
शरद पवार ने कहा- प्रधानमंत्री मोदी ने दिया था महाराष्ट्र में साथ सरकार बनाने का प्रस्ताव
क्या है खबर?
महाराष्ट्र में सरकार के गठन को लेकर चल रही उठापटक के बीच 20 नवंबर को संसद भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी मुलाकात पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार ने चुप्पी तोड़ी है।
सोमवार को उन्होंने कहा कि इस मुलाकात में प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें साथ काम करने का प्रस्ताव दिया था, जिससे उन्होंने ये कहते हुए इनकार कर दिया कि राजनीतिक नजरिए से ये संभव नहीं है।
पृष्ठभूमि
इस कारण उठे थे मोदी और पवार की बैठक पर सवाल
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी से शरद पवार की इस मुलाकात के तीन दिन बाद 23 नवंबर को उनके भतीजे अजित पवार ने पार्टी से बगावत करते हुए भाजपा से हाथ मिला लिया था।
इस बगावत के बाद प्रधानमंत्री मोदी के साथ पवार की बैठक में हुई "बातचीत" पर सवाल उठे थे और अटकलें लगाई गई थीं कि अजित की बगावत के इस पूरे खेल के पीछे शरद पवार का दिमाग है और अजित को उनका समर्थन हासिल है।
इंटरव्यू
पवार बोले- राष्ट्रपति बनाने का प्रस्ताव नहीं दिया गया
अब सोमवार को मराठी न्यूज चैनल ABP माझा पर प्रसारित इंटरव्यू में शरद पवार ने इस बैठक से संबंधित हर सवाल का जवाब दिया।
इंटरव्यू में जब पवार से पूछा गया कि क्या प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें भारत का राष्ट्रपति बनाने का प्रस्ताव दिया था, तो उन्होंने कहा, "ये सच नहीं है। लेकिन सुप्रिया सुले को केंद्र में मंत्री बनाने और महाराष्ट्र में भाजपा और NCP के साथ सरकार बनाने का प्रस्ताव दिया गया था।"
प्रस्ताव
बैठक से निकलते समय दिया प्रधानमंत्री मोदी ने साथ काम करने का प्रस्ताव
पवार ने कहा कि वो बेमौसम बरसात के कारण महाराष्ट्र में पैदा हुए कृषि संकट पर चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी से मिले थे और जब चर्चा के बाद वो बाहर निकल रहे थे तब प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे कहा कि वो देशभर में उनके साथ काम करके खुश होंगे।
इस प्रस्ताव के जरिए प्रधानमंत्री मोदी का इशारा महाराष्ट्र में भाजपा और NCP के साथ सरकार बनाने को लेकर था। लेकिन पवार ने उनके इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया।
जवाब
पवार का जवाब- निजी संबंध बरकरार रहेंगे, लेकिन साथ काम करना संभव नहीं
इंटरव्यू में इसकी जानकारी देते हुए पवार ने कहा, "मैंने उनसे कहा कि हमारे निजी संबंध बरकरार रहेंगे, लेकिन साथ काम करना राजनीतिक नजरिए से संभव नहीं है।"
इसके जवाब में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "विकास, कृषि संकट और उद्योग जैसे मुद्दों पर भाजपा और NCP के विचार समान हैं, तो फिर साथ काम क्यों नहीं किया जा सकता।"
प्रधानमंत्री मोदी ने पवार के अनुभव से सरकार को फायदा होने की बात भी कही।
बयान
"राष्ट्रीय मुद्दों पर सरकार के साथ काम करेंगे, लेकिन महाराष्ट्र में रास्ता अलग"
प्रधानमंत्री मोदी के इस सवाल के जवाब में पवार ने कहा, "मैंने उनसे कहा कि राष्ट्रीय मुद्दों पर उनकी पार्टी सरकार के साथ काम करेगी और केवल विरोध करने के लिए विरोध नहीं करेगी। लेकिन महाराष्ट्र में पार्टी का रास्त अलग होगा।"
बगावत
अजित पवार की बगावत पर ये बोले शरद पवार
अपने भतीजे अजित पवार की बगावत और इसे उनका समर्थन होने के सवाल पर शरद पवार ने कहा, "समाज के एक वर्ग का सोचना था कि अजित पवार की बगावत को मेरा समर्थन है। हालांकि जब दोपहर को मैंने उद्धव ठाकरे के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की तो स्पष्ट संदेश गया कि इसे मेरा समर्थन नहीं है। इसके बाद जो विधायक अजित पवार के साथ गए थे वो वापस आना शुरू हो गए।"
माफी
"अजित ने मानी गलती, मांगी माफी"
शरद पवार ने बताया कि जल्द ही अजित पवार को महसूस हो गया कि परिवार उनके इस कार्य का समर्थन नहीं करता है और उन्होंने इसके लिए माफी मांगी।
पवार ने बताया, "अजित पवार ने मुझसे कहा कि उनसे गलती हुई है और वो इसकी सजा भुगतने को तैयार हैं।"
उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं का मानना था कि अजित को माफ कर देना चाहिए क्योंकि उन्होंने अपनी गलती स्वीकार कर ली है।
जानकारी
महाराष्ट्र में अभी शिवसेना-कांग्रेस-NCP गठबंधन की सरकार
बता दें कि महाराष्ट्र में अभी शिवसेना, कांग्रेस और NCP के महा विकास अघाड़ी गठबंधन की सरकार है। अजित की बगावत नाकाम रहने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।