एकनाथ शिंदे गुट की बड़ी जीत, शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह 'तीर-कमान' मिला
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह मिल गया है। शुक्रवार को चुनाव आयोग ने मामले पर अपना फैसला सुनाया। आयोग ने कहा कि शिंदे गुट को पार्टी का समर्थन प्राप्त था, इसलिए पार्टी का नाम 'शिवसेना' और चुनाव चिन्ह 'तीर-कमान' शिंदे गुट को दिया जाता है। 78 पेज के आदेश में उसने कहा कि शिंदे गुट का समर्थन करने वाले विधायकों की पार्टी के कुल वोटों में 76 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
शिंदे ने किया फैसला का स्वागत, ठाकरे गुट जा सकता है कोर्ट
चुनाव आयोग के फैसले पर खुशी जताते हुए शिंदे ने कहा, "मैं चुनाव आयोग का शुक्रिया अदा करता हूं। लोकतंत्र में बहुमत मायने रखता है। ये बालासाहेब की विरासत की जीत है। हमारी असली शिवसेना है।" वहीं उद्धव ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने कहा, "हमें ऐसे फैसले की उम्मीद थी। हमें चुनाव आयोग पर भरोसा नहीं है।" NDTV के सूत्रों के अनुसार, ठाकरे गुट आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकता है।
क्या है पूरा मामला?
शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने जून, 2022 में 40 विधायकों के साथ तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत कर दी थी और इससे शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और कांग्रेस के गठबंधन वाली सरकार गिर गई थी। इसके बाद शिंदे ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना ली और अभी वह मुख्यमंत्री हैं। इसके बाद दोनों गुटों में पार्टी पर कब्जे को लेकर लड़ाई हुई थी और मामला चुनाव आयोग पहुंचा था।
चुनाव आयोग ने अक्टूबर में फ्रीज कर दिया था चुनाव चिन्ह
मामले पर सुनवाई करते चुनाव आयोग ने अक्टूबर में शिवसेना के आधिकारिक नाम और चुनाव चिन्ह 'तीर-कमान' को फ्रीज कर लिया था और इनके इस्तेमाल पर आंतरिक रोक लगा दी थी। मामले पर फैसला आने तक उसने दोनों गुटों को अलग-अलग नाम और चिन्ह आवंटित किए थे। ठाकरे गुट को शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नाम और 'जलती हुई टॉर्च' चिन्ह दिया गया, वहीं शिंदे गुट को 'बालासाहेबबांची शिवसेना' नाम और 'दो तलवार और ढाल' चिन्ह आवंटित किया गया।
चुनाव आयोग में दोनों पक्षों ने क्या दलीलें दीं?
चुनाव आयोग की सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों ने खुद को असली शिवसेना बताते हुए पार्टी के नाम औऱ चुनाव चिन्ह को इस्तेमाल करने की मंजूरी मांगी। ठाकरे गुट ने कहा कि पार्टी के संविधान के अनुसार पार्टी प्रमुख सर्वोच्च पद है और वो किसी को भी निलंबित या बर्खास्त कर सकता है। वहीं शिंदे गुट ने कहा कि उसे शिवसेना के ज्यादातर नेता, विधायकों, सांसदों, जिला प्रमुखों, राज्य प्रमुखों और अन्य पदाधिकारियों का समर्थन हासिल है।