कौन हैं सुनील कानुगोलू, जो तेलंगाना में कांग्रेस की जीत के अहम सूत्रधार रहे?
4 राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के परिणाम आ गए हैं। मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को करारी हार मिली है, लेकिन तेलंगाना में पार्टी ने जीत दर्ज की है। कांग्रेस ने राज्य की 119 में से 64 सीटों पर जीत दर्ज की है। पार्टी के इस प्रदर्शन के बाद सुनील कानुगोलू नामक एक शख्स की काफी चर्चा है, जिन्हें जीत का सूत्रधार बताया जा रहा है। आइए जानते हैं कि सुनील कानुगोलू कौन हैं।
कर्नाटक के रहने वाले हैं सुनील कानुगोलू
सुनील भारत के लोकप्रिय चुनाव रणनीतिकारों में से एक हैं। वह कर्नाटक के बेल्लारी के मूल निवासी हैं। चेन्नई में जन्मे सुनील ने अपनी पढ़ाई अमेरिका से की है और एक बहुराष्ट्रीय मैनेजमेंट फर्म के साथ काम कर चुके हैं। अमेरिका से लौटने के बाद उन्होंने 2014 में भाजपा के एसोसिएशन ऑफ बिलियन माइंड्स (ABM) का नेतृत्व किया था। ये एक जाना-माना राजनीतिक परामर्श संगठन है। कर्नाटक चुनावों में कांग्रेस की जीत में भी सुनील की अहम भूमिका थी।
कांग्रेस से कैसे जुड़े सुनील?
2 साल पहले सुनील को तेलंगाना के तत्कालीन मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (KCR) ने चुनावी रणनीति बनाने के लिए अपने फार्म हाउस पर आमंत्रित किया था। हालांकि, सुनील ने KCR के साथ काम करने से इनकार कर दिया। इसके बाद मार्च, 2022 में कांग्रेस ने सुनील को अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (AICC) की चुनाव रणनीति समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया। 2 महीने बाद सोनिया गांधी ने उन्हें पार्टी के 2024 लोकसभा चुनाव टास्क फोर्स का सदस्य भी बना दिया।
सुनील ने कैसे कांग्रेस को किया मजबूत?
सुनील को तेलंगाना में अपनी रणनीतियों को लागू करने और आंतरिक सेवाओं का संचालन करने की खुली छूट दी गई थी। तेलंगाना में कांग्रेस पार्टी के नेताओं में उत्साह की कमी थी, लेकिन उन्होंने सभी को यकीन दिलाया कि जीत संभव है। उन्होंने चुपचाप काम करते हुए KCR के खिलाफ काम करना शुरू किया और भाजपा के प्रभाव को सीमित करने के प्रयास किए। तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के चुनाव से हटने से उनका काम और आसान हो गया।
सुनील ने बनाई थी 'भारत जोड़ो यात्रा' की रणनीति
TDP के चुनावी मैदान से हटने के बाद सुनील ने भाजपा को निचले पायदान पर धकलने में कांग्रेस की मदद की। इस तरह KCR से कांग्रेस की सीधी टक्कर हुई और वोटों को बिखरने से रोकने में कामयाबी मिली। इसके अलावा सुनील ने ही पिछले साल कन्याकुमारी से कश्मीर तक राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' की रणनीति बनाई थी। यह यात्रा बेहद सफल रही थी। सुनील कांग्रेस के अलावा भी कई पार्टियों के लिए काम कर चुके हैं।
सुनील को करना पड़ा KCR के गुस्से का सामना
तेलंगाना में सुनील ने KCR के खिलाफ नैरेटिव सेट करना शुरू किया था। कहा जाता है कि इससे KCR चिंतित हुए और उन्होंने सुनील के पीछे पुलिस लगवा दी। आरोप है कि KCR ने हैदराबाद में सुनील के कार्यालय पर पुलिस का छापा पड़वाया और उपकरण तक जब्त कर लिए। पुलिस ने उन्हें पूछताछ के लिए भी बुलाया था। हालांकि, इस बीच सुनील ने एक नया कार्यालय बनाया और कांग्रेस के लिए काम करते रहे।
सुनील ने भाजपा और DMK के लिए भी किया है काम
सुनील 2014 लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए चुनावी रणनीति बनाने वाली प्रशांत किशोर की टीम का भी हिस्सा थे। इस चुनाव के बाद नरेंद्र मोदी पहली बार प्रधानमंत्री बने थे। सुनील ने भाजपा के लिए 2017 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी काम किया था। उन्होंने 2019 में एमके स्टालिन के लिए भी काम किया था। तब लोकसभा चुनाव में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के नेतृत्व वाले गठबंधन ने कुल 39 में से 38 सीटें जीतीं थीं।
क्या रहे तेलंगाना चुनाव के नतीजे?
तेलंगाना में कांग्रेस ने ऐतिहासिक जीत हासिल की है और 10 साल से सत्ता पर काबिज BRS को हरा दिया है। राज्य की 119 सीटों में से 64 पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। इसके विपरीत BRS महज 39 सीटों पर जीती है। भाजपा के खाते में भी 8 सीटें आई हैं, वहीं AIMIM मात्र 7 सीटें जीती है। BRS ने हार स्वीकार कर कांग्रेस को जीत की बधाई दी है।