सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र, विशेष सत्र में 9 मुद्दों पर चर्चा की मांग
क्या है खबर?
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने संसद के विशेष सत्र को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में विशेष सत्र में 9 मुद्दों पर चर्चा करने की मांग की गई है।
मंगलवार को कांग्रेस संसदीय दल और विपक्षी गठबंधन INDIA की बैठक के बाद सभी नेताओं ने मिलकर विशेष सत्र में शामिल होने का निर्णय लिया था।
बैठक में तय हुआ कि वह सत्र का बहिष्कार नहीं करेंगे और जनता के जरूरी मुद्दे उठाएंगे।
पत्र
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में सोनिया ने क्या कहा?
कांग्रेस नेता सोनिया ने पत्र में प्रधानमंत्री से कहा, "आपने 18 सितंबर से संसद का 5 दिवसीय सत्र बुलाया है। यह सत्र अन्य राजनीतिक दलों के परामर्श के बिना बुलाया गया है। हममें से किसी को भी इसके एजेंडे के बारे में कोई जानकारी नहीं है।"
सदन में चर्चा के लिए 9 मुद्दों को सूचीबद्ध करते हुए उन्होंने कहा, "मुझे पूरी उम्मीद है कि इन मुद्दों पर चर्चा के लिए आपके द्वारा उचित नियमों के तहत समय आवंटित किया जाएगा।"
मुद्दे
बढ़ती महंगाई और किसानों के मुद्दे पर हो चर्चा
कांग्रेस ने सदन में सबसे पहले आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों, महंगाई, बेरोजगारी, आर्थिक असमानता में वृद्धि के अलावा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (MSME) की परेशानियों को लेकर वर्तमान आर्थिक स्थिति के मुद्दे पर चर्चा की मांग की है।
कांग्रेस का दूसरा मुद्दा है कि सत्र के दौरान सरकार किसानों संगठनों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और अन्य मांगों को पूरा करने पर चर्चा हो।
अडाणी समूह
सत्र में अडाणी समूह मामले पर चर्चा की भी मांग
कांग्रेस का तीसरा मुद्दा है कि सरकार सत्र में अडाणी समूह पर लगे वित्तीय अनियमिताओं के आरोपों की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) का गठन करे और सदन में इस पर चर्चा की जाए।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश का कहना है कि पिछले 6 महीनों से विपक्ष लगातार अडाणी समूह से जुड़ी वित्तीय अनियमितताओं की रिपोर्ट्स सामने आने के बाद JPC गठित करने की मांग कर रहा है, लेकिन सरकार मामले में चर्चा नहीं करना चाहती।
हिंसा
मणिपुर और हरियाणा में हुई हिंसा भी कांग्रेस के एजेंडे में
कांग्रेस का चौथा मुद्दा है कि मणिपुर हिंसा को लेकर सदन में चर्चा होनी चाहिए। साथ ही हिंसाग्रस्त राज्य में पीड़ित लोगों के पुर्नवास और राहत कार्यों के अलावा शांति स्थापना को लेकर केंद्र और राज्य सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों पर चर्चा होनी चाहिए।
कांग्रेस का पांचवां मुद्दा है कि हाल ही में हरियाणा में भड़की सांप्रदायिक हिंसा और अन्य राज्यों में इससे उपजे सांप्रदायिक तनाव को लेकर भी सदन में चर्चा होनी चाहिए।
चीन
कांग्रेस चाहती है भारत-चीन मुद्दे और जातीय जनगणना पर भी हो विचार-विमर्श
कांग्रेस का छठा मुद्दा है कि चीन द्वारा भारतीय क्षेत्र पर किये जा रहे कब्जे और लद्दाख के अलावा अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर देश की संप्रभुता को चुनौती दिए जाने के मुद्दे पर विशेष सत्र में चर्चा होनी चाहिए।
कांग्रेस ने सातवां मुद्दा जातीय जनगणना का उठाते हुए कहा है कि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और वंचितों को केंद्रीय योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है, इसलिए सत्र में जातीय जनगणना पर चर्चा तत्काल आवश्यक है।
चर्चा
केंद्र और राज्यों के बिगड़ते संबंधों पर हो चर्चा
कांग्रेस की आठवीं मांग केंद्र और राज्य के संबंधों को पहुंचाए जा रहे नुकसान पर चर्चा की है।
कांग्रेस नेता जयराम का आरोप है कि केंद्र द्वारा लगातार संघीय ढांचे पर हमला किया जा रहा है और गैर-भाजपा शासित राज्यों के संवैधानिक अधिकार छीने जा रहे हैं।
कांग्रेस की अंतिम मांग है कि अत्यधिक बाढ़ और कुछ राज्यों में सूखे के कारण काफी नुकसान हुआ है और इन प्राकृतिक आपदाओं पर सदन में चर्चा होनी चाहिए।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है। इस सत्र में सरकार महिला आरक्षण के अलावा 'एक देश, एक चुनाव' और समान नागरिक संहिता (UCC) से जुड़े विधेयक भी लेकर आ सकती है।
खबर है कि सत्र के दौरान सरकार कुल 10 विधेयक पेश कर सकती है। ये वो विधेयक हैं, जिन्हें मानसून सत्र में मणिपुर मुद्दे पर हंगामे के चलते संसद में पेश नहीं किया जा सका।