शिक्षक भर्ती घोटाला: CBI ने TMC नेता अभिषेक बनर्जी को कल पूछताछ के लिए बुलाया
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी को शिक्षक भर्ती घोटाले में मंगलवार को पूछताछ के लिए बुलाते हुए समन जारी किया है। इससे कुछ घंटे पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने अभिषेक को राहत देते हुए केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा शिक्षक भर्ती घोटाले में की जा रही पूछताछ पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी, लेकिन इसके बावजूद ये समन जारी किया गया।
सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद जारी किया गया समन- अभिषेक
अभिषेक बनर्जी ने CBI का समन मिलने के बाद केंद्रीय जांच एजेंसी पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट किया, 'भाजपा मुझे परेशान करने और निशाना बनाने की अपनी बेताबी में CBI और ED से कोर्ट की अवमानना करवा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने सुबह कलकत्ता हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसमें केंद्रीय एजेंसियों को मुझे समन करने की अनुमति दी गई थी, फिर भी आज दोपहर 1.45 बजे मुझे समन हाथ में थमा दिया गया।'
CBI को नहीं थी सुप्रीम कोर्ट के आदेश की जानकारी- रिपोर्ट
NDTV के मुताबिक, CBI की जिस शाखा ने अभिषेक बनर्जी को समन जारी किया था, उसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश की जानकारी नहीं थी। CBI के सूत्रों ने NDTV को बताया कि जांच एजेंसी कोर्ट और उसके आदेश का पूरा सम्मान करती है।
मामले में TMC के कई विधायक हो चुके हैं गिरफ्तार
CBI ने सोमवार को शिक्षक भर्ती घोटाले में TMC विधायक जीवन कृष्ण साहा को गिरफ्तार किया था। घोटाले में गिरफ्तार होने वाले साहा TMC के तीसरे विधायक हैं। CBI इस मामले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली TMC के दो विधायकों, माणिक भट्टाचार्य और पार्थ चटर्जी, को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। CBI मामले में राज्य के कई जिलों में छापेमारी कर चुकी है।
हाई कोर्ट के आदेश पर हो रही है घोटाले की जांच
जांच एजेंसियां कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षक भर्ती से संबंधित इसे घोटाले की जांच कर रही हैं। इस मामले में पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के आवास से लगभग 50 करोड़ रुपये की नकदी बरामद हुई थी। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने जुलाई में चटर्जी को गिरफ्तार कर लिया था, जिसके बाद उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया था।
क्या है शिक्षक भर्ती घोटाला?
ये शिक्षक भर्ती घोटाला साल 2014 का है। तब पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (SSC) ने सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती निकाली थी। ये भर्ती प्रक्रिया 2016 में शुरू हुई थी, उस वक्त पश्चिम बंगाल सरकार में चटर्जी शिक्षा मंत्री थे। भर्ती में अनियमितताओं को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई थीं, जिनमें कहा गया था कि कुछ उम्मीदवारों का मेरिट लिस्ट में नाम न होने पर भी उन्हें पैसे लेकर नौकरी दे दी गई।