महाराष्ट्र: जलगांव में बच्चों के विवाद ने सांप्रदायिक रंग लिया, 12 जून तक कर्फ्यू
महाराष्ट्र के जलगांव जिले के अमलनेर में बच्चों के खिलौनों को लेकर शुरू हुए विवाद ने सांप्रदायिक हिंसा का रूप ले लिया। इस दौरान विवाद इतना बढ़ा कि दो गुट आमने-सामने हो गए और पत्थरबाजी शुरू हो गई। इसके बाद पुलिस ने इलाके में 10 जून की सुबह 11 बजे से 48 घंटे के लिए कर्फ्यू लगा दिया है। पुलिस ने अब तक 31 लोगों को हिरासत में लिया है और 100 से ज्यादा केस दर्ज किए हैं।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
विवाद की शुरुआत 9 जून की रात करीब 10 बजे हुई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बच्चों के खिलौनों को लेकर दो गुटों में तीखी नोकझोंक हो गई। इस कहासुनी ने हिंसक रूप ले लिया और दोनों गुटों के बीच पत्थरबाजी शुरू हो गई। इसके बाद शहर के जिंजरगल्ली, जूना पारधी वाडा और सराफा बाजार में हिंसा की चपेट में आ गया। मौके पर पहुंची पुलिस पर भी पत्थरबाजी की गई, जिसमें 4 पुलिसकर्मियों के घायल होने की खबर है।
2 दिन तक कर्फ्यू
घटना के बाद हिंसाग्रस्त इलाकों में पुलिसबल तैनात किया गया और धारा 144 लागू की गई। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए 10-12 जून तक कर्फ्यू लगाया गया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने 50 से ज्यादा लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 307 (हत्या की कोशिश), 353 (सरकारी काम में बाधा का प्रयास), 143 (गैरकानूनी रूप से इकट्ठा होना), 148 (दंगे) समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है।
पुलिस ने की शांति बनाए रखने की अपील
जलगांव के पुलिस अधीक्षक एम राजकुमार ने लोगों से किसी भी अफवाह पर ध्यान न देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, "2 गुटों में मामूली बात को लेकर झगड़ा हो गया था। उसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। हम लोगों से अनुरोध करते हैं कि किसी भी तरह की अफवाहों पर विश्वास न करें।" SDM कैलास कडलग ने अमलनेर के लोगों से कर्फ्यू के दौरान अपने घरों में रहने और जिला प्रशासन का सहयोग करने की अपील की है।
कोल्हापुर और अहमदनगर में भी भड़की थी हिंसा
इससे पहले महाराष्ट्र में औरंगजेब को लेकर 2 जिलों में हिंसा भड़की थी। कोल्हापुर में मंगलवार को कुछ युवकों ने सोशल मीडिया पर औरंगजेब के समर्थन में पोस्ट किया था। इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प हो गई थी। इससे पहले अहमदनगर में पत्थरबाजी की घटना सामने आई थी। यहां औरंगजेब के समर्थन में हुई एक रैली के बाद हिंसा भड़क उठी थी, जिसके बाद कर्फ्यू लगाया गया था।