कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा का 93 साल की उम्र में निधन
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा का सोमवार को 93 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वह सांस लेने में तकलीफ के कारण 19 दिसंबर से दिल्ली के फोर्टिस एस्कॉर्ट अस्पताल में भर्ती थे और यही पर उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली। पिछले दो महीने में यह कांग्रेस को तीसरा बड़ा नुकसान है और इससे पहले उसके वरिष्ठ नेता अहमद पटेल और तरुण गोगोई का भी हाल ही में निधन हुआ था।
राहुल गांधी समेत तमाम नेताओं ने जताया निधन पर शोक
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी समेत तमाम बड़े नेताओं ने मोतीलाल वोरा के निधन पर शोक जताया है। राहुल ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'वोरा जी सच्चे कांग्रेसी और जबरदस्त इंसान थे। हमें उनकी कमी बहुत खलेगी। उनके परिवार और दोस्तों के साथ साथ मेरी संवेदनाएं हैं।' वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वोरा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने पूरे जीवन कांग्रेस की सेवा की और उनका जाना कांग्रेस के लिए बड़ी क्षति है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बोले- कांग्रेस के लिए एक अभिभावक के जाने जैसा
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी ट्वीट कर वोरा के निधन पर शोक व्यक्त किया और कांग्रेस के लिए उनके योगदान को याद किया। उन्होंने लिखा, 'बाबूजी श्री मोतीलाल वोरा जी का जाना न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे कांग्रेस परिवार के लिए एक अभिभावक के चले जाने जैसा है। जमीनी स्तर से राजनीति शुरु करके राष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई और आजीवन एक समर्पित कांग्रेसी बने रहे। उनकी जगह कभी नहीं भरी जा सकेगी।'
बाबूजी से ही सीखा था राजनीति का ककहरा- भूपेश बघेल
50 साल से कांग्रेस के साथ जुड़े हुए थे मोतीलाल वोरा
पिछले 50 साल से कांग्रेस से जुड़े रहे मोतीलाल वोरा ने 1960 के दशक में एक समाजवादी पार्टी से अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत की थी और वह 1970 में कांग्रेस में शामिल हुए। इसके बाद 1972, 1977 और 1980 में वह कांग्रेस की टिकट पर मध्य प्रदेश के विधायक चुने गए और 1980 की अर्जुन सिंह सरकार में उच्च शिक्षा विभाग के अध्यक्ष रहे। 1983 में वह पहली बार मध्य प्रदेश में कैबिनेट मंत्री बने।
दो बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे वोरा
अपने राजनीतिक सफर में मोतीलाल वोरा दो बार अविभाजित मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे। वह पहली बार मार्च, 1985 में राज्य के मुख्यमंत्री नियुक्त किए गए और फरवरी, 1988 तक इस पद पर रहे। दूसरी बार वह जनवरी, 1989 से दिसंबर, 1989 तक मुख्यमंत्री रहे। वह उत्तर प्रदेश के राज्यपाल और राज्यसभा के सदस्य भी रहे। इस साल अप्रैल तक वह छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सांसद थे। उन्होंने 18 साल (2000-2018) कांग्रेस के कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाली।
गांधी परिवार के करीबी माने जाते थे वोरा
वोरा को गांधी परिवार विशेषकर राहुल गांधी का करीबी भी माना जाता था और 2004 लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने खुल कर राहुल को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने की वकालत की थी। हालांकि बाद में ये जिम्मेदारी मनमोहन सिंह को दे दी गई। बता दें कि वोरा ने एक दिन पहले (20 दिसंबर) को ही अपना 93वां जन्मदिन मनाया था। उन्हें अक्टूबर में कोरोना वायरस से संक्रमित भी पाया गया था और वह इसे हराने में कामयाब रहे थे।