अरुणाचल झड़प के मुद्दे पर एकजुट हुआ विपक्ष, कांग्रेस के नेतृत्व में संसद से वॉकआउट
संसद में आज अरुणाचल प्रदेश में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प के मुद्दे पर विपक्षी पार्टियों के बीच जबरदस्त एकजुटता देखने को मिली। पहले लगभग 17 विपक्षी पार्टियां कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा के नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल हुईं और फिर सरकार के मुद्दे पर बहस करने से इनकार करने पर इन सभी पार्टियों ने संसद से वॉकआउट कर दिया। लोकसभा से वॉकआउट का नेतृत्व सोनिया गांधी ने किया।
AAP और TRS भी हुईं खड़गे की बैठक में शामिल
समाचार एजेंसी ANI के अनुसार, केंद्र सरकार को अरुणाचल झड़प के मुद्दे पर बहस के लिए मजबूर करने की रणनीति तय करने के लिए बुलाई गई मल्लिकार्जुन खड़गे की बैठक में कुल 17 विपक्षी पार्टियां शामिल हुईं। खड़गे के चैंबर में हुई बैठक में आम आदमी पार्टी (AAP) और तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) भी शामिल हुईं, जो हालिया समय में कांग्रेस से कटती रही हैं और उसका नेतृत्व स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं।
वॉकआउट में TMC भी रही शामिल
बैठक में तय रणनीति के अनुसार विपक्षी पार्टियों ने दोनों सदनों में अरुणाचल प्रदेश का मुद्दा उठाया और सरकार से मुद्दे पर बहस करने की मांग की। कांग्रेस ने कहा कि 1962 युद्ध के बाद भी संसद में चर्चा हुई थी। जब सरकार ने इससे इनकार किया तो 18 विपक्षी पार्टियों ने संसद से वॉकआउट कर दिया। इनमें ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (TMC) भी शामिल रही। लोकसभा से सोनिया गांधी के नेतृत्व में वॉकआउट किया गया।
इसलिए अहम है AAP, TRS और TMC का साथ आना
बता दें कि AAP, TRS और TMC तीनों ही अपनी राष्ट्रीय महत्वाकांक्षाएं जाहिर कर चुकी हैं और इस कारण वो अक्सर कांग्रेस पर हमलावर रहती हैं। ये तीनों ही पार्टियां राष्ट्रीय राजनीति में कांग्रेस की जगह लेना चाहती हैं, ऐसे में उनका कांग्रेस की बैठक में शामिल होना एक दुर्लभ दृश्य है। संसद का शीतकालीन सत्र की शुरूआत में हुई खड़गे की एक बैठक में भी AAP और TMC शामिल हुई थीं।
अरुणाचल प्रदेश में क्या हुआ था?
अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में 9 दिसंबर को भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। लगभग 200 चीनी सैनिकों ने 17,000 फुट ऊंची एक चोटी से भारतीय पोस्ट को हटाने की कोशिश की थी, जिसके बाद ये झड़प हुई। ये चीनी सैनिक कंटीले क्लब और लाठियां लेकर आए थे। भारतीय सैनिकों ने उनके मंसूबों को नाकामयाब करते हुए उन्हें पीछे धकेल दिया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कल मामले पर संसद में बयान दिया था।