#NewsBytesExplainer: NCP की जंग में शरद पवार और अजित पवार में से किसके पास ज्यादा विधायक?
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में बगावत के बाद अब पार्टी पर अधिकार को लेकर दोनों गुट अलग-अलग दावे कर रहे हैं। शरद पवार का कहना है कि कई विधायक उनके संपर्क में हैं। दूसरी ओर बगावती रुख अपनाने वाले अजित पवार भी कह रहे हैं कि उन्हें 40 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। हालांकि, दोनों गुटों को कितने विधायकों का समर्थन है, इस बारे में सटीक संख्या अभी तक सामने नहीं आई है।
क्या है अजित का दावा?
रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि अजित ने राज्यपाल को लिखे पत्र में 40 से ज्यादा विधायकों के समर्थन का दावा किया है। इस पत्र में इन विधायकों के हस्ताक्षर भी हैं। इनमें से 8 विधायक तो उनके साथ ही मंत्री पद की शपथ भी ले चुके हैं। NCP के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल का साथ भी अजित को मिला है। अजित दावा कर रहे हैं कि उनके पास दल-बदल कानून से बचने के लिए पर्याप्त संख्या बल है।
अजित के दावों में कितना दम है?
अजित भले ही पर्याप्त विधायकों के समर्थन का दावा कर रहे हों, लेकिन उनके साथ 8 विधायकों के अलावा किसी को नहीं देखा गया है। इसके उलट अजित के शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित रहे सांसद अमोल कोल्हे ने आज इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया है। अजित के लिए ये झटका है। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि अजित को NCP के 25 विधायकों का ही समर्थन मिला हुआ है।
शरद क्या दावा कर रहे हैं?
शरद के समर्थन में जिन नेताओं ने सोशल मीडिया पोस्ट की है, उनमें अनिल देशमुख, जीतेंद्र अवध, जयंत पाटिल, रोहित पवार, संदीप क्षीरसागर और प्राजक्त प्रसादराव तनपुरे शामिल हैं। बताया जा रहा है कि शरद केवल मंत्री बनने वाले बागी विधायकों के खिलाफ ही एक्शन लेना चाहते हैं, सभी के खिलाफ नहीं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, शरद को करीब 13 विधायकों का समर्थन है और 15 विधायक ऐसे हैं, जिन्होंने अपना रुख अभी तक साफ नहीं किया है।
NCP पर अधिकार को लेकर किसका पलड़ा भारी?
ये मामला थोड़ा पेचीदा है। NCP के कुल 53 विधायक हैं। अगर अजित को दल-बदल कानून से बचना है तो उन्हें कम से कम 36 विधायकों का समर्थन साबित करना जरूरी है। अगर वे ऐसा नहीं कर पाए तो बागी विधायक अयोग्य घोषित हो जाएंगे। इस मामले में विधानसभा स्पीकर की भूमिका भी बहुत अहम है। दूसरी ओर, चुनाव आयोग भी विधायकों की संख्या के साथ ही कई पहलूओं को ध्यान में रखते हुए फैसला करेगा।
NCP में क्या उठापटक हुई?
शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने रविवार को अपने चाचा के खिलाफ बगावत करते हुए भाजपा से हाथ मिला लिया था और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली भाजपा-शिवसेना की सरकार में शामिल हो गए थे। उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। उनके साथ NCP के 12 विधायक और आए, जिनमें से 8 को मंत्री बनाया गया है। इन नेताओं में प्रफुल्ल पटेल भी शामिल हैं, जिन्हें शरद पवार का विश्वस्त माना जाता है।