
ओडिशा: कौन हैं मोहन चरण माझी, कनकवर्धन सिंह देव और प्रभाती परिडा?
क्या है खबर?
ओडिशा को आज पहला भाजपाई मुख्यमंत्री मिलने जा रहा है। राज्य में पहली बार सरकार बनाने जा रही भाजपा ने क्योंझर से 4 बार के विधायक मोहन चरण माझी को मुख्यमंत्री चुना है।
उनका साथ देने के लिए कनकवर्धन सिंह देव और प्रभाती परिडा को उपमुख्यमंत्री बनाया जा रहा है। साथ ही परिडा राज्य की पहली महिला उपमुख्यमंत्री बनने जा रही हैं।
आइए इन तीनों शख्सियत के बारे में जानते हैं।
माझी
माझी ने सरपंच से शुरू किया था राजनीतिक सफर
माझी लंबे समय से भाजपा से जुड़े हुए हैं। वे राज्य के उत्तरी हिस्से क्योंझर के रायकला से आते हैं, जो खनिज भंडारों से समृद्ध है।
1997 में उन्होंने अपना राजनीतिक सफर बतौर सरपंच शुरू किया था। इससे पहले वे राष्ट्रीय स्वयंसवक संघ (RSS) द्वारा संचालित सरस्वती शिशु मंदिर में शिक्षक रह चुके हैं।
माझी ने ढेंकनाल लॉ कॉलेज से LLB और सैम होइगॉन बोहोम इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस से MA किया है।
पहली जीत
माझी ने साल 2000 में जीता पहला चुनाव
माझी साल 2000 में पहली बार क्योंझर से जीतकर विधानसभा पहुंचे। इसके बाद 2004 में उन्होंने फिर जीत दर्ज की। हालांकि, कंधमाल दंगों के बाद बीजू जनता दल (BJD) और भाजपा का गठबंधन टूट गया, जिसके चलते 2009 के चुनावों में माझी का हार का सामना करना पड़ा।
माझी 2014 में भी चुनाव हार गए, लेकिन 2009 में क्योंझर से तीसरी बार जीत हासिल की। इसके बाद माझी को पार्टी का मुख्य सचेतक नियुक्त किया गया।
कनकवर्धन सिंह
कौन हैं कनकवर्धन सिंह?
67 वर्षीय सिंह पटनागढ़ से 6 बार विधायक रहे हैं और पटनागढ़ के पूर्व राजघराने से हैं। वे ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री राजेंद्र नारायण सिंह देव के पोते हैं।
वे भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष भी रह चुके हैं और 1995 में पहली बार विधानसभा के लिए चुने गए थे।
वे 2019 तक लगातार विधायक बने। 2019 में उन्हें BJD की सरोज मेहर से हार का सामना करना पड़ा। इस बार वे केवल 1,357 वोटों से जीते हैं।
मंत्री
कई मंत्रालयों का जिम्मा संभाल चुके हैं सिंह
सिंह साल 2000 से 2009 तक BJD और भाजपा की गठबंधन सरकार में 2000 से 2004 तक उद्योग और सार्वजनिक उद्यम, 2004 से 2009 तक शहरी विकास जैसे प्रमुख विभागों का जिम्मा संभाल चुके हैं।
उनकी पत्नी संगीता सिंह देव भी फिलहाल बलांगीर की सांसद हैं। वे 1998, 1999, 2004 और 2019 में बलांगीर से जीत दर्ज कर चुकी हैं। सिंह के परिवार के कई सदस्य राजनीति में सक्रिय हैं।
परिडा
पहली बार विधायक बनी हैं प्रभाती परिडा
ओडिशा की उपमुख्यमंत्री बनने जा रहीं परिडा नीमापाड़ा विधानसभा क्षेत्र से पहली बार विधायक चुनी गई हैं। उन्होंने 2014 और 2019 में भी चुनाव लड़ा था, लेकिन तब BJD के समीर रंजन दास के हाथों हार का सामना करना पड़ा था।
परिडा इससे पहले कुछ समय ओडिशा हाई कोर्ट में वकालत कर चुकी हैं भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। परिडा के पति सरकारी अधिकारी थे और कुछ साल पहले ही सेवानिवृत्त हुए हैं।
नतीजे
चुनावों में भाजपा को मिला बहुमत
ओडिशा विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 147 में से 78 सीटों पर जीत दर्ज की है। BJD को 51 सीटें, कांग्रेस को 14 और अन्य के खाते में 4 सीटें आई हैं।
भाजपा की जीत के साथ ओडिशा को 24 साल बाद नया मुख्यमंत्री मिलने जा रहा है। BJD के नवीन पटनायक लगातार 24 सालों से ओडिशा के मुख्यमंत्री थे। भाजपा ने 2019, 2014 और 2009 के चुनावों में क्रमश: 23, 10 और 6 सीटें जीती थीं।