सोनिया गांधी ने असंतुष्ट नेताओं से की मुलाकात, नए अध्यक्ष के चुनाव पर की चर्चा
क्या है खबर?
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अंदुरुनी कलह के बीच शनिवार को पार्टी के असंतुष्ट नेताओं से मुलाकात की।
इन नेताओं ने अगस्त में सोनिया को पत्र लिखकर नए नेतृत्व के मामले को हवा दी थी। ऐसे में सबसे पुरानी पार्टी के अध्यक्ष के चयन के लिए सोनिया गांधी अगले दस दिनों तक पार्टी नेताओं के साथ बैठक करेगी।
रिपोर्ट के अनुसार इस अहम बैठक में सोनिया गांधी के बेटे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी हिस्सा लिया।
पृष्ठभूमि
अगस्त में 23 कांग्रेस नेताओं ने पत्र लिखकर की थी नेतृत्व में बदलाव की मांग
बता दें कि अगस्त के महीने में पार्टी के 23 दिग्गज नेताओं के एक समूह ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी के लिए सक्रिय अध्यक्ष होने और व्यापक संगठनात्मक बदलाव करने की मांग की थी।
पत्र का विचार शशि थरूर द्वारा आयोजित रात्रिभोज में दिया गया था। बाद में कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक बुलाकर पत्र पर चर्चा की गई, जिसमें अगले छह महीने तक सोनिया गांधी को ही अंतरिम अध्यक्ष बनाए रखने का निर्णय किया गया था।
वार्ता
पत्र लिखे जाने के महीनों बाद कांग्रेस ने असंतुष्टों से की वार्ता
सोनिया गांधी को लिखे गए पत्र ने महीनों बाद अब असंतुष्टों से चर्चा करने के लिए कांग्रेस को नींद से जगा दिया है।
पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में शामिल जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा ने शनिवार को सोनिया गांधी के 10 जनपथ स्थित आवास पर पहुंचकर उनसे चर्चा की।
इस दौरान उन्होंने अन्य मांगों के साथ सोनिया गांधी से पार्टी के भीतर सभी पदों पर फिर से चुनाव कराने की मांग की।
अन्य सहयोगी
थरूर, चिदंबरम, एंटनी, नाथ आदि भी बैठक में हुए शामिल
बैठक में भाग लेने वाले 23 असंतुष्ट नेताओं में अन्य सदस्य शशि थरूर और मनीष तिवारी भी शामिल हैं।
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, अंबिका सोनी, एके एंटनी, पी चिदंबरम, भूपिंदर सिंह हुड्डा, पवन बंसल और हरीश रावत जैसे वरिष्ठ नेताओं ने भी सोनिया गांधी के घर पहुंचकर वार्ता की।
NDTV के अनुसार सोनिया गांधी को बैठक के लिए तैयार करने में कमलनाथ की अहम भूमिका रही है।
उद्देश्य
जल्द से जल्द संकट खत्म करना चाहती है सोनिया गांधी
हाल के घटनाक्रमों में शामिल एक सूत्र ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि सोनिया जल्द से जल्द पार्टी के भीतर पनपे इस संकट को खत्म करना चाहती है और वह असंतुष्टों को दरकिनार नहीं करना चाहती।
उन्होंने कहा, "वह सभी वरिष्ठ नेताओं को एक साथ लाना चाहती हैं और पार्टी में मौजूदा गतिरोध को समाप्त करना चाहती हैं। वह चाहती हैं कि सभी नेता पार्टी को मजबूत करने में राहुल गांधी के साथ निकट समन्वय में काम करें।"
हालिया विद्रोह
सिब्बल और चिदंबरम ने पिछले महीने पार्टी के भविष्य पर जताई थी चिंता
पहले से ही संकट में फंसी कांग्रेस को उस समय एक और झटका लगा, जब उसने बिहार चुनाव में खराब प्रदर्शन किया।
उसके कारण बिहार में उसकी सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) को भी हार का सामना करना पड़ा।
चुनाव के नतीजों के बाद वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने पत्र लिखकर कहा था कि पार्टी में अब कोई प्रभावी विकल्प नहीं है। गांधीवाद के करीबी चिदंबरम ने यह भी कहा कि पार्टी में संगठनात्मक उपस्थिति का अभाव है।
दावा
सुरजेवाला के अनुसार 99.9% नेता राहुल को बनाना चाहते हैं कांग्रेस अध्यक्ष
अंदरूनी कलह को खारिज करते हुए लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि जिन नेताओं को लगता है कि कांग्रेस पार्टी सही नहीं है, वह अपने रास्ता चुनने के लिए स्वतंत्र हैं।
शुक्रवार को पार्टी के शीर्ष प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने दावा किया कि 99.9% नेता चाहते हैं कि राहुल गांधी को फिर से अध्यक्ष बनाए जाए। बता दें कि 2019 के चुनावों में शर्मनाक हार के बाद गांधी ने अध्यक्ष पद छोड़ दिया था।