दिल्ली दंगों की चार्जशीट में कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद का नाम, 'भड़काऊ भाषण' देने का आरोप
दिल्ली पुलिस ने इस साल फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली के इलाकों में हुए दंगों की चार्जशीट में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद का नाम शामिल किया है। उन पर 'भड़काऊ भाषण' देने का आरोप है। 17 सितंबर को दायर की गई इस चार्जशीट में पुलिस ने एक गवाह के हवाले से दावा किया है कि उमर खालिद, सलमान खुर्शीद और नदीम खान नागरिकता कानून के खिलाफ चल रहे धरनों में भड़काऊ बयान देते थे।
चार्जशीट में खुर्शीद के भाषण का जिक्र नहीं
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने चार्जशीट में यह नहीं बताया है कि वो उन्होंने किस तरह का भाषण दिया था। गवाह की पहचान भी गुप्त रखी गई है। पुलिस का दावा है कि यह गवाह दंगो की योजना बनाने वाले मुख्य लोगों की टीम का सदस्य था। पुलिस ने गवाह का बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज किया है, जिसकी वैधता ज्यादा है। एक और आरोपी ने भी प्रदर्शन स्थलों पर भाषण देने के लिए खुर्शीद का नाम लिया है।
खुर्शीद के अलावा वृंदा करात और उदित राज का भी नाम
चार्जशीट में कहा गया है कि सलमान खुर्शीद के अलावा गवाह ने उदित राज, वृंदा करात आदि का भी नाम लिया है। गवाह ने कहा है कि ये नेता नागरिकता कानून के खिलाफ चल रहे प्रदर्शनों में आकर भाषण देते थे।
सलमान खुर्शीद ने आरोपों पर दी कड़ी प्रतिक्रिया
वहीं 67 वर्षीय कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, "अगर आप कचरा इकट्ठा करते हैं तो आपको बहुत सारी गंदगी मिलती है। किसी भी कचरे से किसी भी व्यक्ति के बयान का समर्थन किया जा सकता है। मैं यह जानना चाहूंगा कि भड़काऊ बयान क्या है?" उन्होंने आगे कहा कि यह कचरा इकट्ठा करने की कोशिश है, लेकिन ऐसा करने वाले अपना काम सही से नहीं कर रहे हैं।
खुर्शीद ने पूछा- पुलिस ने बयान पर कार्रवाई क्यों नहीं की?
खुर्शीद ने आगे कहा, "क्या गवाह झूठ नहीं बोल रहा कि मैंने भड़ाकऊ भाषण दिया है? क्या पुलिस ने बयान पर कोई कार्रवाई की है? अगर उन्होंने कार्रवाई नहीं की तो बयान का कोई महत्व नहीं है।" बता दें कि पुलिस द्वारा दायर की गई इस चार्जशीट में शामिल किए गए सलमान खुर्शीद सबसे बड़े नेता है। उनके अलावा इस चार्जशीट में योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण आदि का नाम भी शामिल किया गया है।
पुलिस की चार्जशीट पर उठ रहे सवाल
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 17 सितंबर को कड़कड़डूमा अदालत में 17,000 पेज की चार्जशीट दायर की थी। इसमें पुलिस ने 15 लोगों का आरोपियों के तौर पर जिक्र किया है। साथ ही पुलिस का कहना है कि उसकी जांच अभी जारी है और वह एक पूरक चार्जशीट भी दायर करेगी। हालांकि, इस चार्जशीट पर सवाल उठ रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि दिल्ली पुलिस इसके जरिये सरकार के विरोधियों को निशाना बना रही है।
तीन दिन दंगो की आग में जली थी उत्तर-पूर्वी दिल्ली
उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में इस साल 24 से 26 फरवरी के बीच लगातार तीन दिन दंगे हुए थे। इनमें 53 लोगों की मौत हुई थी जबकि लगभग 500 घायल हुए थे। मरने वालों में दिल्ली पुलिस का एक जवान भी शामिल था। इस दौरान संपत्ति का भी भारी नुकसान हुआ था और दंगाइयों ने घरों, दुकानों और वाहनों समेत जो भी आगे आया, उसमें आग लगा दी। एक पेट्रोल पंप को भी आग लगाई गई थी।