तेलंगाना चुनाव: कांग्रेस की ऐतिहासिक जीत, चंद्रशेखर राव की BRS सत्ता से बेदखल
क्या है खबर?
तेलंगाना में कांग्रेस ने भारत राष्ट्र समिति (BRS) को सत्ता से बाहर कर दिया। आज आए नतीजों में कांग्रेस ने राज्य की 119 सीटों में से 64 सीटें हासिल करके एक ऐतिहासिक जीत दर्ज की है।
इस बीच कांग्रेस आलाकमान ने तेलंगाना के नवनिर्वाचित विधायकों के साथ समन्वय के लिए कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को पर्यवेक्षक बनाया है।
कांग्रेस कर्नाटक के बाद दक्षिण भारत के दूसरे राज्य में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने जा रही है।
चुनाव नतीजे
क्या रहे चुनाव नतीजे?
पिछले 10 साल से तेलंगाना की सत्ता पर काबिज BRS को तेलंगाना चुनाव में करारी हार मिली है। इस चुनाव में कांग्रेस ने 64 सीटों पर जीत दर्ज की है, वहीं BRS को 39 सीटें मिली हैं।
चुनाव में भाजपा ने अपना प्रदर्शन सुधारते हुए 8 सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने 7 और भारतीय कम्युनिट पार्टी (CPI) ने एक सीट पर जीत दर्ज की है।
नतीजे
इन प्रमुख चेहरों की हुई जीत
मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने गजवेल सीट पर 45,000 वोटों से अधिक वोटों से जीत दर्ज की है।
हालांकि, कामारेड्डी सीट पर भाजपा उम्मीदवार कटिपल्ली वेंकट रमण रेड्डी ने उन्हें 6,741 वोटों से शिकस्त दी है।
मुख्यमंत्री राव के बेटे केटीआर राव ने सिरसिल्ला सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी कोंडम करुणा महेंदर रेड्डी को 29,687 वोटों के भारी अंतर से हराया है।
दूसरी ओर तेलंगाना कांग्रेस अध्यक्ष रेवंत रेड्डी ने कोडांगल सीट से 32,532 वोटों से जीत दर्ज की है।
रेस
तेलंगाना में कौन बनेगा मुख्यमंत्री?
तेलंगाना में विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद यहां मुख्यमंत्री पद को लेकर चर्चा तेज हो गई है।
इनमें सबसे पहला नाम तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के अध्यक्ष रेवंत रेड्डी का है, जो मुख्यमंत्री पद के सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं।
इसके अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लू भट्टी विक्रमार्क, तेलंगाना कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष उत्तमकुमार रेड्डी, कोमाटिरेड्डी राज गोपाल रेड्डी और पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी भी मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में शामिल हैं।
टूट
कांग्रेस ने विधायकों की सुरक्षा बढ़ाई
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कांग्रेस को आशंका है कि विरोधी पार्टियां तेलंगाना में उसके विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर सकती हैं। ऐसे में नवनिर्वाचित विधायकों को सुरक्षित रखने के लिए उनके साथ एक-एक पार्टी सदस्य को तैनात किया गया है।
इन सभी विधायकों की घेराबंदी करने की जिम्मेदारी डीके शिवकुमार को सौंपी गई है।
उन्होंने अपने एक बयान में कहा कि उन्हें अपने उम्मीदवारों पर पूरा भरोसा है और उनकी पार्टी से जीतने वाले विधायकों को तोड़ना असंभव है।
जानकारी
मुख्यमंत्री पद पर आलाकमान लेगा अंतिम फैसला- शिवकुमार
तेलंगाना में कांग्रेस की बढ़त के बाद कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री शिवकुमार ने कहा कि तेलंगाना के लोगों ने बदलाव का फैसला कर लिया है और रेवंत रेड्डी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और टीम लीडर हैं, लेकिन मुख्यमंत्री पद पर अंतिम फैसला पार्टी आलकमान का होगा।
मुद्दे
तेलंगाना चुनाव में क्या रहे प्रमुख मुद्दे?
तेलंगाना चुनाव में बेरोजगारी और पेपर लीक बड़ा मुद्दा बने और इसे लेकर राज्य के युवाओं ने कई बड़े धरना-प्रदर्शन किए थे। चुनाव में कांग्रेस और भाजपा ने भ्रष्टाचार को भी एक बड़ा मुद्दा बनाया।
दोनों प्रमुख राष्ट्रीय पार्टियों ने सत्तारूढ़ BRS के कार्यकाल में कालेश्वरम परियोजना के मेडिगड्डा बैराज के धंसने की उच्च स्तरीय जांच की मांग की।
इसके अलावा किसान और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) भी इस बार चुनाव के केंद्र में बने रहे।
मतदान
तेलंगाना में 30 नवंबर को हुआ था मतदान
30 नवंबर को तेलंगाना विधानसभा चुनाव में कुल 119 सीटों पर 70.60 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि पिछले 2018 चुनाव में यहां 73 प्रतिशत के करीब मतदान हुआ था।
इस चुनाव में मुनुगोडे विधानसभा सीट पर सबसे अधिक 91.89 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि याकूतपुरा खंड सीट में 39.64 प्रतिशत के साथ सबसे कम मतदान दर्ज हुआ।
चुनाव में इस बार 3.26 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।