राजस्थान: सचिन पायलट का गहलोत को अल्टीमेटम, 15 दिन के अंदर भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करें
राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस के नेता सचिन पायलट की 5 दिवसीय जन संघर्ष यात्रा सोमवार को राजधानी जयपुर में समाप्त हो गई। पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भ्रष्टाचार के खिलाफ 15 दिनों के अंदर कार्रवाई करने का अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने कहा कि कार्रवाई नहीं होने पर वह पूरे राजस्थान में विरोध-प्रदर्शन करेंगे। पायलट ने 11 मई को अजमेर से करीब 125 किलोमीटर लंबी यह यात्रा शुरू की थी।
मैं हमेशा राजस्थान के लोगों के लिए लड़ता रहूंगा- पायलट
पायलट ने यात्रा समाप्त होने के बाद जयपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, "मैं किसी पद पर रहूं या न रहूं, लेकिन हमेशा राजस्थान की जनता की सेवा करता रहूंगा। मैं किसी से नहीं डरूंगा और ना ही किसी से दबूंगा। मैं हमेशा लोगों के लिए लड़ा हूं और आगे भी लड़ता रहूंगा।" उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू की गई यात्रा में राजस्थान के कई हिस्सों से लोगों ने हिस्सा लिया।
पायलट ने गहलोत सरकार के सामने रखीं कई मांगें
पायलट ने राजस्थान सरकार के सामने कई मांगें रखी हैं। उन्होंने अजमेर स्थित राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) को भंग कर नई समिति का गठन करने की मांग की है। उन्होंने समिति के नए सदस्यों की जांच करने की मांग भी रखी। पायलट ने गहलोत से पेपर लीक के कारण प्रभावित अभ्यर्थियों को मुआवजा देने के लिए भी कहा है। उन्होंने भाजपा की सरकार में हुए कथित भ्रष्टाचार की जांच शुरू करने की मांग भी की है।
पायलट बोले- मांगें पूरी नहीं होने हर गांव में आंदोलन करेंगे
पायलट ने कहा कि अगर इस महीने के अंत तक उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वह पूरे राज्य की जनता के साथ आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा, "हमने अभी गांधीवादी तरीके से अनशन किया है, लेकिन अगर भ्रष्टाचार के आरोपों पर कार्रवाई नहीं हुई तो हम पूरे राज्य में आंदोलन करेंगे। हम हर गांव और हर टोले में जाएंगे।" उन्होंने कहा कि नौजवानों के दिल में आग जलाने के लिए निकाली गई यात्रा से कई लोग घबरा गए हैं।
पिछले महीने गहलोत के खिलाफ अनशन पर बैठे थे पायलट
पायलट ने पिछले महीने जयपुर में गहलोत सरकार के खिलाफ एक दिन का अनशन भी किया था। उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता वसुंधरा राजे के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया था। पायलट ने कहा था कि तत्कालीन भाजपा सरकार के दौरान हुए भ्रष्टाचार और घोटालों के मामलों को दबा दिया गया है। उन्होंने कहा था कि उनका यह अनशन पार्टी विरोधी नहीं है और वह सिर्फ जनहित के मुद्दों को उठा रहे हैं।
क्या कांग्रेस छोड़ सकते हैं पायलट?
राजस्थान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष पायलट और मुख्यमंत्री गहलोत के बीच मतभेद गहराने के बाद पायलट के कांग्रेस छोड़कर जाने की अटकलें दोबारा तेज हो गई हैं। पायलट और गहलोत के बीच मतभेद पहली बार 2020 में खुलकर सामने आए थे। तब पायलट गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत करते हुए कांग्रेस के 18 विधायकों को लेकर हरियाणा के मानेसर चले गए थे। इन विधायकों ने गहलोत को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग की थी। ये बगावत सफल नहीं हुई।