महाराष्ट्र के दिग्गज नेता शरद पवार का ऐलान, इस बार नहीं लड़ेंगे लोकसभा चुनाव
दिग्गज नेता और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अपने चुनाव ना लड़ने की घोषणा की है। शरद महाराष्ट्र के एक बड़े नेता हैं और राज्य की राजनीति में बहुत महत्व रखते हैं। पवार का केंद्र की राजनीति में भी एक बड़ा कद है। उनका यह फैसला ऐसे समय पर आया है जब एक दिन पहले रविवार को ही चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव की तारीखें घोषित की हैं।
'परिवार के दो सदस्य लड़ रहे चुनाव इसलिए मैं नहीं लडूंगा'
मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस में शरद पवार ने अपने चुनाव न लड़ने की घोषणा करते हुए कहा, "मेरा विचार है कि मेरे परिवार के दो सदस्य इस बार चुनाव लड़ रहे हैं, इसलिए मुझे लगता है कि मेरे लिए चुनाव न लड़ने का फैसला लेने का यह सही समय है। मैं पहले ही 14 बार चुनाव लड़ चुका हूं।" इस घोषणा से पहले 78 वर्षीय पवार के दक्षिण-पूर्व महाराष्ट्र की माढा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की अटकलें थी।
लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे शरद पवार
कांग्रेस के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ेगी NCP
बता दें कि पवार की पार्टी NCP कांग्रेस के साथ गठबंधन में लोकसभा चुनाव लड़ेगी। खबरों के अनुसार, एक दिन पहले ही दोनों पार्टियों के बीच सीटों के बंटवारे पर अंतिम फैसला हुआ है। हालांकि, अभी इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। पवार के पोते पर्थ पवार के मावल सीट से चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जा रही हैं। NCP-कांग्रेस के गठबंधन का मुकाबला भाजपा-शिवसेना के गठबंधन से हो सकता है। राज्य में 48 लोकसभा सीट हैं।
पवार के परिवारवाद पर सवाल
कुछ समय पहले पवार ने कहा था कि उनकी पार्टी चाहती है कि वह चुनाव लड़ें और वह इस पर विचार कर रहे हैं। जबकि पिछले महीने उन्होंने कहा था कि वह चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। वंशवाद की राजनीति को बढ़ावा देने के सवालों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा था कि चुनाव वह लड़ेंगे, उनके संबंधी नहीं। हालांकि, अब उनके परिवार की तीसरी पीढ़ी राजनीति में आ चुकी है तो उनके दावे पर सवाल उठना लाजमी है।
कुछ ऐसा रहा पवार का राजनीतिक करियर
पवार ने 1984 में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ते हुए कांग्रेस की टिकट पर जीत हासिल की। उन्होंने 10 जून, 1999 को कांग्रेस से अलग होकर NCP बनाई। वह 1991, 1996, 1998, 1999, 2004 और 2009 में भी सांसद चुने गए। वह 1991-93 में नरसिम्हा राव सरकार में रक्षा मंत्री और 2004-2009 की संप्रग सरकार में कृषि मंत्री रहे। 1998 में वह लोकसभा में विपक्ष के नेता भी रहे। वह 4 बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं।