उत्तर प्रदेशः सपा-बसपा के बीच सीटों का बंटवारा, जानिये कौन कहां से लड़ेगा चुनाव
लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को रोकने के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने गठबंधन किया था। अब दोनों पार्टियों के बीच सीटों का बंटवारा हो गया है। लोकसभा चुनाव में बसपा उत्तर प्रदेश की 38 और सपा 37 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। गठबंधन ने बागपत, मथुरा और मुजफ्फरनगर सीटें छोड़ दी है। माना जा रहा है कि ये सीटें राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के लिए छोड़ी गई हैं।
दोनों पार्टियों की सीटों की लिस्ट
अमेठी और रायबरेली सीट पर नहीं उतारेंगे उम्मीदवार
दोनों पार्टियों ने गठबंधन होने के समय घोषणा की थी कि वे अमेठी और रायबरेली की सीटों पर अपने उम्मीदवार नहीं उतारेंगी। बता दें, अमेठी से राहुल गांधी और रायबरेली से सोनिया गांधी सांसद हैं। दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन के समय 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ने की सहमति बनी थी, लेकिन सपा ने अपने हिस्से की एक सीट रालोद को दे दी है। रालोद ने हाल ही में सपा-बसपा गठबंधन के साथ रहने की बात कही थी।
दोनों पार्टियों के हिस्से आई ये-ये सीटें
सपा- कैराना, मुरादाबाद, रामपुर, संभल, गाजियाबाद, उन्नाव, लखनऊ, इटावा, कन्नौज, कानपुर, झांसी, बांदा, हाथरस, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, आजमगढ़, बलिया, चंदौली, वाराणसी, बदायूं, बरेली, पीलीभीत, खीरी, हरदोई, कौशाम्बी, फूलपुर, इलाहाबाद, बाराबंकी, फैजाबाद, बहराइच, गोंडा, महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, मिर्जापुर और राबर्टसगंज। बसपा- सहारनपुर, बिजनौर, नगीना, जालौन, हमीरपुर, फतेहपुर, अम्बेडकरनगर, अमरोहा, मेरठ, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, आगरा, अकबरपुर, कैसरगंज, श्रावस्ती, फतेहपुर सिकरी, आंवला, शाहजहांपुर, धौरहरा, सीतापुर, मिश्रिख मोहनलालगंज, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, फर्रुखाबाद, डुमरियागंज, बस्ती, संतकबीरनगर, देवरिया, बांसगांव, लालगंज, घोसी, सलेमपुर, जौनपुर, मछलीशहर, गाजीपुर, भदोही।
मायावती ने बताई थी कांग्रेस को गठबंधन से दूर रखने की वजह
मायावती ने कहा था कि कांग्रेस और भाजपा की नीतियां एक जैसी हैं। दोनों पार्टियों की सरकार के समय रक्षा सौदों में घोटाले हुए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने बोफोर्स के कारण सरकार गंवाई, वहीं भाजपा को राफेल के कारण अपनी सरकार गंवानी पड़ेगी।
भाजपा के लिए चुनौती बन सकता है गठबंधन
2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के बलबूते भाजपा ने उत्तर प्रदेश की 80 में से 71 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इस दौरान भाजपा का वोट शेयर 42.3 प्रतिशत रहा था। हालांकि, सपा और बसपा दोनों तब ज्यादा सीटें नहीं जीत पाईं थीं, लेकिन चुनाव में सपा और बसपा को मिलाकर 41.8 प्रतिशत वोट मिले थे। इन आंकड़ों के हिसाब से देखें तो यह गठबंधन भाजपा को कड़ी चुनौती दे सकता है।