ओडिशा: नवीन पटनायक के 'उत्तराधिकारी' पूर्व नौकरशाह वीके पांडियन हुए BJD में शामिल, जानें कौन हैं
क्या है खबर?
ओडिशा के पूर्व नौकरशाह वीके पांडियन ने सभी अटकलों पर विराम लगा दिया और सोमवार को वह औपचारिक रूप से राज्य में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (BJD) में शामिल हो गए।
वह मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के करीबी सहयोगियों में से एक हैं और उनके उत्तराधिकारी माने जाते हैं।
उन्हें अक्टूबर में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) के बाद सरकार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया था, जिसके बाद से उनके पार्टी में शामिल होने कयास लगाए जा रहे थे।
पुष्टि
BJD नेता बोले- पांडियन के अनुभव से पार्टी को होगा फायदा
सोमवार को BJD सासंद पिनाकी मिश्रा ने पांडियन के औपचारिक रूप से पार्टी में शामिल होने की पुष्टि की।
उन्होंने कहा, "पांडियन ने BJD प्रमुख और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की उपस्थिति में पार्टी की सदस्यता ली। उनके पार्टी में शामिल होने से सभी वरिष्ठ नेता खुश हैं।"
उन्होंने कहा, "पांडियन के प्रशासनिक और राजनीतिक अनुभव से पार्टी को काफी फायदा होगा। उन्हें पार्टी में एक प्रमुख भूमिका दिए जाने की संभावना है, जिसकी घोषणा जल्द ही जा सकती है।"
करीब
कौन हैं वीके पांडियन?
49 वर्षीय वीके पांडियन का जन्म 29 मई, 1974 को तमिलनाडु में हुआ था। पांडियन ने कृषि में स्नातक और फिजियोलॉजी में स्नातकोत्तर किया है। पांडियन 2000 बैच के IAS अधिकारी हैं।
वह 2002 में ओडिशा के कालाहांडी जिले के धर्मगढ़ के सब-कलेक्टर नियुक्त हुए, 2005 में उन्हें मयूरभंज का जिलाधिकारी नियुक्त किया गया और 2007 में वह गंजम के जिलाधिकारी बने।
2011 में वह मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) में तैनाती के बाद 12 साल तक मुख्यमंत्री के निजी सचिव रहे।
करीबी
कैसे मुख्यमंत्री पटनायक के करीबी बने पांडियन?
मयूरभंज और गंजम के जिलाधिकारी रहते हुए पांडियान ने जो काम किया, उससे वो मुख्यमंत्री पटनायक के भरोसेमंद अधिकारी बने। गंजम पटनायक का गृह जिला है।
पटनायक के पूर्व सलाहकार प्यारीमोहन मोहापात्र के रिटायर होने के बाद पांडियन का कद और तेजी से बढ़ा।
अभी उन्हें ओडिशा सरकार और सत्तारूढ़ BJD में पटनायक के बाद सबसे प्रमुख व्यक्ति के रूप में देखा जाता है।
पटनायक के उन्हें अपना उत्तराधिकारी बनाने की भी अटकलें हैं।
पहल
ओडिशा सरकार की बड़ी पहल के पीछे पांडियन का दिमाग
पटनायक की सरकार में प्रशासनिक तंत्र में आमूलचूल बदलाव के लिए शुरू की गई 5T (परिवर्तनकारी पहल) के पीछे पांडियन का दिमाग माना जाता है।
यहां 5T का अर्थ ट्रांसपेरेंसी (पारदर्शिता), टीमवर्क, टेक्नोलॉजी (प्रौद्योगिकी) और टाइम (समय) और ट्रांसफॉर्मेशन (परिवर्तन) से है।
5T के लिए कोई आधिकारिक विभाग नहीं है, लेकिन कहा जाता है कि पांडियन इसके जरिए सरकारी परियोजनाओं में हस्तक्षेप करते थे।
उन्हें VRS लेने के बाद 5T और 'नबीन ओडिशा' का अध्यक्ष बनाया गया था।