र?
महाराष्ट्र के राष्ट्रपति शासन की ओर बढ़ने की शुरूआत भाजपा-शिवसेना गठबंधन में मतभेद से हुई।
भाजपा-शिवसेना गठबंधन को चुनाव में पूर्ण बहुमत मिला था लेकिन दोनों में सत्ता के बंटवारे को लेकर सहमति नहीं बनी।
शिवसेना ने गठबंधन करने से पहले तय हुए 50-50 फॉर्मूले के तहत सत्ता में बराबर हिस्सेदारी और ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद मांगा, लेकिन भाजपा मुख्यमंत्री पद देने को तैयार नहीं हुई और दोनों का गठबंधन टूट गया।
सरकार बनाने का न्योता
राज्यपाल ने एक-एक पार्टियों को बुलाना किया शुरू
तय समय के अंदर किसी भी पार्टी के सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करने के बाद राज्यपाल ने सबसे बड़ी पार्टी भाजपा को सरकार बनाने का न्योता दिया। लेकिन भाजपा ने सरकार बनाने से इनकार कर दिया।
इसके बाद राज्यपाल ने दूसरी सबसे बड़ी पार्टी शिवसेना को सरकार बनाने का न्योता दिया और उससे 24 घंटे के अंदर अपना संख्याबल पेश करने को कहा।
लेकिन कांग्रेस-NCP से समर्थन पत्र नहीं मिलने के कारण शिवसेना ऐसा नहीं कर सकी।
रिपोर्ट्स
NCP के भी अतिरिक्त समय मांगने पर राष्ट्रपति शासन की सिफारिश
सोमवार रात को शिवसेना ने राज्यपाल से मिलकर अतिरिक्त समय की मांग की, लेकिन राज्यपाल ने और समय देने से इनकार करते हुए NCP को सरकार बनाने का न्योता दे दिया।
NCP को भी 24 घंटे का समय दिया गया जो आज रात 08:30 बजे खत्म हो रहा था।
रिपोर्ट्स के अनुसार, NCP ने भी आज राज्यपाल को पत्र लिखकर अतिरिक्त समय की मांग की, जिसके बाद राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की सिफारिश कर दी।
इतिहास से
महाराष्ट्र में पहले कब-कब लगा राष्ट्रपति शासन?
महाराष्ट्र में अब तक दो बार राष्ट्रपति शासन लग चुका है। पहली बार 17 फरवरी 1980 से 8 जून 1980 तक राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा था। दूसरी बार 28 सितंबर 2014 से 31 अक्टूबर 2014 के बीच राज्य में राष्ट्रपति शासन रहा।
याचिका
शिवसेना ने राज्यपाल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की
इस बीच शिवसेना ने सरकार बनाने के लिए उसे अतिरिक्त समय न देने के राज्यपाल के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी है।
पार्टी याचिका दायर करने के लिए राष्ट्रपति शासन की सिफारिश का ही इंतजार कर रही थी।
दरअसल, शिवसेना उसे मिले 24 घंटे के अंदर कांग्रेस-NCP का समर्थन पत्र हासिल नहीं कर पाई थी औऱ उसने राज्यपाल से अतिरिक्त समय की मांग की थी, जिसे ठुकरा दिया गया।