अशोक गहलोत और सचिन पायलट में हुई सुलह? कांग्रेस ने कहा- साथ मिलकर लड़ेंगे राजस्थान चुनाव
क्या है खबर?
राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच लंबे समय से चल रही खींचतान आखिर खत्म हो गई।
सोमवार देर रात दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के साथ करीब 4 घंटे चली बैठक के बाद कर्नाटक की तरह दोनों नेताओं ने आगामी विधानसभा चुनाव एकजुट होकर लड़ने पर सहमति जताई है।
ये बैठक कांग्रेस हाईकमान ने दोनों नेताओं के बीच अंदरूनी कलह को दूर करने के लिए बुलाई थी।
बैठक
एक होकर लड़ेंगे राजस्थान विधानसभा चुनाव- केसी वेणुगोपाल
बैठक के बाद कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, "राजस्थान विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी के शीर्ष नेताओं ने एक बैठक की। हमने फैसला किया है कि कांग्रेस एकजुट होकर यह चुनाव लड़ेगी। दोनों (अशोक गहलोत और सचिन पायलट) सहमत हैं कि कांग्रेस को एकजुट होकर चुनाव मैदान में उतरना चाहिए और राजस्थान में हम निश्चित तौर पर चुनाव जीतेंगे।"
उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान दोनों नेताओं के बीच चल रही अनबन और मुद्दों का समाधान निकालेगी।
फॉर्मूला
कांग्रेस हाईकमान को कर्नाटक से मिली प्रेरणा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजस्थान के 2 सबसे महत्वपूर्ण नेताओं के बीच सुलह कराने का ये प्रयास कर्नाटक में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और प्रदेश कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार के बीच हाल ही में हुए समझौते से प्रेरित रहा।
कर्नाटक चुनाव में न सिर्फ कांग्रेस ने बड़ी जीत दर्ज की, बल्कि चुनाव के बाद सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर हुई खींचतान को सुलझाने में भी पार्टी हाईकमान कामयाब हुई, जिससे उसका आत्मविश्वास और बढ़ा है।
अल्टीमेटम
पायलट के अल्टीमेटम के बाद हाईकमान ने बुलाई थी बैठक
पार्टी हाईकमान ने ये बैठक पायलट के 15 दिनों के अल्टीमेटम के बाद बुलाई थी, जिसमें उन्होंने गहलोत सरकार के खिलाफ राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी थी।
पायलट ने कहा था कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यकाल के दौरान हुए घोटालों पर कार्रवाई नहीं होने पर वह पूरे राजस्थान में विरोध-प्रदर्शन करेंगे।
उन्होंने पिछली भाजपा सरकार के दौरान कथित भ्रष्टाचार पर गहलोत की निष्क्रियता पर निशाना साधते हुए एक दिन का अनशन किया और पैदल यात्रा भी निकाली थी।
विवाद
पायलट और गहलोत के बीच क्या है विवाद?
2018 राजस्थान चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद पायलट और गहलोत के बीच विवाद की शुरुआत हुई थी।
उस वक्त पायलट राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष थे और कयास लगाए जा रहे थे कि उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। इस बीच पार्टी हाईकमान ने गहलोत को मुख्यमंत्री बनाकर पायलट को उपमुख्यमंत्री का पद दे दिया।
पायलट ने 2020 में गहलोत के खिलाफ बगावत करते हुए उपमुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था।
चुनाव नतीजे
क्या रहे थे पिछले राजस्थान चुनाव के नतीजे?
राजस्थान में दिसंबर, 2018 में सभी 200 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव हुआ था।
कांग्रेस ने बहुमत के आंकड़े से सिर्फ 1 सीट कम हासिल करते हुए 100 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि भाजपा 73 सीटें जीतने में कामयाब हुई थी। हालांकि, अन्य पार्टियों और निर्दलीय विधायकों के सहयोग के बाद कांग्रेस ने सरकार बना ली थी।
अगर वोट प्रतिशत की बात करें तो कांग्रेस ने 39.30 प्रतिशत वोट और भाजपा ने 38.08 प्रतिशत वोट हासिल किए थे।