पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव: कलकत्ता हाई कोर्ट का आदेश- नामांकन का समय बढ़े, शांत-निष्पक्ष हो चुनाव
क्या है खबर?
पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को पंचायत चुनाव होने हैं। चुनावों के नामांकन के लिए मिले कम समय और सुरक्षा को लेकर विपक्षी पार्टियों ने कलकत्ता हाई कोर्ट का रुख किया था।
इस मामले पर आज हुई सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि नामांकन जमा करने का समय पर्याप्त नहीं है और इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए।
बता दें कि नामांकन के लिए 7 दिनों का समय दिया गया है।
आदेश
नामांकन का समय बढ़ाए चुनाव आयोग- हाई कोर्ट
दरअसल, राज्य चुनाव आयोग (SEC) ने पंचायत चुनावों के लिए 9 से लेकर 15 जून तक का समय दिया है।
विपक्षी दलों का कहना है कि इतनी कम अवधि में 60,000 से ज्यादा सीटों पर नामांकन करना आसान नहीं है।
इसके खिलाफ कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी और भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने नामांकन दाखिल करने की अवधि बढ़ाने के बारे में सोचने को कहा है।
तैनाती
हाई कोर्ट का आदेश- केंद्रीय बलों की तैनाती पर करे विचार
याचिकाकर्ताओं ने मांग की थी कि शांतिपूर्ण वोटिंग के लिए मतदान केंद्रों पर CCTV कैमरे और राज्य में केंद्रीय बलों की तैनाती की जाए।
याचिकाकर्ताओं ने इसके पीछे 2018 में हुए पंचायत चुनावों में हिंसा का उल्लेख किया था। इस पर कोर्ट ने SEC से कहा कि वो पूरी मतदान प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराए और जरूरत पड़ने पर केंद्रीय बलों की तैनाती करने पर विचार करे।
कोर्ट ने कहा कि निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
नतीजे
11 जुलाई को आएंगे नतीजे
पश्चिम बंगाल की सभी पंचायतों में 8 जुलाई को एक साथ मतदान होगा और 11 जुलाई को नतीजे आएंगे। गुरुवार को नवनियुक्त राज्य निर्वाचन आयुक्त राजीव सिन्हा ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि सभी पंचायतों में एक ही दिन में मतदान कराया जाएगा।
बता दें कि सिन्हा को एक दिन पहले ही राज्य निर्वाचन आयुक्त नियुक्त किया गया था।
पश्चिम बंगाल में कुल 3,317 ग्राम पंचायतें हैं और कुल 63,283 पंचायत सीटें हैं।
हिंसा
पिछले चुनावों में हुई थी हिंसा
साल 2018 में हुए पंचायत चुनावों में तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने 34 प्रतिशत सीटों पर निर्विरोध जीत हासिल की थी। हालांकि, इस दौरान बड़े स्तर पर हिंसा हुई थी। इस दौरान बम फेंकने, बूथ कैप्चर करने से लेकर बैलेट बॉक्स जलाने की घटनाएं हुई थीं।
विपक्षी पार्टियों ने इसका आरोप TMC पर लगाया था। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, चुनावों के दौरान हिंसक घटनाओं में 13 से ज्यादा लोग मारे गए थे और 50 से ज्यादा घायल हुए थे।