कृषि विधेयकों के खिलाफ आज से देशव्यापी आंदोलन शुरू करेगी कांग्रेस, दो महीने चलेंगे प्रदर्शन
क्या है खबर?
कांग्रेस आज से कृषि विधेयकों के खिलाफ अपना देशव्यापी प्रदर्शन शुरू करने जा रही है। लगभग दो महीने के अपने इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस ने जुलूस निकालने और प्रेस कॉन्फ्रेंस करने से लेकर राज्यपालों और राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपने तक की योजना बनाई है।
इसके अलावा आज पंजाब के किसान भी 'रेल रोको' अभियान चला रहे हैं जिसकी वजह से 28 विशेष ट्रेनों को आंशिक या पूर्ण रूप से रद्द कर दिया गया है।
पृष्ठभूमि
क्या है कृषि विधेयकों का मुद्दा?
मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता विधेयक और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक लेकर आई है जो संसद से पारित हो चुके हैं।
पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन बिलों का जमकर विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिए सरकार मंडियों और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से छुटकारा पाना चाहती है।
विरोध प्रदर्शन
कांग्रेस समेत तमाम पार्टियां और किसान सगंठन करेंगे देशभर में प्रदर्शन
तमाम किसान संगठनों और विपक्षी पार्टियों ने इन कृषि विधेयकों को खिलाफ देशव्यापी आंदोलन छेड़ने का ऐलान किया है और इसी कड़ी में आज कांग्रेस अपना विरोध प्रदर्शन शुरू करने जा रही है।
कांग्रेस ने देशव्यापी प्रदर्शन करने का फैसला महासचिव और राज्य प्रभारियों के बीच सोमवार को दिल्ली में हुई एक बैठक में लिया। बैठक के बाद वरिष्ठ नेता एके एंटनी ने कहा था कि उनका देशव्यापी आंदोलन इन काले कानूनों को वापस लिए जाने तक जारी रहेगा।
योजना
दो महीने के प्रदर्शन के दौरान ये चीजें करेगी कांग्रेस
अपने दो महीने के विरोध प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कई प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी और इस कड़ी में पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस आज की जाएगी।
28 सितंबर को तमाम राज्यों के कांग्रेस नेता राज भवनों तक जुलूस निकालते हुए राज्यपालों को कृषि विधेयकों पर ज्ञापन सौपेंगे और उनसे इसे राष्ट्रपित रामनाथ कोविंद तक पहुंचाने का अनुरोध करेंगे।
2 अक्टूबर को महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के मौके पर कांग्रेस 'किसान-मजदूर बचाओ' दिवस बनाएगी।
हस्ताक्षर अभियान
देशभर से दो करोड़ किसानों के हस्ताक्षर इकट्ठा करेगी कांग्रेस
10 अक्टूबर को कांग्रेस विधेयकों के विरोध में राज्यों के स्तर पर सम्मेलन करेगी, वहीं 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर के बीच पार्टी देशभर से दो करोड़ किसानों के हस्ताक्षर इकट्ठा करेगी।
14 नवंबर को देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की जयंती के अवसर पर पार्टी इन हस्ताक्षरों को अपने ज्ञापन के साथ राष्ट्रपति को सौंपेगी।
इसके अलावा कांग्रेस कृषि विधेयकों को तत्काल वापस लेने की मांग करते हुए देश के हर जिले में धरना-प्रदर्शन भी करेगी।
बिहार राजनीति
बिहार चुनाव में भी मुद्दे को भुनाने की फिराक में कांग्रेस
कांग्रेस मुद्दे को बिहार विधानसभा चुनाव में भी भुनाना चाहती है और आज पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। अटकलें हैं कि कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का महागठबंधन इस मुद्दे पर भाजपा और जनता दल यूनाइटेड (JDU) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) को घेरने की कोशिश कर सकता है।
इसकी काट के लिए NDA बिहार से आने वाले राज्यसभा उपसभापति हरिवंश के साथ विपक्षी सांसदों के अमर्यादित व्यवहार पर जोर दे सकती है।
प्रदर्शन
शुक्रवार का दिन बेहद अहम, एक साथ कई प्रदर्शन
कृषि विधेयकों के खिलाफ हो रहे सभी प्रदर्शनों की बात करें तो शुक्रवार बेहद अहम दिन होने जा रहा है। भारतीय किसान यूनियन (BKU) इस दिन देशव्यापी प्रदर्शन करते हुए सड़कें जाम करेगी, वहीं अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने भी इस दिन प्रदर्शन बुलाया है जिसे 10 किसान संगठनों ने समर्थन दिया है।
पंजाब के 30 किसान संगठन भी इस दिन राज्य में प्रदर्शन करेंगे और आम आदमी पार्टी (AAP) ने इसे अपना समर्थन दिया है।