मोदी विरोध में जुटा विपक्ष, पिछली बार इंदिरा को रोकने साथ आए थे इतने दल
लोकसभा चुनाव के लिए बिसात बिछना शुरू हो चुकी है। पिछले कई दिनों से देश में विपक्षी पार्टियां गठबंधन कर साथ आने की कोशिश में लगी है। आज कोलकाता के ब्रिगेड मैदान में विपक्षी एकजुटता की झलक दिखेगी। यहां ममता बनर्जी की अगुवाई में लगभग 20 पार्टियों के नेता 'यूनाइटेड इंडिया' रैली में सरकार के खिलाफ हुंकार भरेंगे। रैली से पहले ममता ने दावा किया कि इन आम चुनावों में भाजपा 125 सीटों पर सिमट जाएगी।
ये नेता होंगे शामिल
इस 'संयुक्त विपक्षी रैली' में अधिकतर विपक्षी दलों के नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है। सपा के अखिलेश यादव, बसपा के सतीश मिश्रा, तेदेपा के चंद्रबाबू नायडू, राकांपा के शरद पवार, DMK के एमके स्टालिन, कांग्रेस की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी और मल्लिकार्जुन खड़गे, नेशनल कांफ्रेंस के फारुक अब्दुला और उनके बेटे उमर अब्दुला, RJD के तेजस्वी यादव, JMM के हेमंत सोरेन, AAP नेता केजरीवाल, लोजपा के शरद यादव आदि इस रैली में शामिल होंगे।
कोलकाता पहुंचे विपक्षी नेता
भाजपा के बागी नेता भी होंगे शामिल
विपक्षी दलों की इस रैली में भाजपा के बागी नेता भी हिस्सा लेंगे। पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा, शत्रुघ्न सिन्हा और अरुण शौरी इस रैली में भाग लेने के लिए कोलकाता पहुंच चुके हैं।
लगभग 41 साल पहले हुई थी ऐसी रैली
लोकसभा चुनाव में भाजपा को रोकने के लिए सभी विपक्षी दल लगभग 41 साल बाद एक बार फिर एकजुट हो रहे हैं। इससे पहले 1977 में कोलकाता के इसी ब्रिगेड मैदान में ज्योति बसु के नेतृत्व में संयुक्त विपक्ष ने कांग्रेस को हटाने के लिए अपनी ताकत दिखाई थी। अब 2019 में कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियां भाजपा को रोकने के लिए एक साथ आ रही हैं। कई लाख लोग इस रैली में नेताओं के भाषण सुनने के लिए इकट्ठा होंगे।
भाजपा के लिए कितनी बड़ी चुनौती?
लोकसभा चुनाव से पहले इस विपक्षी एकजुटता से भाजपा के लिए चुनौती बढ़ गई है। इस रैली में शामिल होने वाले नेता लोकसभा की 295 सीटों पर अपना प्रभाव रखते हैं। यह संख्या केंद्र में बहुमत के आंकड़े से ज्यादा है। अगर विपक्षी दल एकजुट हो पाते हैं तो भाजपा को इन चुनावों में कड़ा मुकाबला मिल सकता है। हाल ही में उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा साथ ने साथ आकर भाजपा की बेचैनी बढ़ा दी है।
भाजपा की प्रतिक्रिया
भाजपा ने विपक्षी दलों के इस जमावड़े को विपक्ष की घबराहट बताया है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि विपक्षी दलों में अकेले लड़ने की क्षमता नहीं है इसलिए ये पार्टियां साथ आ रही हैं। वहीं पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दलीप घोष ने कहा कि राजनीति से रिटायरमेंट ले चुके और थके हुए सभी पुराने नेता इस रैली में आ रहे हैं, जिनकी अपने प्रदेशों में ही पहचान सिमट रही है। लोग इन दलों को नकार चुके हैं।