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    #NewsBytesExplainer: इस बार जनगणना में लोगों से किस-किस बारे में सवाल पूछे जाएंगे?
    जनगणना में लोगों से पूछे जाएंगे कई तरह के सवाल

    #NewsBytesExplainer: इस बार जनगणना में लोगों से किस-किस बारे में सवाल पूछे जाएंगे?

    लेखन सकुल गर्ग
    May 27, 2023
    06:43 pm

    क्या है खबर?

    भारत में अभी तक जनगणना की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है। जनगणना के लिए डाटा एकत्र करने की प्रक्रिया 1 अप्रैल से 30 सितंबर, 2020 तक होनी थी, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था।

    हालांकि, अभी तक नया कार्यक्रम जारी नहीं किया गया है, लेकिन जनगणना के फॉर्म में किए गए कई महत्वपूर्ण बदलावों की बात सामने आई है।

    आइए जानते हैं कि इस बार लोगों से क्या-क्या सवाल पूछे जाएंगे।

    जनगणना 

    क्या होती है जनगणना?

    केंद्र सरकार जनगणना के जरिए भारत की जनसंख्या और उसके विभिन्न पहलुओं की जानकारी एकत्रित करती है।

    अंग्रेजों के शासन के दौरान पहली बार वर्ष 1881 में जनगणना हुई थी और इसके बाद से हर 10 साल के अंतराल पर जनगणना की जा रही है।

    भारत की आजादी के बाद जनणगना के कार्य के लिए भारत के महारजिस्ट्रार का पद बनाया गया था।

    गौरतलब है कि देश में आखिरी जनगणना 12 साल पहले वर्ष 2011 में हुई थी।

    सवाल 

    जनगणना के दौरान पूछे जाएंगे कई विस्तृत सवाल

    भारत के महारजिस्ट्रार और जनगणना आयुक्त द्वारा हाल ही में लॉन्च की गई एक ई-पुस्तक के अनुसार, जनगणना के फॉर्म में इस बार विस्तृत प्रश्न शामिल किए गए हैं।

    इनमें लोगों को कई तरह की जानकारी देनी होगी, जिसमें दिव्यांगों और रसोई गैस कनेक्शन आदि के बारे में विवरण देना होगा।

    बतौर रिपोर्ट्स, केंद्र सरकार लोगों को जनगणना का फॉर्म ऑनलाइन भरने का विकल्प देने की भी योजना बना रही है।

    धर्म 

    जनगणना के फॉर्म में 6 धर्म किए गए शामिल 

    जनगणना के दौरान लोगों से उनका धर्म भी पूछा जाएगा, जिसके लिए फॉर्म में मुख्यतः 6 धर्मों (हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध और जैन) के विकल्प दिए गए हैं।

    वहीं अन्य धर्मों के लिए फॉर्म में धर्म का पूरा नाम लिखने का विकल्प दिया गया है। हालांकि, इनके लिए कोई अलग कोड नहीं दिया गया है।

    बता दें कि 2011 की जनगणना के दौरान हर धर्म के लिए कोड तैयार किए थे, जिन्हें बाद में हटा दिया गया था।

    डिवाइस 

    टीवी और इंटरनेट कनेक्शन के बारे में भी देनी होगी जानकारी

    जनगणना के फॉर्म में लोगों से उनके घर में टीवी कनेक्शन के बारे में भी पूछा जाएगा। इस फॉर्म में इंटरनेट कनेक्शन और इंटरनेट के इस्तेमाल के लिए उपकरणों से जुड़े सवाल भी शामिल हैं। इनमें स्मार्टफोन, लैपटॉप, कंप्यूटर जैसे उपकरणों का उपयोग और उनकी संख्या शामिल है।

    गौरतलब है कि इस बार जनगणना मोबाइल ऐप और पोर्टल के जरिए की जा रही है और इसे देश की पहली डिजिटल जनगणना कहा जा रहा है।

    गैस 

    गैस कनेक्शन के बारे में किया जाएगा सवाल 

    लोगों को जनगणना के दौरान बताना होगा कि उनके पास खाना पकाने के लिए लिक्विफाईड पेट्रोलियम गैस (LPG) या पाइप्ड नैचुरल गैस (PNG) कनेक्शन है या नहीं।

    बता दें कि पिछली बार हुई जनगणना में लोगों से सिर्फ लोगों से रसोई के बारे में पूछा गया था।

    लोगों को उनके घर में पीने के पानी के मुख्य स्रोतों और परिवार द्वारा खाए जाने वाले वाले मुख्य अनाज के बारे में भी जानकारी देनी होगी।

    सवाल 

    दिव्यांगता के कारण के बारे में मांगी जाएगी जानकारी

    जनगणना के आधिकारिक प्रश्नों के अनुसार, जनगणना अधिकारी दिव्यांग शख्स से उसकी दिव्यांगता के कारण भी पूछेंगे। इसमें एसिड अटैक, रक्त विकार या क्रोनिक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर जैसे कई कारण शामिल किए गए हैं।

    2011 में हुई पिछली जनगणना में इन विकल्पों का जिक्र नहीं था।

    वहीं इस बार जनगणना के विकलांगता कॉलम में किए गए एक महत्वपूर्ण परिवर्तन में मानसिक दिव्यांगता को बौद्धिक अक्षमता के साथ बदला गया है।

    मायने 

    जनगणना में देरी के क्या मायने हैं?

    वर्ष 1881 के बाद से हर 10 साल पर जनगणना हो रही है और इसके चलते डाटा का तुलनात्मक अध्यन करना आसान होता है। समय पर जनगणना नहीं होने के कारण इस डाटा में एक गैप विकसित हो जाता है।

    संयुक्त राष्ट्र (UN) के मुताबिक, किसी देश के आर्थिक और सामाजिक कल्याण के लिए तय समय पर जनगणना होना जरूरी है। जनगणना के कारण वर्तमान का वर्णन और भविष्य का अनुमान लगाना संभव होता है।

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