भारत और अमेरिका के बाद अब पाकिस्तान में भी बैन हुई टिक-टॉक
भारत और अमेरिका के बाद अब पाकिस्तान में भी टिक-टॉक ऐप बैन हो गई है। पाकिस्तान टेलीकम्युनिकेशन अथॉरिटी (PTA) ने कहा कि उसे ऐप पर शेयर किए जा रहे 'अनैतिक और अशोभनीय' कंटेट को लेकर कई शिकायतें मिली थीं, जिसके बाद यह फैसला लिया गया है। PTA ने कहा कि टिक-टॉक गैरकानूनी ऑनलाइन कंटेट को दूर रखने की प्रणाली विकसित करने में पूरी तरह असफल हुई है। आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
टिक-टॉक को अंतिम नोटिस जारी किया गया- PTA
टिक-टॉक पर पाबंदी का आदेश जारी करते हुए PTA ने कहा कि उसे समाज के अलग-अलग वर्गों से ऐप पर किए जा रहे अनैतिक और अशोभनीय कंटेट को लेकर कई शिकायतें मिली थीं। इसे देखते हुए अथॉरिटी ने ऐप को ब्लॉक करने का फैसला लिया है। बयान में आगे कहा गया है कि PTA ने टिक-टॉक को अंतिम नोटिस जारी किया है और उसे जवाब देने के लिए पर्याप्त समय दिया गया है।
कंंपनी के साथ बात करने को तैयार PTA
PTA ने आगे कहा कि वह टिक-टॉक के साथ बात करने को तैयार है और अगर टिक-टॉक गैर-कानूनी कंटेट को रोकने की प्रणाली तैयार करने में सफल रहती है तो वह अपने निर्णय की समीक्षा करेगी।
भारत ने जून में लगाई थी टिक-टॉक पर पाबंदी
पाकिस्तान से पहले भारत और अमेरिका भी टिक-टॉक ऐप पर पाबंदियां लगा चुके हैं। भारत ने पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी सीमा विवाद के बीच जून में टिक-टॉक समेत 59 चाइनीज ऐप्स को बैन कर दिया था। भारत सरकार की तरफ से कहा गया कि ये ऐप्स भारत की संप्रुभता, सुरक्षा और अखंडता पर घातक हमला कर रहे थे। इसके बाद भारत ने कई चरणों में 200 से ज्यादा चाइऩीज ऐप्स को बैन कर दिया है।
अमेरिका में पिछले महीने लगी थी पाबंदी
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अगस्त की शुरुआत में एक कार्यकारी आदेश जारी करते हुए टिक-टॉक की मालिक कंपनी बाइटडांस और वीचैट की मालिक कंपनी टेन्सेंट के साथ किसी भी तरह के लेनदेन पर पाबंदी लगा दी थी। यह प्रतिबंध 45 दिन बाद लागू होना था। इसी आदेश के तहत बीते 20 सितंबर से टिक-टॉक और वीचैट अमेरिका में ऐप स्टोर्स से हट गई। इसका मतलब यह है कि अब वहां लोग इन ऐप्स को डाउनलोड नहीं कर पा रहे हैं।
सवालों के घेरे में रही है टिक-टॉक
गौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी की शुरूआत से ही अमेरिका और चीन किसी न किसी मुद्दे को लेकर आमने-सामने हैं और ट्रंप प्रशासन कई महीनों से टिक-टॉक पर बैन लगाने की धमकी दे रहा था ऐप पर अमेरिकी की कई सुरक्षा एजेंसियों और संगठनों ने सवाल उठाए थे और अमेरिका सेना समेत कई विभागों में इसके प्रयोग पर प्रतिबंध था। इसके अलावा टिक-टॉक ऐप पर डाटा चोरी करने का आरोप लगता रहता है।
अगस्त में CEO ने दिया था इस्तीफा
ट्रंप प्रशासन के साथ चल रहे विवाद और सौदे की खबरों की बीच टिक-टॉक ऐप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) केविन मेयर ने अगस्त में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। वो इसी साल मई में कंपनी के साथ जुड़े थे। मेयर ने अपने पत्र में लिखा कि कुछ हफ्तों में राजनीतिक माहौल काफी बदला है और वो भारी मन से कंपनी छोड़कर जा रहे हैं। उनकी जगह वेनेसा पप्पास मेयर को CEO का कार्यभार सौंपा गया था।