पश्चिम बंगाल: शिक्षक भर्ती घोटाले में TMC विधायक गिरफ्तार, 2 मोबाइल फोन तालाब में फेंके
क्या है खबर?
पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की टीम ने 65 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद तृणमूल कांग्रेस (TMC) के विधायक जीवन कृष्ण साहा को गिरफ्तार कर लिया है।
CBI के मुताबिक, विधायक साहा कथित तौर पर जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे। साहा से मुर्शिदाबाद जिले स्थित उनके आवास पर पूछताछ की जा रही थी और सोमवार सुबह CBI टीम उन्हें गिरफ्तार करके कोलकाता ले गई।
रिपोर्ट
छापेमारी के दौरान साहा ने तालाब में फेंक दिये मोबाइल फोन- CBI
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 14 अप्रैल को CBI की टीम ने विधायक साहा के आवास पर छापेमारी की थी। मौके से जांच टीम ने शिक्षक भर्ती घोटाले से संबंधित कई दस्तावेज बरामद किये हैं, जिन्हें जब्त किया गया है।
इस छापेमारी के दौरान साहा ने कथित तौर पर अपने 2 मोबाइल फोन अपने आवास के पास स्थित एक तालाब में फेंक दिए। आरोप है कि टीम द्वारा मोबाइल छीनने पर विधायक ने हताशा में आकर उन्हें तोड़ दिया था।
मोबाइल
CBI ने कहा- तालाब से बरामद हुआ एक मोबाइल फोन
CBI के अधिकारियों के मुताबिक, विधायक साहा का एक मोबाइल फोन तालाब से बरामद कर लिया गया है, जबकि दूसरा फोन अभी बरामद नहीं हुआ है। तालाब से पानी निकालने के लिए पंप लगाया गया था।
इंडिया टुडे से CBI के सूत्र ने कहा, "घोटाले में साहा की संलिप्तता के बारे में अधिक सबूत जुटाने के लिए मोबाइल फोन को ढूंढना बहुत महत्वपूर्ण है। मोबाइल फोन से डिजिटल डाटा और अधिक सबूत बरामद किए जा सकते हैं।"
TMC
शिक्षक भर्ती घोटाले में अब तक TMC के 3 विधायक गिरफ्तार
शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार होने वाले साहा TMC के तीसरे विधायक हैं। इस मामले में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली TMC के दो विधायकों, माणिक भट्टाचार्य और पार्थ चटर्जी, को CBI पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
इससे पहले 15 अप्रैल को CBI के अधिकारियों ने कोलकाता, पुरबा मेदिनीपुर और बीरभूम जिलों में B.Ed और D.El.Ed कॉलेजों के एक ट्रस्टी के घर और एक अन्य व्यक्ति के परिसर सहित 6 स्थानों पर तलाशी ली थी।
जांच
हाई कोर्ट के आदेश पर हो रही है घोटाले की जांच
कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर जांच एजेंसियां सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षक भर्ती से संबंधित घोटाले की जांच कर रही हैं। इस मामले में पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री चटर्जी की करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के आवास से लगभग 50 करोड़ रुपये की नकदी बरामद हुई थी।
इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने जुलाई में चटर्जी को गिरफ्तार कर लिया था।
उनसे मंत्री पद छीनकर पार्टी से भी निलंबित किया गया था।
घोटाला
क्या है शिक्षक भर्ती घोटाला?
ये शिक्षक भर्ती घोटाला साल 2014 का है। तब पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (SSC) ने सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती निकाली थी। ये भर्ती प्रक्रिया 2016 में शुरू हुई थी, उस वक्त पश्चिम बंगाल सरकार में चटर्जी शिक्षा मंत्री थे।
भर्ती में अनियमितताओं को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई थीं, जिसमें कहा गया था कि कुछ उम्मीदवारों का मेरिट लिस्ट में नाम न होने पर भी उन्हें पैसे लेकर नौकरी दे दी गई।