मध्य प्रदेश: भिंड में कबाड़ में बिक रहे उज्ज्वला योजना के सिलेंडर, कांग्रेस ने साधा निशाना
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी 'उज्ज्वला योजना' के तहत मिले LPG सिलेंडर मध्य प्रदेश के भिंड़ जिले में कबाड़ में बिक रहे हैं। सोशल मीडिया पर शेयर किए गए एक वीडियो में एक कबाड़खाने में दर्जनों सिलेंडरों को पड़े हुए देखा जा सकता है। योजना के लाभार्थियों ने कहा है कि उन्होंने बढ़ती कीमतों के कारण सिलेंडर भरवाना बंद कर दिया है। मामले में कांग्रेस ने भी महंगाई को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है।
कमलनाथ बोले- मोदी सरकार की सबसे ज्यादा प्रचार-प्रसार वाली योजना की ये स्थिति
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक कबाड़खाने का वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा है, 'मध्य प्रदेश के भिंड में इस तरह कबाड़ में बिक रहे हैं मोदी सरकार की सबसे ज्यादा प्रचार-प्रसार वाली उज्ज्वला योजना के गैस सिलेंडर और चूल्हे, भूसे के ढेर में पड़े हैं। यह स्थिति उस प्रदेश की है जहां के जबलपुर में देश के गृह मंत्री ने उज्जवला योजना के दूसरे चरण की शुरुआत की थी।'
लाभार्थी बोले- बढ़ती कीमत के कारण सिलेंडर भरवाना बंद किया
जब NDTV ने उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों से सिलेंडर बेचने के पीछे की वजह जाननी चाही तो उन्होंने इसके लिए महंगाई को जिम्मेदार ठहराया। एक मजदूर ने नाम न बताने की शर्त पर बताया, "हम दिहाड़ी मजदूर हैं। मेरे चार बच्चे हैं। जिस दिन मुझे काम नहीं मिलता, हमारे पास पैसे नहीं रहते हैं। हम LPG सिलेंडर कैसे भरवाएंगे? कीमत 600 रुपये से अधिक होने के बाद से ही हमने इन्हें भरवाना बंद कर दिया था।"
गैस एजेंसी के कर्मचारी ने कहा- पैसे नहीं होने के कारण सिलेंडर नहीं लेते लोग
भिंड में सिलेंडर सप्लाई करने वाली एक गैस एजेंसी के कर्मचारी ने कहा, "(उज्ज्वला) योजना के लाभार्थी सिलेंडर बुक करते हैं, लेकिन जब हम डिलीवरी के लिए उनके घर जाते हैं तो वे सिलेंडर नहीं लेते हैं क्योंकि उनके पास पैसे नहीं होते हैं।" जिले के सप्लाई ऑफिसर अवधेश पांडे ने योजना के तहत मिले सिलेंडरों को कबाड़े में बेचे जाने की जानकारी होने से इनकार किया है और मामले में जांच की बात कही है।
क्या है उज्ज्वला योजना?
बता दें कि मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी उज्ज्वला योजना के तहत गरीबी की रेखा से नीचे जीवन जी रहे परिवारों को मुफ्त LPG गैस कनेक्शन प्रदान किया जाता है। सरकार इन परिवारों को पहला गैस सिलेंडर खरीदने के लिए 1,600 रुपये की आर्थिक मदद भी देती है। इसके अलावा उन्हें EMI पर गैस चूल्हा भी दिया जाता है जिसकी किश्तें सिलेंडर पर मिलने वाली सब्सिडी से कटती हैं। इस योजना को 2016 में शुरू किया गया था।
लगातार बढ़ती जा रही है रसोई गैस की कीमत
हालांकि पिछले कुछ महीनों से बढ़ती महंगाई ने इस योजना के फायदों को बेअसर कर दिया है। अभी देश के ज्यादातर हिस्सों में रसोई गैस सिलेंडर 900 रुपये से अधिक की कीमत पर मिल रहा है और मध्य प्रदेश के भिंड में तो इसकी कीमत 983.50 रुपये है। जाहिर है कि गरीब परिवारों के लिए इतनी कीमत देकर सिलेंडर भरवाना संभव नहीं है और इससे उज्ज्वला योजना का असर कम होता जा रहा है।