ओडिशा विधानसभा चुनाव परिणाम 2024: राज्य में पहली बार भाजपा को बहुमत, BJD को झटका
देश में चल रही लोकसभा चुनाव 2024 की मतगणना के साथ ओडिशा में हुई विधानसभा चुनावों की भी मतगणना चल रही है। इसमें अब तक सामने आए रुझानों में राज्य में पहली बार भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला है। इसके उलट, सत्ताधारी बीजू जनता दल (BJD) 50 सीटों पर बढ़त के साथ बहुमत के आंकड़े के काफी दूर रह गई है। इस तरह से भाजपा ने राज्य में पहली बार सरकार बनाने की तैयारी शुरू कर दी है।
ओडिशा में भाजपा ने शुरू की सरकार बनाने की तैयारी
ओडिशा में भाजपा ने पहली बार सरकार बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। भाजपा 147 सीटों में से 19 जीत चुकी है और 61 पर आगे है। उसके खाते में 80 सीटें आती नजर आ रही है, जबकि बहुमत का आंकड़ा 74 है। इसी तरह सत्ताधारी BJD 11 सीट जीत चुकी है और 39 पर आगे हैं। कांग्रेस 2 जीत के अलावा 11 सीटों पर आगे है, जबकि 4 सीटों पर अन्य दल और निर्दलीयों को बढ़त है।
मुख्यमंत्री पटनायक हिंजली में आगे और कांटीबांजी में पिछड़े
इस चुनाव में मुख्यमंत्री पटनायक ने दो सीटों से चुनाव लड़ा है। जिसमें वह हिंजली सीट पर 4,355 वोटों से आगे चल रहे हैं, लेकिन कांटाबांजी में पिछड़ रहे हैं। यहां बीजेपी के लक्ष्मण बाग 9,000 से अधिक वोट से आगे चल रहे हैं। इस सीट पर दूसरे नंबर पर AIFB के अभिराम धरुआ हैं। मुख्यमंत्री पटनायक की चुनाव में यह स्थिति उनके प्रति कम होते जनादेश का संकेत है। हालांकि, स्थिति परिणाम जारी होने के बाद स्पष्ट होगी।
ओडिशा विधानसभा में 2019 में क्या रहा था परिणाम?
ओडिशा में साल 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में 147 सीटों में से 117 पर BJD ने बाजी मारी थी, जिसके बाद पटनायक ने फिर से मुख्यमंत्री का पद संभाला था। उस दौरान भाजपा के खाते में महज 23 सीटें आी थीं। कांग्रेस सिर्फ 9 सीटें जीतने में कामयाब हो सकी थी। साल 2019 में नवीन पटनायक ने 5वीं बार मुख्यमंत्री पद संभाला था। वह साल 2000 से वह लगातार ओडिशा के मुख्यमंत्री बनते आ रहे हैं।
भाजपा ने बिना मुख्यमंत्री चेहरे के लड़ा चुनाव
ओडिशा में इस बार भाजपा ने बिना मुख्यमंत्री के चेहरे के ही चुनाव लड़ा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य में कई रैलियां कर लोगों को आकर्षित करने का काम किया था। इसमें वह सफल भी हुए हैं। यही कारण है की रुझानों में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिलता नजर आ रहा है। इसके उलट BJD ने मुख्यमंत्री पटनायक के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा था, लेकिन चुनाव परिणाम ने साबित कर दिया कि राज्य की जनता बदलाव चाहती है।