सपा-बसपा गठबंधन का औपचारिक ऐलान कल संभव, अखिलेश-मायावती करेंगे प्रेस कॉन्फ्रेंस
क्या है खबर?
लोकसभा चुनावों के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के गठबंधन की औपचारिक घोषणा शनिवार को हो सकती है।
शनिवार दोपहर सपा प्रमुख अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती लखनऊ में संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित करेंगे।
माना जा रहा है कि इसमें गठबंधन की घोषणा का औपचारिक ऐलान किया जा सकता है।
कुछ दिन पहले खबरें आई थीं कि दोनों पार्टियों के बीच सीटों का बंटवारा लगभग फाइनल हो गया है।
दूरियां
26 साल बाद कम हुई दूरियां
लगभग 26 साल पहले हुए गेस्ट हाउस कांड के बाद दोनों पार्टियों में दूरियां काफी बढ़ गई थी। अब 26 साल बाद यह पहला मौका होगा जब दोनों पार्टियों के सबसे बड़े नेता एक साथ नजर आएंगे।
हालांकि, इससे पहले फूलपूर और गोरखपुर उपचुनावों के समय दोनों पार्टियों ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और भाजपा को हराया था।
काफी समय से इस गठबंधन को लेकर कयास लगाए जा रहे थे, जिसका अब औपचारिक ऐलान किया जा सकता है।
सीट शेयरिंग
सीट शेयरिंग को लेकर दोनों पार्टियों में बनी सहमति
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 80 लोकसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश में दोनों पार्टियां के बीच सीटों का बंटवारा हो चुका है।
समाजवादी पार्टी 35, बहुजन समाज पार्टी 36 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। गठबंधन में अजीत सिंह की राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) को तीन सीटें मिलेंगी। इसके अलावा चार सीटें रिजर्व रखी जाएंगी।
वहीं गठबंधन ने अमेठी और रायबरेली से अपने उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया है। इन सीटों से राहुल गांधी और सोनिया गांधी सांसद हैं।
असर
कांग्रेस को झटका, भाजपा को खतरा
पहले कयास लगाए जा रहे थे कांग्रेस भी इस गठबंधन का हिस्सा हो सकती है, लेकिन कांग्रेस को इसमें जगह नहीं मिली है। राहुल गांधी ने भी इस बात के संकेत दिए थे कि पार्टी उत्तर प्रदेश में अकेले चुनावी मैदान में उतरेगी।
वहीं भाजपा को भी इस गठबंधन से बड़ा झटका लग सकता है। पिछले लोकसभा चुनावों में सपा और बसपा का कुल वोट शेयर भाजपा के लगभग बराबर था। इस तरह इस बार कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा।
नतीजे
पिछले लोकसभा चुनाव में क्या रहा था हाल
2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के सामने बसपा, सपा और कांग्रेस बुरी तरह पराजित हुई थी।
कांग्रेस को इन चुनावों में दो सीटें मिली थी। वहीं सपा 21 सीटों और बसपा 34 सीटों पर दूसरे स्थान पर रही थी।
फिलहाल उत्तर प्रदेश से लोकसभा में कांग्रेस के 2 और सपा के 7 सांसद हैं।
2014 में भाजपा को उत्तर प्रदेश में 42.6 फीसदी, सपा को 22 फीसदी और बसपा को लगभग 20 फीसदी वोट मिले थे।
समर्थन
CBI की छापेमारी के बाद अखिलेश को मिला मायावती का साथ
उत्तर प्रदेश में अवैध खनन के मामले में सीबीआई द्वारा अखिलेश यादव से पूछताछ की खबरें सामने आने के बाद मायावती ने खुलकर अखिलेश का समर्थन किया था।
मायावती ने कहा कि जिस दिन सपा-बसपा के गठबंधऩ की खबरें आईं, उसी दिन भाजपा ने लंबित पड़े खनन मामले में एक साथ अनेकों स्थानों पर CBI की छापेमारी करवाई।
उन्होंने कहा भाजपा भी कांग्रेस की तरह सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करके अपने विरोधियों को झूठे मामलो में फंसाने में माहिर है।